ऐसा अक्सर देखने को मिलता है की जिंदगी में एक मुकाम और लक्ष्य प्राप्त करने के बाद इंसान जिंदगी की तमाम बंधनों में जकड़ जाता है और समाज और प्रकृति की महत्ता को समझने से इंकार कर देता है । लेकिन ज़िन्दगी की तमाम उपलब्धियों के बावजूद कुछ ऐसे भी लोग हैं जो अपनी सफलता और अच्छे स्वास्थ्य के साथ वह समाज और प्रकृति के लिए हमेशा कुछ बेहतर करने के लिए प्रयासरत रहते हैं।
लालबाबू सिंह वर्तमान में बिहार के पटना जिले में बतौर जिला सूचना एवं सम्पर्क पदाधिकारी के पद पर कार्यरत हैं और वे अपना काम पूर्ण निष्ठावान से करने के बावजूद भी प्रकृति सेवा के लिए वक्त निकाल लेते हैं । लालबाबू सिंह का प्रकृति में अत्यंत रुझान होने के कारण वह हमेशा अपने घर,ऑफिस और दूसरे सामाजिक स्थलों पर,(जहां जगह उपलब्ध हो) पेड़ लगाकर उसके संरक्षण का विशेष ख्याल रखते हैं । पिछले 2 वर्षों में लालबाबू सिंह ने अपनी निरंतर प्रयास और कुछ दोस्तों की मदद से 15000 से भी अधिक पौधे लगवाए हैं और इनका संरक्षण भी करवाते हैं।
कैसे आया ख्याल
बात 2018 की है जब लालबाबू सिंह बिहार के नालंदा में बतौर सूचना जनसम्पर्क पदाधिकारी कार्यरत थे, तभी उनकी मुलाकात वहां के कुछ ऐसे युवाओं से हुई जो हर रोज पेड़ लगाने का कार्य करते थे। यह देखकर लालबाबू सिंह के अंदर यह ख्याल आया कि क्यों ना मैं भी इस कार्य की शुरुआत करूँ और तब से इन्होंने प्रकृति संरक्षण का बीड़ा उठा लिया । शुरुआत के दिनों में इन्होंने अपने ऑफिस और आसपास के इलाकों में पेड़ लगाया और इस कार्य को करते हुए इन्होंने आम जन का रुझान देखा और तब से वह इस कार्य को अन्य तरीकों से भी करने का प्रयास कर रहे हैं।
अपने गांव में बनाया एक समूह
प्रकृति सुरक्षा की शुरुआत के साथ ही लालबाबू सिंह ने यह सोचा कि क्यों ना इसकी शुरुआत अपने गांव से भी की जाय , और वहां के लोगों को भी प्रेरित करें । जब उन्होंने इस बात को अपने दोस्तों को बताया तो कुछ दोस्त इस कार्य के लिए राजी हो गए और उन्होंने इसे आगे बढ़ाने में अपना पूर्ण योगदान दिया। इस प्रस्ताव पर इनके मित्र राजेश,जो एक शिक्षक हैं और बृजेश, जो रेलवे में कार्यरत हैं , इन्होंने इस कार्य मे भरपूर योगदान दिया।
टीम के सभी सदस्यों के सहमति से इन्होंने एक समूह का गठन किया जिसका नाम ‘उन्नयन’ रखा गया और अब उन्नयन की सहायता से अनेकों कार्य को संपादित किया जाता है।
उन्नयन टीम के सदस्य अपने गांव और आसपास के विद्यालयों में पौधा वितरित करते हैं और बच्चों को भी पौधारोपण के बारे में प्रशिक्षित करते हैं। इस तरह टीम के सदस्य विभिन्न स्कूलों में जाकर सैकड़ों पौधे वितरित करते हैं जिसका संरक्षण वहां के बच्चों द्वारा किया जाता है । Logically से बात करते समय लालबाबू सिंह ने बताया कि, बच्चों को पौधारोपण की विधि समझाने के पीछे हमारा उद्देश्य है कि बच्चे प्रकृति के साथ संवाद कर सकें क्योंकि वही आगे के भविष्य है।
उन्नयन टीम के सदस्य धीरे धीरे पौधों का वितरण अन्य सामाजिक अवसरों पर करना शुरू किये । ब्रह्म भोज के अवसर पर गांव वालों के बीच पौधारोपण का कार्य शुरू किया गया जो एक बहुत ही बेहतरीन पहल है । गांव में ब्रह्म भोज के अवसर पर सैकड़ों की तादाद में लोग आते हैं ,उन्हें टीम के सदस्यों द्वारा पौधा वितरित किया जाता है। इस तरह से गांव के लोगों में प्रकृति प्रेम का रुझान देखने को मिल रहा है और वहां के लोग स्वयं प्रयास से भी पौधा लगाने को इच्छुक दिख रहे हैं।
उन्नयन द्वारा और भी सामाजिक कार्य किए जाते हैं जिसमें शिक्षा को बढ़ावा देने के साथ ही वैसे लोगों को भी मदद किया जाता है जिनका स्वास्थ्य खराब है ,और वह खुद से इलाज करने के लिए और असक्षम हैं ।
अभी तक के प्रयास से उन्नयन टीम के सदस्यों ने पिछले 2 साल में 15000 से भी अधिक पौधा लगाया है जो सराहनीय और अनुकरणीय है । The Logically टीम उन्नयन के सदस्यों को धन्यवाद ज्ञापन के साथ ही शुभकामनाएं देती है और अपने पाठकों से अपील करता है कि प्रकृति संरक्षण में अपना योगदान जरूर दें।