एक ओर अगर देखा जाए तो पुरानी रूढ़िवादी विचारधारा आज भी विद्यमान है। सफर करते हुए या हम अपने आसपास ट्रांसजेंडरों को देखते हैं। कई लोग तो ऐसे होते हैं कि उन्हें देखते हीं मुंह फेर लेते हैं तो कुछ का कहना होता है कि मांगने से अच्छा कोई काम क्यों नहीं कर लेते।
हालांकि भारतीय कानून के अनुसार उन्हें सामान्य अधिकार मिल चुका है फिर भी हम उन्हें सामान्य नजरों से नहीं देखते। ऐसे में अगर कोई ट्रांसजेंडर कोई काम करने की इच्छा भी रखती हो तो उन्हें आसानी से काम नहीं मिलता। आज हम आपको भारत में मौजूद कुछ कैफे के बारे में बताएंगे, जो ट्रांसजेडर्स का जीवन बदलने का काम कर रहे हैं। – There are some cafes in India that are working to change the lives of transgenders.
- बंबई नजरिया कैफे (Bambai Nagariya Cafe), मुंबई (Mumbai)
मुंबई के वर्सोवा इलाके के आराम नगर में स्थित बंबई नजरिया कैफे (bambai nagariya cafe) में काम करने वाले सभी लोग ट्रांसजेंडर है। इस रेस्टोरेंट के मालिक डिएगो ने ऐसा इसलिए किया है क्योंकि वह चाहते हैं कि समाज में ट्रांसजेंडर को बराबर का अधिकार दिया जाए और उन्हें रोजगार मिल सके। आपको बता दें कि ‘नजरिया बदलो, नजारा बदलेगा’ स्लोगन के साथ चलने वाला कैफे इन दिनों खूब चर्चा में हैं। यहां काम करने वाले एक स्टाफ बताते है कि पहले जब कैफे शुरू हुआ तो लोग यहां पर आकर ऑर्डर करते थे, लेकिन जब कर्मचारियों के रूप में ट्रांसजेंडर्स को काम करते देख वह शॉक्ड हो गए। आज इस कैफे में कस्टमर्स की लाइन लगी रहती है।
- Third Eye Cafe, नवी मुंबई (Navi Mumbai)
साल 2018 में नवी मुंबई में स्थित थर्ड आई कैफे ने भी ट्रांसजेंडर समुदाय को रोजगार देने की पहल की थी। इस कैफे की खासियत है कि यहां केवल ट्रांसजेंडर्स को ही नौकरी दी जाती है। आपको बता दें कि रेस्टोरेंट के मालिक निमेश शेट्टी का उद्देश्य समाज में ट्रांसजेंडर्स को बराबरी का दर्जा दिलाना है। इस कैफे में लगभग 20 ट्रांसजेंडर्स कर्मचारी के रूप में काम करते हैं और यहां पर शेफ के रूप में कार्य करने वाले लोग भी ट्रांसजेंडर्स ही हैं। इस कैफे में आने वाले लोगों का कर्मचारी नमस्कार कहकर अभिवादन करते हैं।
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- नुक्कड़ टी कैफे (Nook Tea Cafe) छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh)
साल 2013 में छत्तीसगढ़ के रायपुर में नुक्कड़, चायटैस्टिक टीफे नाम का कैफे खोला गया था, जिसके मालिक प्रियांक पटेल ने अपने कैफे में ट्रांसजेंडर्स और दिव्यांगजनों को रोजगार देने का फैसला किए। साथ ही प्रियांक ट्रांसजेंडर समुदाय को नौकरी के लिए प्रेरित करती थी। उसी का परिणाम है कि समय के साथ इस समुदाय के लोगों ने कई मिथकों को तोड़ा है। नुक्कड़ टी कैफे में कई तरह के अभियान भी चलाए जाते हैं, जिसमें डिप्रेशन मरीजों को मदद प्रोवाइड कराई जाती है और सभी तरह के सोशल टैबू के बारे में भी बताया जाता है। इस कैफे के कार्य को देखते हुए साल 2020 में इसे बेस्ट एम्प्लोयर का नेशनल अवॉर्ड भी मिल चुका है।
- स्ट्रीट टेंपटेशंस कैफे (Street Temptations Cafe) , नोएडा (Noida)
नोएडा में स्थित स्ट्रीट टेंपटेशंस कैफे को एक ट्रांसजेंडर महिला उरूज हुसैन है। यह कैफे नोएडा के सेक्टर 119 में है। कैफे शुरू करने से पहले उरूज ने कई तरह के सेक्टर्स में काम किया था लेकिन वर्कप्लेस पर उन्हें अक्सर बुरे बिहेवियर का सामना करना पड़ता था, जिससे परेशान होकर उरूज ने अपना खुद का कैफे खोलने का फैसला किया। उरूज ने 22 साल तक एक लड़के की तरह जिंदगी गुजारी और साल 2014 में उन्होंने अपना जेंडर बदलवा लिया और अब वह ट्रांसवुमेन बनकर खुश हैं।
- ट्रांसजेंडर जूस कॉर्नर (Transgender Juice Corner) , नोएडा (Noida)
नोएडा के शिल्प हाट में सरस मेले के टाइम तीन ट्रांसजेंडर्स ने साथ मिलकर एक जूस कॉर्नर खोला। वह सभी केरल के रहने वाले हैं। जूस कॉर्नर में काम करने वाले अमृता, मिथुन और अनामिका है। अमृता बताते हैं कि 5 साल पहले वह किसी जूस कॉर्नर में काम किया करती थी, लेकिन जब उनके मालिक को पता चला कि वह ट्रांसजेंडर हैं तो उन्हें दुकान से निकाल दिया गया। उसके बाद उन्होंने अपना खुद का जूस कॉर्नर खोलने का फैसला किया।
- There are some cafes in India that are working to change the lives of transgenders.