Sunday, December 10, 2023

क्या होती है लू, शरीर और पर्यावरण पर इसका क्या पङता है प्रभाव: जान लीजिए

गर्मी का मौसम शुरू हो गया है। रिपोर्ट के अनुसार 122 सालों बाद इस बार मार्च का महीना सबसे गरम साबित हुआ। हालांकि अप्रैल और मई में इससे भी ज्यादा गर्मी होने का अनुमान लगाया जा रहा है। अधिक गर्मी पड़ने की वजह से लू यानी गर्म हवाएं भी चलने लगती है। आपको बता दें कि तापमान सामान्य से 04-05 डिग्री जब ऊपर चला जाता है तब लू चलती है। – Some special things related to heat wave loo.

इस तरह पैदा होती है लू

लू हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक होता है। यहां तक कि इससे जान भी जा सकती है। जहां का तापमान नॉर्मल तापमान से बहुत ज्यादा हो और लगातार 5 दिनों तक ऐसा मौसम रहे तो इसे लू माना जाता है। वैज्ञानिकों की मानें तो गर्म हवाएं आमतौर पर एक एरिया या इलाके के ऊपर बने ज्यादा दबाव की वजह से पैदा होती है। यह कई दिनों तक ऐसा बना रहता है कभी-कभी तो यह हफ्तों तक ऐसे ही बना रहता है।

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पर्यावरण के लिए गर्म हवाएं लाभकारी

एक्सपर्ट्स के अनुसार गर्म हवाएं पर्यावरण के लिए अच्छी होती है। अच्छा मॉनसून इस बात पर निर्भर करती है कि जमीन अच्छी तरह से गरम है या नहीं क्योंकि सूरज का किरण जमीन पर जितनी ज्यादा पड़ेगा, मॉनसून उतना ही जल्द और अच्छा आएगा।

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तापमान के अनुसार शरीर करता है एंजाइम्स

लू का हमारे शरीर पर ज्यादा असर पड़ता है मानव शरीर का नॉर्मल टेम्प्रेचर 37 डिग्री सेल्सियस होता है इस तापमान पर हमारे शरीर से काम लेने वाले एंजाइम्स सबसे अच्छे तरीके से काम करते हैं।

शरीर खुद को गर्म रखने के लिए इंसान बहुत सारी ऊर्जा लेता है। हमारे शरीर के अंदर का टेम्प्रेचर 37 डिग्री और त्वचा का तापमान 33 डिग्री रहता है। अंदरूनी हिस्से से त्वचा तक पहुंचते-पहुंचते तापमान काफी कम हो जाता है , जिससे शरीर ठंडा पर जाता है। – Some special things related to heat wave loo.