Sunday, December 10, 2023

महज़ 30 साल की उम्र में साबित किये अपनी काबिलियत, आज करोड़ो का बिज़नेस डील करते हैं

हर कोई चाहता है कि उसका अपना एक व्यवसाय हो, तभी तो ज़्यादातर लोग अपनी अच्छी-खासी नौकरी छोड़कर खुद का व्यवसाय शुरु कर रहें है और आत्मनिर्भर बनने की राह पर अग्रसर है। कई लोग दूसरे के अंदर रहकर नौकरी नहीं करना चाहते हैं। वे अपनी मेहनत और लगन से शोहरत प्राप्त करने की इच्छा रखते हैं। आज की कहानी भी इसी बात से मिलते-जुलते एक शख्स की है जिसने अपनी आईटी की नौकरी छोड़कर सीमेंट का व्यवसाय शुरु किया और सफल होकर दिखाया।

हम बात कर रहें हैं जम्मू-कश्मीर के अल्ट्राटेक सीमेंट (Ultra Tech Cement) के सीएंडएफ (C&F) हर्षवर्धन चंन की। उनकी उम्र 30 वर्ष है। उनकी माता का नाम नम्रता चंन है तथा पिता रणविजय चंन है। उन्होंने हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के सोलन में जेपी यूनिवर्सिटी से 2011 में स्नातक करने के बाद बिजनेस में अपना कदम रखा। उन्होंने जेपी सीमेंट के ट्रांसपोर्टेशन के काम को अपने हाथों में लिया। लेकिन साल 2014 के करीब जब कम्पनी बंद हुईं तो उन्होनें अल्ट्राटेक में काम करना आरंभ किया। उसके बाद हर्षवर्धन ने वर्ष 2015 में अल्ट्राटेक सीमेंट के सीएंडएफ लिया। उसके बाद उन्होंने हलाईकल एनर्जी के नाम से फ़र्म को पंजीकृत कराया। हर्षवर्धन जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में अल्ट्राटेक सीमेंट की आपूर्ति करवाते हैं। वे अपने बिजनेस को लगभग 100 डीलरों के सहयता से चला रहें हैं।

Harsvardhan Chan

आपकों बता दें कि जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) में अल्ट्राटेक सीमेंट की प्रति महीने 20 हजार मीट्रिक टन खपत होती है। 100 से अधिक डीलर जम्मू, श्रीनगर और लेह में कार्य कर रहें हैं। इसके अलावा हर्षवर्धन चन का एक होटल भी है। उनका जम्मू रेलवे स्टेशन के समीप “शिवालिक हिल” के नाम से होटल है। हर्षवर्धन ने जल्द ही कुद में एक शानदार होटल बनाने का निश्चय किया है। इसके अलावा वे बड़ी ब्राह्मणा में खुद का एक कारखाना लगाने के लिये भी सजग है। हर्षवर्धन सरकारी औपचारिकता को पूरा करने के साथ ही अपने व्यवसाय को भी आगे बढ़ाने की कोशिश में लगे हैं। हर्षवर्धन के पिता जी का देहांत हो गया है। पिता के स्वर्गवासी होने के बाद हर्षवर्धन ने सभी जिम्मेवारियों को पूरे मन से निभा रहें हैं।

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हर्षवर्धन ने आईटी करने के बाद निश्चय किया कि वे अपना खुद का बिजनेस करेंगे। उन्होंने बताया कि उस वक्त उन्हें महेन्द्रा-सत्यम कम्पनी में जॉब मिली, लेकिन उस जॉब में उनकी रुचि नहीं थी। उनको किसी के नीचे रहकर काम करने से बेहतर खुद का व्यवसाय शुरु करना लगा। जिसके बाद उन्होने जेपी सीमेंट के ट्रांसपोर्टेशन का काम आरंभ किया। ट्रांसपोर्टेशन के काम के साथ वे कंट्रेक्ट सेल्स भी देखते थे। हर्ष ने बताया कि उन्हें बाकियों की तरह सरकारी नौकरी की भी चाह नहीं थी और ना ही किसी के अंदर रहकर कार्य करने की। उसके बाद हर्ष ने खुद का व्यवसाय करने का निर्णय लिया और सच्ची मेहनत और लगन से साथ अपने बिजनेस में आगे बढ़ते गये।

हर्षवर्धन का यह भी कहना है कि कोवि’ड-19 सभी के लिये शिक्षाप्रद सिद्ध हुआ है। लॉकडाऊन के दौरान कामकाज बाधित हुआ। कठिनाइयों का वह समय सभी के बहुत चुनौती पुर्ण थी। उन्होंने अपने बिजनेस के कर्मचारियों के परेशानियों को बेहतर तरह से समझा। उन्होंने बताया कि कोरोना की बंदी के दौरान किसी भी कर्मचारी के वेतन से न तो पैसा काटा गया और ना ही सैलरी रोकी गई। इसके साथ ही समय के अनुसार जरूरत पड़ने पर उनकी सहयता भी की गई। कोवि’ड-19 ने सभी को यह सीख दिया है कि विकट पारिस्थितियों में हौसला न हारते हुए हमेशा आगे बढते रहना चाहिए।

हर्षवर्धन को बिजनेस करने की प्रेरणा उनकी मां से मिली। उनकी मां सालों से सीमेंट के बिजनेस की देख-रेख कर रही है। तब हर्षवर्धन पढ़ाई करतें थे। हर्ष के पिता का देहांत वर्ष 2015 में हो गया। उनके पिता एक सरकारी कर्मचारी थे। पिता के चले जाने के बाद हर्ष की जिम्मेदारियों में बढ़ोतरी हुई। हर्ष ने बताया कि उनकी मां ने उन्हें कभी भी कमजोर नहीं होने दिया, वे हमेशा उनके साथ रही। हर वक्त जिम्मेवारी निभाने के प्रति प्रेरित करती रहीं तथा जागरुक भी की। इसी वजह से आज हर्ष इस मुकाम तक पहुंचे है। हर्ष के पिता में चुनौतियों से हार न मानना और आगे बढ़ने का जुनून हमेशा से देखने को मिला। उनके छोटे भाई लोक निर्माण विभाग में जूनियर इंजीनियर है।

हर्षवर्धन अल्ट्राटेक सीमेंट के सीएंडएफ के साथ ही ठेकेदारी में भी सजग है। उन्होंने बिजली विभाग का ठेका लिया है। वह 11 केवीए की लाइन लगाने का कार्य कर रहें है। हर्ष का कहना है कि व्यवसाय को आगे बढ़ाने के लिये पूरे लगन से कठिन मेहनत करनी पडती है। बिजनेस में इमानदारी और सच्ची निष्ठा की बेहद आवशयकता है। उन्होंने बताया कि बिजनेस में हेराफेरी नहीं चलता है। सभी की समस्याओं को समझना पड़ता है। लोगों की समस्याएं डीलरों के जरिए उनके तक पहुंचती है, जिसे कम्पनी की टेक्नीक्ल विंग तक पहुंचा कर उनका हल करावया जाता है। लोगों का विश्वास ही बिजनेस की नींव है।

The Logically हर्षवर्धन चंन को सफलता के लिये ढ़ेरों शुभकामनाएं देता है।