हमेशा से बाल मजदूरी पर प्रतिबंध लगाने का काम होता है, लेकिन उसके क्या फायदे हैं, इससे हम सभी अपरिचित हैं। आज अनेकों कानून बनने के बावजूद भी बच्चों को होटल में लोगों के जूठे बर्तन साफ करते, सड़कों के किनारे जूते पॉलिश करते देखा जा रहा। इन सबका सबसे बड़ा कारण है ‘गरीबी’। एक बार फिर से एक ऐसे बच्चे की तस्वीर सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है, जिससे बाल मज़दूरी की बानगी साफ झलक रही है।
उस बच्चे में पढ़ने की ललक है, लेकिन गरीबी उसके रास्ते में अड़चन डाल रही है, फिर भी वह लड़का सारी अड़चनों को पार कर पढ़ाई कर रहा है।
मच्छरदानी बेचता कृष्णा
वह बालक है “कृष्णा” (Krishna) जो आगरा (Agra) ज़िले के मधु नगर (Madhu Nagar) सड़क के किनारे फुटपाथ पर बैठकर मच्छरदानी बेचता है। उसे जब भी थोड़ा वक़्त मिलता है, वह पढ़ने में लग जाता। कृष्णा (Krishna) के पास जब भी कस्टमर आते हैं, तो वह उन्हें मच्छरदानी बेचकर, पुनः अपने पढ़ाई में लग जाता है।
पढ़ाई पर रहता है फोकस
कृष्णा (Krishna) की लगन को देख लोगों ने अपने कैमरे में उसकी तस्वीरों को कैद कर लिया और उसकी तस्वीर खूब वायरल होने लगी। कृष्णा का ध्यान ज्यादातर पढ़ाई पर रहता है। साथ ही वह मच्छरदानी बेचने का कार्य भी करता है। वह अपने चचेरे भाई के साथ फुटपाथ पर बैठ मच्छरदानी बेचता है।
आज कृष्णा (Krishna) उन सभी बच्चों के लिए प्रेरणास्रोत है, जो यह समझते हैं कि पढ़ाई के लिए अच्छे स्थान और पैसे की आवश्यकता है।
कृष्णा (Krishna) ने यह जानकारी दिया कि वह जहां भी जाता है, अपने पढ़ाई का थैला साथ रखता है। उसने बताया कि “मैं इस फुटपाथ के जीवन से बाहर निकलकर एक नया मुकाम प्राप्त करना चाहता हूं।” उसकी पढ़ाई के प्रति लगन को देख सभी फुटपाथ पर कार्य करने वालों बच्चों में कुछ सीखने की जिज्ञासा हुई है।
आज भले ही बात आत्मनिर्भर भारत की हो रही है, लेकिन आज भी देश की स्थिति क्या है हम सबको दिखाई दे रही है। एक बच्चा जो पढ़ने के लिए इच्छुक है, लेकिन गरीबी के कारण मच्छरदानी बेच रहा है।
The Logically अपने पाठकों से यह उम्मीद करता है कि जो भी गरीब बच्चे दिखे उसे शिक्षा के महत्व को बताकर उन्हें शिक्षा प्राप्त करने के लिए अवसर दें।