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जानिए उन 5 किसानों के बारे में जिन्होंने कृषि के क्षेत्र में अपनी सफलता से दूसरों के लिए मार्ग प्रशस्त किए

जिस तरह दुनिया तेजी से प्रगति कर रही है ठीक उसी प्रकार हर चीज में परिवर्तन हो रहा है। चाहे वह क्षेत्र ऑफिस में कार्य करने का हो या फिर खेती में नए तकनीक को अपनाकर बेहतर उत्पादन करने की, परिवर्तन हर जगह निश्चित है। आज के हमारे इस लेख में आप कुछ ऐसे किसानों से रूबरू होंगे जिन्होंने खेती में नए प्रयोग से लाखों रुपए का लाभ अर्जित किया है।

  1. चंद्रपाल सिंह

चंद्रपाल सिंह (Chandrapal Singh) एक बेहतर कृषक है। उन्होंने बताया कि मेरे गांव से लगभग 3 किलोमीटर की दूरी पर लगभग 15 बीघा जमीन थी जिसमें किसी फसल का उत्पादन नहीं होता था। मुझे वन विभाग के कर्मियों ने यह सलाह दिया कि तुम यहां पर जंगल लगाओ तब मैंने वहां सैकड़ों प्रजातियों के पौधों को लगाया एवं मुझे इसमें सफलता हासिल हुई। आज उस जमीन में सैकड़ों पौधे लगे हुए हैं और वह जंगल बना हुआ है। -Story of farmers who earned lakhs of rupees by adopting new method in farming

कमा रहे हैं 5 लाख रुपए

चन्द्रपाल सिंह ने बताया कि उनके जंगल में 300 छोटे पेड़ सागौन के एवं 200 बड़े पेड़ हैं। इसके अतिरिक्त उन्होंने नींबू, लीची, आंवला, करौंदा, ग्रेविलिया, बेल एवं अनार के छोटे पौधे भी लगाए हैं। वह पेड़ों के नीचे खेती भी करते हैं जिसमें उन्होंने बूट, हल्दी, जमीकंद आदि लगाया है। आज वह जंगल के मालिक होने के साथ-साथ इससे हर माह 5 लाख रुपए कमा रहे हैं। -Story of farmers who earned lakhs of rupees by adopting new method in farming

5 successful farmers created inspiration
  1. अंकिता कुमावत

अंकिता कुमावत (Ankita Kumawat) राजस्थान की अजमेर की निवासी हैं। उन्होंने वर्ष 2009 में आईआईएम कोलकाता से अपनी शिक्षा संपन्न की एवं फिर विदेशों में नौकरी करने लगी। यहां वह ऐशो आराम से अपनी जिंदगी व्यतीत कर रही थी परंतु उनके पिता ने उनसे कहा कि बेटी क्या तुम अपने देश नहीं आओगी?? उन्होंने अपने पिता की बात मानी और नौकरी छोड़ कर अपने देश लौट आईं। यहां आने के उपरांत उन्होंने अपने पिता के साथ डेयरी फॉर्म में काम करना प्रारंभ किया। वह बताती हैं कि डेयरी फार्म का काम समाज की भलाई के साथ अधिक मुनाफा कमाने के लिए बेहतर है। -Story of farmers who earned lakhs of rupees by adopting new method in farming

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कमा रहीं हैं 90 लाख रुपए

यहां उन्होंने उसकी मार्केटिंग पर फोकस किया एवं नई टेक्नोलॉजी का उपयोग अपने डेयरी फॉर्म में किया। उन्होंने यहां ड्रिप इरिगेशन टेक्निक इंक्लीमेंट किया, सोलर सिस्टम डिवेलप किया, पशुपालन का दायरा एवं खेती के लिए भी अधिक स्थान का दायरा बढ़ाया। आज वह अपने इस डेयरी फार्म से 90 लाख रूपए हर साल काम आ रही है। विदेश छोड़ देश आकर अपने पिता का सहयोग कर उन्होंने ये सिद्ध कर दिया कि आज भी भारत के बच्चे अपने पैरेंट्स की हर बात मानते हैं। -Story of farmers who earned lakhs of rupees by adopting new method in farming

  1. लोभीराम

लोभीराम (Lobhiram) जो हिमाचल प्रदेश से ताल्लुक रखते हैं और वह औषधीय खेती करते हैं। एक वक्त था जब वह सरकारी नौकरी किया करते थे परंतु उन्होंने इसे छोड़ दिया था ताकि खेती कर सकें। वह कृषि विभाग में अनुबंध पर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की नौकरी करते थे परंतु उन्होंने वर्ष 1999 इसे छोड़ दिया एवं औषधीय खेती प्रारंभ की। वह अपने खेतों में औषधीय पौधों को उगा रहे हैं एवं यहां उन्होंने सैकड़ों लोगों को रोजगार भी दिया है। उनके खेतों से निकलने वाले औषधीय पौधे हमारे देश के दिल्ली, कोलकाता, पुणे, बेंगलुरु, महाराष्ट्र, एवं किन्नौर राज्य में निर्यात के लिए जाते हैं। उनके जड़ी बूटियों का डिमांड मार्केट में अत्यधिक है। -Story of farmers who earned lakhs of rupees by adopting new method in farming

  1. खेमाराम

खेमाराम (Khemaram) जो कि एक बेहतर कृषक हैं और राजस्थान से ताल्लुक रखते हैं। उन्होंने अपने खेतों में इजराएल की तर्ज पर कुछ वर्ष पूर्व हीं संरक्षित खेती प्रारंभ की और आज इससे अधिक लाभ कमा रहे हैं। उनके खेतों को देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं वह ओस की बूंद से अपने पौधों की सिंचाई करते हैं एवं दीवारों पर धान एवं गेहूं को उगाया है। वह बताते हैं कि एक पॉलीहाउस लगाने में लगभग 3 लाख रुपए का खर्च होता है। जब मैंने इसे प्रारंभ किया था तो कुछ पैसे लोन के तौर पर लिए थे और कुछ सब्सिडी भी मिली थी। शुरुआती दौर में मैंने पहले खीरा उगाया जिसमें मुझे डेढ़ लाख रुपए की लागत हुई और वही लाभ के तौर पर मैंने मात्र 4 माह में हीं 12 लाख रुपए कमाए। -Story of farmers who earned lakhs of rupees by adopting new method in farming

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  1. धर्मेन्द्र श्योराण

धर्मेंद्र श्योराण (Dharmendra Shayoran) जो कि हरियाणा से ताल्लुक रखते हैं उन्होंने अपनी मेहनत की बदौलत रेतीली जमीन में ही सेब का उत्पादन कर सबको चौंका दिया है। उन्होंने वर्ष 2019 में अपने खेतों में सेब के पौधों को लगाया जो आज अधिक फल दे रहे हैं। आज वह जमीन उपजाऊ हो चुकी है जो पहले रेतीली थी। धर्मेंद्र की मेहनत की बदौलत आज उनकी खेती फसल उत्पादन के अनुकूल है और वह इससे लाखों रुपए कमा रहे हैं। -Story of farmers who earned lakhs of rupees by adopting new method in farming

ये स्टोरी उन लोगों के लिए प्रेरणास्रोत है जो ये कहते हैं कि खेती से सिवाय हानि के कोई लाभ नहीं है। लेकिन ये असत्य है अगर आप भी चाहें तो खेती में बेहतर पद्धति एवं मेहनत से सफलता की इबादत लिख सकते हैं।

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