पर्यावरण को साफ तथा स्वच्छ रखना हमारा कर्तव्य है। यह स्पष्ट तौर पर देखा जाता है कि हम इसे साफ रखने की जगह इसे और भी ज्यादा प्रदूषित कर रहे हैं। अब जरूरत है तो हमारी सोंच बदलने की, पर्यावरण को प्रदूषित होने से रोकने की। आज हम ऐसे कुछ व्यक्ति की बात करेंगे जिन्होंने पर्यावरण को स्वच्छ बनाने का संकल्प लिया है।
सरकार भारत को स्वच्छ बनाने की पूरी कोशिश कर रहा हैं
सरकार द्वारा पर्यावरण को साफ रखने के लिए “स्वच्छ भारत मिशन” कार्यक्रम चलाया जा रहा है। दिल्ली का ब्रिटानिया चौक कचरे के टीले के लिए मशहूर है परंतु कुछ महीने पहले एक एनजीओ के कुछ कार्यकताओ ने वहाँ की तस्वीर हीं बदल दी। उन्होंने उस जगह की पूरी सफाई की। राजधानी क्षेत्र के कुछ स्थानीय लोगों ने सरकार के साथ मिल कर पाइलिंग ट्रैश की अवहेलना की थी।
भारत में स्वच्छता लाना है बहुत जरूरी
भारत में ऐसे और भी बहुत सी जगहें हैं जहाँ पर कचरे को साफ करना एक चुनौती बन गया है। 2018 के पर्यावरण प्रदर्शन सूचकांक (ईपीआई) के हिसाब से भारत 180 देशों में से 177 वें स्थान पर है। इससे आप समझ सकते हैं कि हमारे देश में पर्यावरण की स्थिति कितनी खराब है। इसके लिए जल्द से जल्द कोई कदम उठाना बहुत हीं आवश्यक है।
स्वच्छ भारत अभियान से पर्यावरण में बहुत सुधार आया है
तेजी से शहरीकरण, जागरूकता की कमी, बुनियादी ढांचे में अपर्याप्तता और अपशिष्ट निपटान बहुत हीं आवश्यक बन चुका है। स्वच्छ भारत अभियान से हमारे देश की पर्यावरण में बहुत सुधार आया है। बहुत से लोग इसके लिए जागरूक भी हुए हैं। साल 2019 में शंकर सिंह ने अपने कुछ बचपन के दोस्तों के साथ मिल कर दिल्ली में वृक्षित फाउंडेशन की शुरुआत की। यह संगठन पर्यावरण के हित में कार्य कर रहा है।
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संगठन द्वारा लोगों को जागरूक किया जा रहा है
शंकर सिंह बताते हैं कि अक्सर लोग गंदगी साफ ना करने का दोष सरकार को देते हैं परंतु वह यह नहीं समझते कि यह उनकी जिम्मेदारी भी है। शंकर कहते हैं कि उनके संगठन का उद्देश्य यही है कि वह लोगों को यह बता सकें कि यह उनका भी कर्तव्य है। वह जागरूकता कार्यक्रम भी करते हैं।
शंकर सिंह (Sankar Singh)
शंकर सिंह दिल्ली (Delhi) के रहने वाले हैं। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा वही से पूरी की। आगे की पढ़ाई के लिए उन्होंने दीनबंधु छोटू राम यूनिवर्सिटी ऑफ़ साइंस एंड टेक्नोलॉजी, मुरथल (सोनीपत) से कंप्यूटर इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। उसके बाद वह एक टेक कंपनी के साथ सॉफ्टवेयर इंजीनियर का काम करने लगे।
शंकर ने दिल्ली में स्वच्छता अभियान चलाने का सोंचा
मई 2019 में, उन्होंने एक पोस्टर देखा, जिसे ASSOCHAM द्वारा लगाया गया था। जिसमें सफाई अभियान में लोग उनसे जुड़ सकते थे। शंकर यह देख दिल्ली में भी ऐसे आयोजन करने की सोंची परंतु ऐसा करने से पहले वो इस की जानकारी लेना चाहते थे। वह कहते हैं कि उन्हें पता था कि यमुना नदी दिल्ली के पानी का मुख्य स्रोतों में से एक है।
शंकर तथा उनके दोस्तों ने नदी साफ करने का काम शुरू किया
शंकर बताते हैं कि उन्होंने यमुना नदी में झाग की परतों को तैरते हुए भी देखा था। रिपोर्ट के अनुसार नदी में प्रदूषक, मल और औद्योगिक अपशिष्टों के बहिर्वाह ने उसे विषाक्त बना दिया था। शंकर तथा उनके दोस्तों ने नदी को साफ करने का फैसला किया। वह बताते हैं कि वो तथा उनके दोस्त पॉलिथीन कवर, पेपर कचरे, सड़े हुए मल और फल, छोड़े हुए कपड़े और अन्य सामग्रियों को पानी से निकालने का काम किया। जब सोशल मीडिया हैंडल पर उन्होंने नदी की पहले और बाद की तस्वीर पोस्ट की तो बहुत सी प्रतिक्रिया मिली।
वृक्षित फाउंडेशन का किया निर्माण
शंकर ने कहा कि बहुत से लोगों ने उनके काम की तारीफ की तथा वे लोग इस कार्य में उनसे जुङना भी चाहते थे। इसी बीच सितंबर 2019 में उन्होंने वृक्षित फाउंडेशन का निर्माण किया। शुरूआत में सिर्फ चार लोग उससे जुड़े थे परंतु समय के साथ बहुत से लोग उससे जुड़े। वहाँ हर दान को अलग-अलग तरीके से इस्तमाल किया जाता है।
11 राज्यों से वृक्षित फाउंडेशन के पास स्वयंसेवक हैं
वृक्षित फाउंडेशन दिल्ली के भीतर तथा उसके बाहर\काम कर रहा है। शंकर ने बताया कि उनके पास 11 राज्यों में कई इलाकों में स्वयंसेवक हैं। इस फाउंडेशन का कोई सदस्य अगर कही भी गंदगी देखता है तो वह फाउंडेशन को तुरंत सूचित करता है। उसके बाद वह क्विक वैरिफिकेशन के बाद सफाई अभियान के साथ आगे बढ़ते हैं। फाउंडेशन वहाँ का पूरा कार्य खत्म होने के बाद रजिस्ट्रेशन लिंक के साथ अपने सोशल मीडिया पेज पर डिटेल्स डालता है। यह पेज सोशल मीडिया पर हर किसी के लिए उपलब्ध है। यह लोग दस्ताने, मास्क, फावड़े आदि भी स्वयंसेवकों को प्रदान करते हैं।
इस सफर में शंकर को करना पड़ा बहुत से मुश्किलो का सामना
कचरे को एक जगह कर रिसाइक्लिंग सुविधाओं को भेजा जाता है तथा कुछ कचरे को नगरपालिका अधिकारियों को दे दिया जाता है। शंकर बताते हैं कि इसके लिए उन्हें बहुत से मुश्किलों का सामना करना पड़ा। वह बताते हैं कि वहाँ के स्थानीय लोगों से अपील करना कि गंदगी ना फैलाए यह एक बहुत बड़ी चुनौती थी। मिशन को पूरा करने के लिए स्थानीय समुदाय को शामिल करना जरूरी था।
15 से अधिक शहरों में चला रहे हैं सफाई अभियान
वृक्षित फाउंडेशन ने दिल्ली, जयपुर, अजमेर, अमृतसर, गुरुग्राम, हैदराबाद, बेंगलुरु, और चेन्नई सहित 15 से अधिक शहरों में 150 सफाई अभियान चलाए। उसके बाद पिछले कुछ महीनों में वह बड़े खुले स्थानों और खेल के मैदानों में शिक्षण संस्थानों और बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण अभियान में जागरूकता अभियान चला रहे हैं जिससे लोग इसके लिए जागरूक हो सकें।
तान्या गुप्ता (Tanay Gupta)
तान्या गुप्ता जिसकी आयु 22 वर्ष की हैं, वह शुरूआती दिनों से ही वृक्षित फाउंडेशन से जुड़ी हैं और खुद ही इसमें हिस्सा भी लेती हैं। तान्या ने हर अभियान में हिस्सा लिया। वह अब तक 35 से अधिक अभियानों में हिंसा ले चुकी हैं। उन्हें सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए जिस तरह की संतुष्टि मिली है, वह उनके लिए बहुत है।
पर्यावरण को दूषित होने से हमें खुद बचाना होगा
अशुद्ध और अस्वच्छ पर्यावरण मानव को हानि पहुँचाता हैं। शंकर कहते हैं, “कार्बन डाइऑक्साइड और मिथेन जो कचरे होते हैं, वह मानव जाति के लिए हानिकारक होतज हैं। हमें खुद आगे बढ़ कर पर्यावरण को दूषित होने से बचाना होगा।
The logically शंकर सिंह के द्वारा किए गए कार्य की तारीफ करता है और उम्मीद करता है कि उन्हें इस कार्य में सफलता मिलेगी।