कढ़ाई को लेकर हम सबने सुना है कि यह केवल कपड़ों, शिल्प एवं लकड़ियों पर की जाती है लेकिन आज का यह लेख कढ़ाई से जुड़ा तो है, लेकिन यह कपड़ों, शिल्प या लकड़ियों पर नहीं बल्कि सूखे पत्तों पर है।
कढ़ाई के दीवाने बॉलीवुड के सितारें
21 वर्षीय सौरभ सूखे पत्तों पर कढ़ाई करते हैं। उनकी कढ़ाई के दीवाने मनोरंजन जगत के बॉलीवुड सितारें भी हैं। सौरभ अपने इस कलाकारी से प्रत्येक माह 80 हज़ार रुपए कमा लेते हैं। वे प्रोडक्ट के बिक्री के लिए सोशल नेटवर्किंग साइट का प्रयोग करते हैं।
किसान परिवार से रखते हैं नाता
सौरभ का जन्म किसान परिवार में हुआ है। उनके माता-पिता की ये ख्वाहिश थी कि उनका बेटा इंजीनियर या डॉक्टर बने परंतु सौरभ बचपन से ही कढ़ाई और बुनाई में शौकीन थे। अपनी प्रारंभिक शिक्षा संपन्न करने के बाद वह फैशन के क्षेत्र में आना चाहते थे, परंतु उनके घर वालों ने उनसे कहा कि यह कढ़ाई-बुनाई का काम तो लड़कियों का है लेकिन उन्होंने अपने शौक को पूरा करने के लिए अपने परिवार को मना लिया और उनका एडमिशन पुणे के एक कॉलेज में फैशन डिजाइनिंग के लिए हुआ।
दोस्त ने भी दी सलाह
उन्होंने जानकारी दिया कि उस कॉलेज में क्रिएटिविटी के ऊपर ज्यादा फोकस नहीं था, जिस कारण मैंने उसे छोड़ दिया एवं दूसरे जगह अपना एडमिशन करा लिया। उन्होंने ने वहां कशीदाकारी भी सीखी। -21 years old Saurabh doing embroidery on dry leaves
उस दौरान उनके दोस्तों ने सलाह दिया कि हम पढ़ाई के साथ-साथ खुद किसी कार्य को प्रारंभ कर सकते हैं। उन्हें अच्छा लगा तो लगा परंतु उस समय यह तय करना मुश्किल था कि आखिर क्या किया जाए?
मात्र 1500 रुपए से शुरू किया कार्य
उन्होंने अपने कार्य को प्रारंभ करने के लिए मां से मात्र 1500 रुपए लिए और कशीदाकारी के लिए सूती कपड़ा, सुत, सुई एवं धागा खरीदा। उन्होंने अपनी कलाकारी से गले का पेंडेड, घर को सजाने के लिए सजावटी समान और कान के झुमके बनाएं।
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2 दिनों में ही बिके प्रोडक्ट
मात्र 2 दिन में उनके सारे प्रोडक्ट हाथों-हाथ बिक गए। 15 सो रुपए से शुरू किए गए कार्य से उन्हें 35 सौ रुपए की आमदनी हुई। अपने कार्य में सफलता हासिल करने के लिए उन्होंने फेसबुक पेज बनाया और प्रोडक्ट के फोटो अपलोड करने लगे।
लॉकडाउन के दौरान शुरू किया पत्तों पर कढ़ाई
वे लॉकडाउन के दौरान क्वारनटाईन हो गए और उस वक्त उनके पास कोई काम नहीं था। जब वे अपने घर से बाहर घूमने फिरने के लिए जाया करते थे, तब उन्हें रास्ते में बरगद के पत्ते को देखा और यह निश्चय किया कि क्यों ना पत्ते पर कुछ कलाकारी की है। तब उन्होंने इस पर डिजाइन बनाना प्रारंभ किया जो बहुत ही जल्द सफल हो गया।
नौकरी छोड़ शुरू किया अपना काम
उनकी पढ़ाई संपन्न होने के उपरांत उनकी एक अच्छी जॉब लगी। जिसमें अच्छी सैलरी भी मिलने लगी लेकिन उनका ध्यान तो कलाकारी पर ही था, जिस कारण उन्होंने इसे छोड़ दिया और पुणे आ गए। यहां आकर वे अपनी बहन और भाई के साथ अपने बिजनेस को विकसित करने में लग गए।
अब उन्हें 1 महीने में 25 से लेकर 40 ऑर्डर मिलना प्रारंभ हुआ और उनका काम चल पड़ा। उन्होंने अपने प्रोडक्ट की शुरुआती विक्री 400 रुपए से की। वे कपड़े पर पेंटिंग, बुनाई-कढ़ाई के अतिरिक्त पत्तों पर भी कढ़ाई किया करते हैं और उनके प्रोडक्ट की मार्किंग देशभर में होती है।
बॉलीवुड सितारे भी हैं दीवाने
फिल्मी जगत के सितारे भी सौरव के दीवाने हैं। उन्होंने ताप्सी पन्नू को ईयररिंग और हूप्स अपनी कलाकारी से निर्मित करके भेजा है, जो उन्हें बहुत ही पसंद आया। तापसी ने इसके लिए सोशल मीडिया पर पोस्ट भी शेयर किया।
अब वे अपने वर्कशॉप में लोगों को ट्रेनिंग भी दे रहे हैं और अपने कार्यों को हाई लेवल पर ले जाने की ख्वाहिश रखते हैं। उन्हें हर माह अपने कलाकारी से निर्मित समाग्री से 90 हजार के करीब रुपए की आमदनी होती है।-21 years old Saurabh doing embroidery on dry leaves