तुलसी के पते का उपयोग औषधि निर्माण में किया जाता है। यह अधिकतर लोगों को सर्दी-खांसी में राहत पंहुचाता है। हिन्दू धर्म में तुलसी का पता शुभ माना जाता है और यह सभी लोगों के घरों में मौजूद रहता है। धार्मिक रूप से पूज्य माने जाने वाला तुलसी औषधीय दृष्टिकोण से भी बहुत महत्त्व रखता है। कई खास गुणों के कारण तुलसी के पत्तों का बहुत डिमांड है।
आज की कहानी एक ऐसे किसान की है जिन्होंने तुलसी की खेती का शुभारंभ किया और लाखों रुपये कमाने लगे। फिर क्या इस तुलसी की खेती से उनके भाग्य के ताले खुल गए।
किसान उदय बहादुर
किसान उदय बहादुर (Uday Bahadur) उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के एक गांव टिकरी (Tikari) के निवासी हैं। उनके पास 6 बीघा जमीन थी जिसमें वह खेती कर अपना आजीविका चलाया करते थें। उनके पास पैसे की बहुत किल्लत थी जिस कारण परेशानियां होती रहती थी।
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कृषि कर्मचारी ने दिया सलाह
वह 2 वर्ष पूर्व एक कृषि कर्मचारी से मिले तो बातों-बातों में उन्होंने उदय जी को यह सलाह दिया कि वह तुलसी की खेती करें। खेती से किस तरह व्यवसाय किया जाता है उन्होंने उदय जी को उसके लिए ट्रेनिंग भी दिया।
2 बीघा जमीन में की तुलसी की खेती
उदय जी को 6 बीघा जमीन थी जिसमें उन्होंने 4 बीघा में अपने खाने युक्त अनाज उगाए और बाकी 2 बीघा में तुलसी की खेती की। उन्हें अपनी इस खेती से प्रथम बार में हीं कामयाबी हांथ लगी।
बेटे को पढ़ाकर बनाया इंजीनियर
आज इसी तुलसी की खेती की बदौलत उन्होंने अपने बेटे को उच्च शिक्षा दिलाकर इंजीनियर बनाया है। कभी आर्थिक तंगी के कारण जिन्हें अक्सर कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था आज वह इस खेती को कर आरामदायक जीवनयापन कर रहे हैं।
तुलसी की खेती कर अधिक लाभ कमाने के लिए The Logically उदय जी को बधाई देता है और किसानों से अपील करता है कि वह भी इस खेती को अपनाएं और खूब लाभ कमाएं।