अगर हमारे हौसले बुलन्द हो, तो कोई भी कांटा हमारे रास्ते में नहीं आ सकता। इसे सही सिद्ध कर दिखाया है, मध्यप्रदेश की महिलाओं ने। जिनकी तारीफ़ हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी भी कर चुके हैं।
महिलाओं की शक्ति
यह मामला मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के बुंदेलखंड (Bundelkhand) का है, जहां महिलाओं ने जल सरंक्षण के लिए 107 मीटर लम्बे पहाड़ को काट कर नहर बनाया (Woman Bulit canel). हमारे प्रधानमंत्री ने जिनकी सराहना की वह है, बबीता राजपूत (Babita Rajput). बबीता की आयु 19 वर्ष है और उन्होंने अपने गांव की महिलाओं को सिर्फ प्रेरित ही नहीं किया, बल्कि उन्हें जागरूक कर पहाड़ काटकर नहर को सूखे पोखर से जोड़ा।
महिलाओं ने काटी 107 मीटर लम्बी पहाड़
बबीता ने यहां की महिलाओं को प्रेरित किया और लगभग 100 से ज्यादा संख्या में महिलाओं ने एक संस्थान की सहायता से लगभग 107 मीटर लम्बी पहाड़ काट डाली। उसके उपरांत रास्ते का निर्माण हुआ और फिर सूखे तालाब को नहर से जोड़ा गया। पहले इस तालाब में बारिश की पानी नहीं एकत्रित हुए करती थी लेकिन अब इस नहर के निर्माण में ऐसा होना सम्भव हो गया। जानकारी के अनुसार यह तालाब 10 साल पूर्व 40 एकड़ में बना था लेकिन सूखा होने के कारण और रास्ते मे पत्थर के कारण इसका कोई लाभ नहीं होता था।
मात्र 18 माह में किया कार्य सम्पन्न
महिलाओं ने इस कठिन कार्य को मात्र 18 माह में सम्पन्न किया है। अब इस जल के कारण उनके गांव में उल्लाष का माहौल बना है। (Woman Built Canel) महिलाओं द्वारा निर्मित यह नहर आज उनके गांव में जल स्रोत का एक मुख्य केंद्र बना है। बहुत से व्यक्ति अपने कुएं में तालाब से पानी एकत्रित कर रखतें हैं।
प्रधानमंत्री ने की तारीफ़
मन की बात कार्यक्रम द्वारा हमारे प्रधानमंत्री जी ने बबीता का परिचय देश से कराया और यह लिखा कि “बबीता राजपूत (Babita Rajput) बुंदेलखंड की निवासी हैं, उनके गांव में एक सूखा हुआ पोखर था। बबीता ने अपने गांव की महिलाओं को प्रेरित कर सहयोग से नहर का निर्माण कर उसे पोखर से जोड़ा, जिससे अब बारिश का पानी यह संचित होगा। अपनी तारीफ़ सुनने के बाद बबीता राजपूत (Babita Rajput) ने भी आभार प्रकट किया।