अगर हमें विदेशों में नौकरी करने को मिले तो हम कभी भी यह नही चाहेंगे कि गांव आकर वहां के निवासी बने। लेकिन सरदार अवतार सिहं विदेश की नौकरी छोड़कर अपने गांव आए। उन्होंने वहां आकर खुद का व्यापार शुरू किया और गुड़ निर्माण करने लगे। आज वह लाखों की कमाई के साथ इस कार्य को कर रहें हैं और उनका निर्मित गुड़ आयात के लिए विदेशों में जाता है।
सरदार अवतार सिंह
सरदार अवतार सिंह (Sardar Avtar Singh) पठानकोट (Pathankot) के एक गांव गोसाईंपुर (Gosainpur) के निवासी हैं। वह विदेश में नौकरी करते थे लेकिन अब गुड़ का व्यपार करते हैं। वह गन्ने को अपने खेतों में उगाते हैं और फिर गुड़ का निर्माण भी करते हैं। उनके द्वारा निर्मित गुड़ बहुत जल्द बिक जाता है। उनका गुड़ लोगों को बहुत हीं पसन्द है।
मलेशिया में करते थे नौकरी
अवतार सिंह लगभग 8 वर्षों से मलेशिया के निवासी बन चुके थे। वह मलेशिया में ही रहकर नौकरी करते। लेकिन जब वह वहां के रहन-सहन से उब गए और उनका मन अपने गांव की तरफ आकर्षित होने लगा तो वह अपने गांव में आ गए। वह अपने गांव में आकर स्मार्ट कारोबार का शुभारंभ किए। उन्होंने गन्ने को अपने खेतों में उगाया और फिर इससे गुड़ का निर्माण करने लगे। इनका यह व्यपार सफल हुआ और यह अपने गन्ने की खेती से अधिक लाभ कमाने लगे। उनका गुड़ सभी को बहुत पसन्द है और वह आयात के लिए हमारे देश हीं नही बल्कि विदेशों में जाता है।
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4 लाख की कमाई
वह जहां के निवासी हैं वहां की भूमि गन्ने के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने निश्चय किया वहां अपना लक आजमाने के लिए गन्ने की खेती करने लगे। आगे उनका कार्य विकसित हुआ और लाभ मिला। वह प्रतिदिन 2 क्विंटल के करीब गुड़ का निर्माण करते हैं और वह उसी वक्त बिक जाता है। प्रत्येक सीजन में 4 लाख तो वह आसानी से कमा लेते हैं।
लिया है गुड़ निर्माण का प्रशिक्षण
उन्होनें कृषि क्षेत्र द्वारा हुए आयोजन में गुड़ के निर्माण का ट्रेनिंग लिया है। वह संगमरमर के चाक पर गुड़ डालते हैं ताकि वह ठंडा हो। वह जो गुड़ बनातें थे वह जल्द ठंडा नहीं हो पाता जिस कारण उन्होंने यह युक्ति अपनाया।
गन्ने की खेती कर सफल और उन्नत कृषि का उदाहरण पेश करने के लिए The Logically सरदार जी को बधाई देता है।