अगर आप विषम परिस्थितियों का सामना कर लगातार मेहनत करते हैं तो निश्चित है कि आप सफल अवश्य होंगें। सपना तो हम सब देखते हैं लेकिन जो उसे पूरा करने के लिए जी-जान लगा दे वही दूसरों के लिए उदाहरण बनता है।
आज हम आपको एक ऐसी लड़की की कहानी बताएंगे जिन्होंने अपने बचपन के सपने को साकार करने के लिए कठिन परिश्रम की और सपना साकार करके हीं दम लिया। आज वह अन्य लड़कियों के लिए मिसाल बनकर उसका हौसला अफजाई कर रही हैं।
रीमा शाजी
रीमा शाजी (Rima Shaji) जो तिरूर की निवासी हैं। उन्होंने बचपन में यह सपना संजोया था कि वह अमेरिका में पढ़ेंगी और अपने सपने को पूरा करके ही चैन की सांस ली। उन्होंने इस सपने को पूरा करने के लिए लोगों की खड़ी-खोटी भी सुनी फिर भी अपने पथ पर अडिग रहीं।
अपने बल बूते पर करना था सपना साकार
एक वक्त था जब उनके घर वालों ने उनसे कहा कि तुम शादी कर लो एवं अपने पति की सहायता से हीं अमेरिका को रवाना हो जाओ, परंतु रीमा का निश्चय यह था कि वह अपने बलबूते पर अपने सपने को साकार करें, जिसके लिए उन्होंने लगातार परिश्रम जारी रखा।
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कर रहीं हैं अमेरिका में पढ़ाई
रीमा की आयु अभी मात्र 20 वर्ष है। उन्होंने बताया कि मेरा प्रथम उद्देश्य यह है कि मैं इंडिपेंडेंट महिला बन सकूं। आज वह अमेरिका में कंप्यूटर साइंस में एडमिशन हासिल कर अपने सपने को साकार कर चुकी है। वह इंजीनियरिंग McNese स्टेट यूनिवर्सिटी लेक चार्ल्स से कर रही है।
स्कॉलरशिप के अंतर्गत होता है हर चीज़
रीमा का चयन ग्लोबल अंडर ग्रेजुएट एक्सचेंज प्रोग्राम के द्वारा हुआ है। साथ ही वह भारत के उन 5 विद्यार्थियों में से एक हैं जो इसके लिए चयनित हुए हैं। उन्हें इसमें स्कॉलरशिप भी प्राप्त हुई है एवं राउंड ट्रिप भी। उनकी पढ़ाई में लगे ट्यूशन फी, हाउसिंग खाना-पीना हर चीज स्कॉलरशिप के अंतर्गत होता है।
अन्य लड़कियों के लिए बनना है प्रेरणा
जानकारी के अनुसार उन्होंने पिछले वर्ष स्कॉलरशिप के लिए अप्लाई किया था। जिसका सिलेक्शन नवंबर में हुआ। इसमें इंटरव्यू के साथ और TOEFL भी मौजूद है। इंटरव्यू के दौरान उनसे एक सवाल किया गया कि आप बाहर क्यों जाना चाहती हैं तो उन्होंने इसका उत्तर दिया कि “मैं अन्य लड़कियों के लिए प्रेरणा बनना चाहती हूं, वह मुझे देख कर अपने सपने को साकार करने के लिए सपने के पीछे अवश्य भागेंगी।”