हम जानते हैं कि, भारत के पुरुष प्रधान देश है और यहां हमेशा से लैंगिक विषमता देखने को मिलती है। लेकिन आज के दौर की महिलाओं ने अपने सफलता के बदौलत यह साबित कर दिखाया है कि वे किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से कम नहीं हैं।
आज कोई ऐसा क्षेत्र नहीं, जहां महिलाओं ने अपनी चमक और प्रतिभा का जलवा न बिखेरा हो। जी हां, भारतीय महिलाओं ने राजनीति, कला, सिनेमा, संगीत, कारोबार के अलावा अन्य कई क्षेत्रों में भी अपनी सफलता के झंडे गाड़े हैं।
आज हम उन प्रतिभाशाली महिलाओं की बात करने वालें है, जिन्होंने अपनी काबिलियत के बूते पर देश ही नहीं बल्कि विश्व में अपनी सशक्त छाप छोड़ी है।
- अवनि लेखरा (Avani Lekhra)
जयपुर की अवनि लेखरा महज 11 साल की उम्र में एक दुर्घटना का शिकार हो गई थीं और उनका निचला शरीर लकवाग्रस्त हो गया था। जिसके बाद उन्हें व्हीलचेयर का सहारा लेना पड़ा। लेकिन उन्होंने अपने आप को हारने नहीं दिया और 19 साल में इन्होंने अपनी मेहनत के बदौलत पैरालिंपिक में गोल्ड मेडल जीतने वाली पहली महिला बनी।
बता दें कि, अवनि ने R-2 महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल की श्रेणी में,वर्ष 2020 टोक्यो पैरालिंपिक में एक नया रिकॉर्ड बनाया। 2015 से ट्रेनिंग शुरू करने के बाद, यह उनका पहला बड़ा अंतरराष्ट्रीय पदक था।
- फाल्गुनी नायर (Falguni Nayar)
फाल्गुनी नायर Nykaa की संस्थापक हैं। इन्होंने 50 साल की उम्र में निवेश बैंकिंग में अपने 20 साल के लंबे करियर (कोटक महिंद्रा समूह के प्रबंध निदेशक का पद) को छोड़कर वर्ष 2012 में ब्यूटी स्टार्टअप Nykaa की शुरुआत की और साल की सबसे सफल महिलाओं में से एक बन गईं।
बता दें कि, वे भारत की सबसे बड़ी स्व-निर्मित महिला अरबपति हैं, क्योंकि साल 2021 की अंतिम तिमाही में फर्म के शेयरों में 89 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। वह 6.5 बिलियन डॉलर की कंपनी के आधे हिस्से की मालिक हैं।
- गीता गोपीनाथ (Geeta Gopinath)
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की पहली उप प्रबंध निदेशक (FDMD) गीता गोपीनाथ, मैसूर की मूल निवासी है। वे एक टेक्नोक्रेट और कई किताबों की लेखिका हैं। वर्ष 2001 में 50 वर्षीया इस महिला ने प्रिंसटन विश्वविद्यालय से पीएचडी की डिग्री हासिल की और आईएमएफ की मुख्य अर्थशास्त्री के रूप में सेवा देने वाली पहली महिला बनीं। वर्तमान में वे FDMD जेफ्री ओकामोटो की जगह लेने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
- तुलसी गौड़ा (Tulsi Gowda)
कर्नाटक (Karnataka) के होनाली गांव (Honnali village) की रहने वाली 72 वर्षीय आदिवासी महिला तुलसी गौड़ा (Tulsi Gowda) को पर्यावरण की सुरक्षा में उनके योगदान के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा राष्ट्रपति भवन में पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
जब वह 3 साल ही थी, उनके तभी पिता का देहांत हो गया था। वे छोटी उम्र से ही अपनी मां के साथ नर्सरी में काम करती थीं। ऐसे तो वे कभी स्कूल नहीं गईं, लेकिन उन्हें पेड़-पौधों और जड़ी-बूटियों का ऐसा ज्ञान है इसलिए उन्हें ‘इनसाइक्लोपीडिया ऑफ फॉरेस्ट’ कहा जाता है।
तुलसी, पिछले 6 दशकों से पर्यावरण संरक्षण के काम में जुटी हुई हैं। वे 20 साल की उम्र से हीं पेड़-पौधों की देखभाल कर रहीं है और अब तक उन्होंने 30 हजार से ज्यादा पौधे लगाए हैं साथ ही साथ वो वन विभाग की नर्सरी की देखभाल करती हैं। उन्हें पेड़-पौधों से एक विशेष तरह का लगाव हो चुका है, जिसका परिणाम यह है कि 73 साल के उम्र में भी वे बखुबी अपने कर्तव्य का निर्वाहन कर रहीं है।
- नीना गुप्ता (Neena Gupta)
नीना गुप्ता का जन्म कोलकाता मे हुआ है। वे भारतीय सांख्यिकी संस्थान में प्रोफेसर हैं। उन्होंने भारतीय सांख्यिकी संस्थान से गणित में मास्टर्स और पीएचडी की डिग्री प्राप्त की है। वे एफाइन बीजगणितीय ज्यामिति तथा कम्यूटेटिव बीजगणित में अपने उल्लेखनीय काम के लिए, DST-ICTP-IMU रामानुजन पुरस्कार से सम्मानित की गई हैं। इस पुरस्कार प्राप्त करने वाली वे तीसरी महिला और चौथी भारतीय हैं।
- मीराबाई चानू (Mirabai Chanu)
मीराबाई चानू, मणिपुर के एक पारंपरिक परिवार से ताल्लुक रखती हैं। वे टोक्यो ओलंपिक-2020 में, महिला वर्ग के 49 किग्रा वेटलिफ्टिंग में रजत पदक विजेता रही हैं। महज 22 साल की उम्र में मीराबाई वर्ल्ड वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण जीतने वाली दूसरी भारतीय महिला बनीं। जबकि कर्णम मल्लेश्वरी वर्ल्ड वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण जीतने वाली पहली महिला हैं।
जब मीराबाई 11 साल की थी, तब उन्होंने एक कॉम्पीटिशन में अपना पहला स्वर्ण पदक जीता था। इसके अलावें उन्हे साल 2018 में खेल जगत में उनके योगदान के लिए पद्म श्री और राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
- हरनाज़ संधू (Harnaaz Sandhu)
चंडीगढ़ की रहनेवाली हरनाज़ संधू ने देश में 21 साल बाद मिस यूनिवर्स का ताज लाकर भारत का नाम पूरे दुनिया में रोशन किया है।
17 साल की उम्र में हीं हरनाज़ ने ब्यूटी काम्पीटिशन्स के सफर को शुरू कर दिया था। उन्होंने इस उम्र में हीं अपने शहर का प्रतिनिधित्व करते हुए एक राष्ट्रीय प्रतियोगिता में भाग लिया था। वर्ष 2019 में उन्होंने ‘फेमिना मिस इंडिया’ में भाग लिया और उसी वर्ष फेमिना मिस इंडिया पंजाब का ताज भी जीता। ब्यूटी काम्पीटिशन्स के अलावा वे मेंटल हेल्थ के मुद्दे को आम करने की भी वकालत करती हैं।
- पीवी सिंधु (PV Sindhu)
हैदराबाद के एक स्पोर्ट्स फैमिली से ताल्लुक रखने वाली पीवी सिंधु वर्ष 2019 में बैडमिंटन विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय हैं। इसके अलावें वे रियो ओलंपिक-2016 और टोक्यो ओलंपिक-2020 में लगातार दो पदक जीतने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी हैं।
बता दें कि, सिंधु का बैडमिंटन में नाम वर्ष 2013 में हुए ‘मलेशियाई ओपन ग्रैंड प्रिक्स’ में जीत हासिल करने के बाद जुड़ गया।
- फ्लाइट लेफ्टिनेंट भावना कंठ (Flight Lieutenant Bhawana Kanth)
भावना कंठ का जन्म बिहार में हुआ है। उन्होंने BMS कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग (बैंगलोर) से मेडिकल इलेक्ट्रॉनिक्स में स्नातक किया हैं। वर्ष 2016 में उन्हे पहली महिला फाइटर पायलट के तौर पर IAF में शामिल किया गया था।
भावना कंठ, भारत की पहली महिला फाइटर पायलटों में से एक हैं। वे वर्ष 2021 के गणतंत्र दिवस परेड में झांकी में भाग लेने वाली भारतीय वायु सेना (IAF) की पहली महिला फाइटर पायलट बनीं।
- लीना नायर (Leena Nayar)
लीना नायर, महाराष्ट्र की मूल निवासी हैं। वे फ्रेंच लक्जरी फैशन हाउस ‘शनेल (Chanel)’ की लेटेस्ट ग्लोबल चीफ एग्जीक्यूटिव (सीईओ)हैं। जब उनकी कंपनी में केवल दो प्रतिशत महिला कर्मचारी थीं तब से उन्होंने मैनेजमेंट में अपना करियर शुरू किया हुआ है। उन्हे साल 2021 की फॉर्च्यून इंडिया की सबसे शक्तिशाली महिलाओं में भी शामिल किया गया था।
बता दें कि, लीना, यूनिलीवर की पहली महिला और सबसे कम उम्र की मुख्य मानव संसाधन अधिकारी (सीएचआरओ) भी थीं।
- शैली सिंह (Shaily Singh)
झांसी में जन्मी शैली सिंह ने बिना सही जूतों के अपने करियर की शुरुआत किया और वर्ष 2021 में अंडर-18 यूथ लॉन्ग जंप में वर्ल्ड नंबर 1 का खिताब भी जीता।
उन्हे ट्रेनिंग बेंगलुरु में ‘अंजू बॉबी जॉर्ज स्पोर्ट्स फाउंडेशन’ में दी गई थी। अब उनका नाम दुनिया भर के टॉप 20 खिलाड़ियों में से अंडर-18 लॉन्ग जंपर्स की सूची में एक हैं।
- कृति करंत (Kriti Karant)
कृति करंत, मंगलुरु की मूल निवासी हैं। वे सेंटर फॉर वाइल्डलाइफ स्टडीज़ में मुख्य संरक्षण वैज्ञानिक हैं। उन्होंने वन्यजीव संरक्षण के क्षेत्र में काफी विशेषज्ञता हासिल है। वे पहली भारतीय और एशियाई महिला हैं, जिन्होंने ‘वाइल्ड इनोवेटर अवॉर्ड-2021’ जीता है। वाइल्ड एलीमेंट्स नामक एक फाउंडेशन द्वारा इस अवॉर्ड को दिया जाता है, जो हालातों को बदलने और वैश्विक स्थिरता और संरक्षण के समाधान की पहचान करने की वकालत करता है।
इसके अलावा उन्हे ‘वीमेन ऑफ डिस्कवरी अवॉर्ड-2019’ से भी सम्मानित किया जा चुका है। ‘विंग्स वर्ल्डक्वेस्ट’ नाम के एक संगठन द्वारा इस अवॉर्ड को महिला वैज्ञानिकों को संबंधित क्षेत्रों में उनके असाधारण काम के लिए दिया जाता है।