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UP के लड़के की एक अनूठी मुहिम, गांव गांव घूमकर पानी बचाने की शपथ दिलाता है

जल ही जीवन है ऐसा हमलोगो ने सुना है लेकिन जल को जीवन मानने वाले और जल बचाव का सोच रखने वाले बहुत कम ही लोगो को देखा होगा। आज हम बात करेंगे एक ऐसे लड़के की, जिसने जल बचाव (Water Saving) के साथ ही जल जीवन तथा जल बचाव का अभियान गाँव-गाँव तक चलाया है।

‌ कौन है वह पर्यावरण प्रेमी लड़का : –

‌उतर प्रदेश (Uttar Pradesh) राज्य के रहने वाले सावन कनौजिया( Sawan Kanaujiya), जिसने अपने पढ़ाई के दौरान 9 वीं कक्षा से ही अपने आप को पर्यावरण के लिए समर्पित कर दिया। उसने जल संरक्षण तथा पर्यावरण को लेकर कई तरह के अभियान की शुरुआत की।

Sawan Kanaujiya amazing campaign to save water



‌ सावन ने कैसे और क्यों की शुरुआत :-

‌दरअसल,जब सावन कनौजिया 9वीं कक्षा में थे तब उन्होंने अपने स्कूल में नलके से पानी टपकते हुए देखा और उन्होंने तुरंत जाके उस नल को बंद किया,तब से उनके मन में यह बात बैठ गया की इस पेयजल को व्यर्थ हो जाने से रोका जाना चाहिए उसके बाद उन्होंने पहली शुरुआत खुद से की,दांत ब्रश करते समय नल बंद रखना, शावर की जगह बाल्टी से नहाना, ऐसी छोटी-छोटी चीजों से उन्होंने पानी को बचाना शुरू कर दिया। धीरे-धीरे इन सब चीजों की उनको आदत हो गई। उसके बाद उन्होंने लोगो को प्रेरित करने को सोचा तब से वह जल जीवन तथा जल संरक्षण अभियान चलाकर गाँव-गाँव में जाकर लोगो को जागरूक करने का काम करते है तथा लोगो को शपथ भी दिलाते है कि वो आगे से जल को व्यर्थ नहीं गिरने देंगे।

‌’पानी की बात’ नाम का शुरू किया मुहिम :-

‌सावन ने लोगो को जागरूक करने के लिए “पानी की बात” नाम से एक मुहिम चलाया, जिसमे वो गांव-गांव जाकर लोगो को ये बताने का काम करते है कि पानी कितना महत्वपूर्ण है और इसे व्यर्थ ना होने दे साथ ही लोगो को शपथ भी दिलवाते है कि वो पानी के एक-एक बूंद को बचाएंगे।



‌लोगो ने की खूब आलोचना : –

‌शुरुआती दिनों में गाँव के लोग सावन की खुब आलोचना करते थे,कभी-कभी लोग सावन के पिता से यह भी बोलते थे कि, आपका बच्चा गलत रास्ते पर जा रहा है तथा अब वह 12वीं तक का भी पढ़ाई पूरा नहीं कर पायेगा जिससे सावन का विरोध घर में भी होता था। लेकिन बाद में सावन में यह साबित कर दिया की उसका सोच भविष्य में होने वाली जल समस्या से मुक्ती दिलाने में कारगार साबित होगा तथा इस नेक काम के लिए वो पुरस्कृत भी हुए।

निधि बिहार की रहने वाली हैं, जो अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद अभी बतौर शिक्षिका काम करती हैं। शिक्षा के क्षेत्र में कार्य करने के साथ ही निधि को लिखने का शौक है, और वह समाजिक मुद्दों पर अपनी विचार लिखती हैं।

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