“अपने लिए तो सब जीते हैं लेकिन जो खुद के साथ दूसरों के लिए भी जिंदगी जीते हैं वो इंसान महान होते हैं”। एक प्रेरणात्मक पंक्ति भी कहीं गई है कि “दूसरों के लिए जीना हीं सच्चा जीना है”। ये लोग धरती पर किसी फरिश्ते से कम नहीं।
आज के इस लेख में हम आपको भारत के कुछ ऐसे महान व्यक्ति के बारे में बताएंगे जिन्होंने परोपकार को अपनी जिंदगी का मुख्य लक्ष्य बनाया है। आज वे लोगों के बीच बेहद चर्चित भी हो चुके हैं और मसीहा का रूप ले चुके हैं। आईए जानते हैं उनलोगो के बारे में…
- जगदीश आहूजा
जगदीश आहूजा जिन्हें “लंगर बाबा” के नाम से जाना जाता है। आज ये भले ही हमारे साथ नहीं हैं लेकिन वो आज भी सबके दिलों पर राज कर रहे हैं। लंगर बाबा की आयु 86 वर्ष की थी और वह प्रतिदिन 2500 लोगों की मदद किया करते थे। उन्होंने अपने इस लंगर की शुरुआत वर्ष 2001 में की और इसे 86 वर्ष तक चलाया। उन्होंने अपनी 1.5 करोड़ रुपए का साम्राज्य बेच दिया ताकि उनका लंगर बन्द ना हो और मरने के बाद भी चलता रहे।
- खैरा बाबा करनैल सिंह
![Baba Karnail Singh Khaira provides free food to people.](https://thelogically.in/wp-content/uploads/2021/07/WhatsApp-Image-2021-07-27-at-5.11.44-PM-3.jpeg)
खेरा बाबा करनाल सिंह की आयु भले ही 82 वर्ष हो चुकी है परंतु आज भी वह महाराष्ट्र की यवतमाल में लंगर चला रहे हैं। उन्होंने इसका शुभारंभ 1988 में किया और इस कार्य को जारी रखा हुआ है। उन्होंने लगभग 30 लाख जरूरतमंद लोगों की मदद करके उन्हें भूख से तृप्त किया है। वो सिर्फ मनुष्यों का ही नहीं बल्कि पशुओं की भी मदद कर उन्हें भोजन कराते हैं।
- भूले भटके तिवारी
भूले भटके तिवारी का नाम उनके काम के अनुसार ही है। एक बार उन्होंने वर्ष 1946 में एक परिवार के सदस्य को मिलाने में अहम भूमिका अदा की इसके उपरांत उन्होंने यह लक्ष्य बना लिया कि आज से वह भूले भटके लोगों को मिलाने का काम करेंगे। इसके लिए उन्होंने अपनी एक टीम बनाई और इसका नाम “भारत सेवा दल संस्था” रखा गया। वैसे उनका नाम राजाराम तिवारी है परंतु उन्हें अपने काम के अनुसार भूले भटके तिवारी नाम से पहचान मिली। उन्होंने अब तक लगभग 25 लाख लोगों को बिछुड़ जाने पर उनसे मुलाकात कराई। वर्ष 2016 में उनकी मृत्यु हो गई फिर भी आज वह लोगों के दिलों में बसते हैं।
- महेश सवानी
महेश सवानी गुजरात के प्रसिद्ध हीरा व्यवसाई थे और उनका यह सपना था कि उन्हें एक बेटी हो परंतु ऐसा नहीं हुआ। इसके बाद उन्होंने एक या दो नहीं बल्कि 4000 लड़कियों की शादी करवाई। वह एक लड़की की शादी में लगभग 4 लाख रुपए खर्च करते थे और लड़कियां उन्हें पापा कहकर बुलाया करती थीं। ये कार्य वर्ष 1978 में तब प्रारंभ हुआ जब उनके बड़े भाई भगवान को प्यारे हुए तब उन्होंने उनकी दोनों बेटियों का जिम्मा अपने ऊपर लिया।
5.तजाम्मुल और मुजम्मिल पाशा
वर्ष 2020 में जब कोरोना का कहर बरसा सब लोग डर के मारे अपने घर से नहीं निकल रहे थे और कुछ लोग 2 वक्त की रोटी के लिए तड़पते हुए मर रहे थे। इस दौरान तजम्मुल और मुज्जम्मिल पाशा ने गरीब लोगों की मदद के लिए कदम बढ़ाया और उन्हें खाना मुहैया कराने के लिए 25 लाख रुपए की जमीन बेची। उन्होंने इस पैसे से लगभग 3000 से भी अधिक परिवारों को भूख से तृप्त किया।
![7 Such People Of India Who Are Messiahs For The Poor](https://thelogically.in/wp-content/uploads/2022/08/7-Such-People-Of-India-Who-Are-Messiahs-For-The-Poor.jpeg)
- जय श्री राव
जय श्री राव वही है जिन्होंने मात्र 25000 में अपनी कंपनी बेच दी ताकि वह लोगों की मदद कर सकें। यह उस वक्त की बात है जब वह मात्र 18 साल की थी। उन्होंने एक एनजीओ स्टार्ट किया जिसका नाम ग्रामपरी रखा। एक बार की बात है जब वह सब्जी लेने बाजार गई उस दौरान उन्होंने सब्जी खरीदने में तोलमोल किया और 5 रुपए सब्जी की कीमत कम दी। परंतु इस काम ने उन्हें झकझोर कर रख दिया कि जब मै 1 लाख रुपए लाभ कमा सकती हूं तो 5 रुपए के लिए किसी कर्मचारी से लड़ाई क्यों किया?? अब उन्होंने अपनी कम्पनी मात्र 25 हज़ार में बेंच दी और 1.22 लाख व्यक्तियों की सहायता की।
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- ऑटो टी राजा
ऑटो टी राजा का जन्म एक साधारण परिवार में हुआ और वह चोरी डकैती करने लगे। जिस कारण उन्हें चेन्नई भेजा गया ताकि कोई जॉब करें। यहां भी उन्होंने गलती की जिस कारण उन्हें जेल की रोटी खानी पड़ी। इसके उपरांत उन्होंने बॉडीगार्ड के तौर पर कार्य किया और घर आए। यहां उन्हें एक ऑटो खरीदा और चलाने लगे। तब से उनका नाम ऑटो टी राजा हो गया। एक बार उन्होंने देखा कि एक बेसहारा व्यक्ति रोड पर सोया है और मरने की कगार पर है। आगे उन्होंने लोगो की मदद के लिए न्यू आर्क मिशन ऑफ इंडिया की नींव डाली और बेसहारा लोगों की मदद करने लगे। आगे उन्होंने कई संस्था खोली और अनाथ और बेसहारा लोगों की मदद की।