उत्तराखंड पुलिस आगामी महाकुंभ को देखते हुए अलर्ट पर है। इसके साथ ही वह श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए सत्यापन अभियान भी चला रहे हैं। पुलिस के इस अभियान के दौरान कुंभ के आसपास के इलाकों में रहने वाले लोगों के पहचान का सत्यापन किया जा रहा है।
आपको शायद याद ही होगा कि जब भी बचपन में हम बड़ों के साथ मेले या कुंभ देखने जाने के लिए जिद करते थे, तो हमें बोला जाता था कि छोटे बच्चे भीड़ में खो जाते हैं। यह बोलकर वे लोग हमें अपने साथ लेकर नहीं जाते थे, पर आज की कहानी किसी बच्चे की नहीं है, बल्कि हम आपको एक ऐसी महिला की कहानी बताने जा रहे हैं, जो साल 2016 के अर्धकुंभ में खो गई फिर पांच साल बाद महाकुंभ के दौरान 7 अप्रैल को अपने घरवालों से मिली।
कहां हो गई थी गुम?
यह घटना वर्ष 2016 की है, जब हरिद्वार में अर्धकुंभ का आयोजन हुआ था। इस आयोजन में कृष्णा देवी नाम की एक महिला स्नान करने के लिए अपने घर से गई थी, मगर उनको क्या पता था कि वहां जाने के बाद उन्हें अब 5 साल बाद ही अपने घरवालों से मिलना होगा। कुंभ में स्नान करने गई कृष्णा देवी वही गुम हो गईं। उनके खो जाने की खबर जब उनके घरवालों को मिली तब उन लोगों ने हर जगह उन्हें ढूंढना शुरू कर दिया। उनके घर वालों ने हरिद्वार, इलाहाबाद और बनारस सभी जगह ढूंढा पर उनका कहीं पता नहीं चल पाया। उनके ना मिलने पर उनके परिवार वालों ने विज्ञापन के जरिए भी अखबार में छपवाया फिर भी उनका कहीं पता न चला।
अपने घर वाले से ऐसे मिली कृष्णा देवी
उत्तराखंड पुलिस महाकुंभ को देखते हुए अलर्ट पर है। इसके साथ ही श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सत्यापन अभियान भी चला रही है। पुलिस के इस अभियान के जरिए कुंभ के आसपास के इलाकों में रहने वाले लोगों को पहचान का सत्यापन किया जा रहा है।
रिपोर्ट के अनुसार टाइम्स ऑफ इंडिया ने बताया कि अपने परिवार से बिछड़ने के बाद कृष्णा देवी (Krishna Devi) जो 65 वर्ष की हैं, उन्होंने इन 5 सालों से ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट पर अपना डेरा बनाई हुई थी। जब पुलिस उनके पास गईं, तब उन्होंने बताया कि वह उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के सिद्धार्थनगर की रहने वाली है। यही नहीं कृष्णा देवी ने पुलिस को अपने घर का पता भी बताया।
पुलिस ने परिवार वालों से मिलाया
कृष्णा देवी (Krishna Devi) ने जब पुलिस (police) को अपनी जानकारी बताई, तब उसी वक्त पुलिस ने इस जानकारी का वेरिफिकेशन के लिए सिद्धार्थ नगर पुलिस को भेजी। पुलिस ने अधिक जानकारी के लिए कृष्णा देवी की फोटो भी भेजी थी। आगे का काम सिद्धार्थ नगर पुलिस ने किया। सिद्धार्थ नगर पुलिस ने मिली जानकारी के मुताबिक अपनी जांच को आगे बढ़ाया। कृष्णा देवी के परिवार वालों से संपर्क किया। कृष्णा देवी के घर वालों ने पुलिस को जानकारी देते हुए बताया कि कृष्णा देवी लगभग 5 सालों से लापता है। इतना ही नहीं उन्होंने यह भी बताया कि उन्हें ढूंढने की बहुत कोशिश की गई पर वह नहीं मिली, जिसके बाद वह है उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट सिद्धार्थनगर की जोगिया उदयपुर थाने में भी लिखवाई थी।
आखिरकार घरवालों से हुआ मिलन
पुलिस की मदद से आखिरकार कृष्णा देवी 5 साल बाद अपने घरवालों से मिली। सिद्धार्थनगर पुलिस ने इनकी जानकारी सत्यापन करते हुए अपनी रिपोर्ट उत्तराखंड पुलिस को सौंप दी जिसके बाद उत्तराखंड पुलिस ने कृष्णा देवी के बेटे दिनेश से संपर्क किया और जानकारी दी कि उनकी मां ऋषिकेश में सही सलामत है, फिर उत्तराखंड पुलिस में ट्वीट कर इस मामले की जानकारी दी।
उनकी मिलने की खबर सुनकर उनके घरवालों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। कृष्णा देवी को उनके घरवाले तुरंत लेने के लिए ऋषिकेश पहुंच गया। वहां पुलिस की मौजूदगी में ही कृष्णा देवी अपने बिछड़े हुए घरवालों से 5 साल बाद पहली बार मिली। वह दृश्य वाकई कितना खूबसूरत होगा जब एक इंसान अपने बिछड़े हुए परिवारों से 5 साल बाद मिले। इस दृश्य को देख वहां मौजूद सभी लोगों की आंखें में आंसू आ गई।
कृष्णा देवी का कहना है कि इन 5 वर्षों में उन्होंने अयोध्या मथुरा और केदारनाथ समेत कई धार्मिक स्थलों की यात्राएं कर चुकी है।