Wednesday, December 13, 2023

हर महीने गरीब तबके के अनेकों बच्चों की फीस भरते हैं, इस दिवंगत पत्नी का सपना पूरा कर रहे हैं

यह जरुरी नहीं होता है कि मनुष्य समय रहते अपने सभी सपनों को पूरा कर सके। बहुत सारे ऐसे लोग हैं जिनके सपने उनके जीवन में पूरे हो जाते हैं। परंतु कुछ ऐसे भी हैं जिनके सपने सच नहीं हो पाते है क्यूंकि जीवन का आखिरी पल कब हो जाए यह कोई नहीं जानता है। हमारे जीवन में कुछ ऐसे लोग होते है जो इन्सान के चले जाने के बाद भी उनके सपने को पूरा करने की हर सम्भव प्रयास करते हैं।

यह कहानी भी एक ऐसे शख्स की है जो अपने पत्नी के सपने को पूरा करने के लिए इश्वर का दूत बनकर गरीबों और असहायों की सहायता कर रहा है। आईए जानते हैं उस शख्स के बारे में जो इतना नेक कार्य कर रहे हैं।

Gedla indira prasad help poor student

गेडेला इंदिरा प्रसाद आंध्रप्रदेश के श्रीकाकुलम के रहनेवाले हैं। वह बिना स्वार्थ की कामना किए जरुरतमंदो की खुले दिल से सहयता करने में लगे हुए हैं। गेडेला इंदिरा प्रसाद ने वर्ष 2006 में फिजिकल निदेशक के पद से सेवानिवृत्त हुए थे। वर्ष 2000 में बीमारी की वजह से इन्दिरा प्रसाद की पत्नी का देहांत हो गया। अब वह अपनी पत्नी के पेंशन का उपयोग कर के जरुरतमंदो की मदद करने का नेक कार्य कर रहे हैं।

The New Indian Express के रिपोर्ट के अनुसार, इन्दिरा प्रसाद की पत्नी का नाम ललिता देवी है। वह एक सरकारी कॉलेज मे लेक्चरर थीं। वे श्रीकाकुलम रोटरी क्लब से जुड़े होने के दौरान समाज सेवा करती थीं। उनकी मौत के बाद उनके पति इन्दिरा प्रसाद ने उनके इस नेक कार्य को जारी रखा।

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सरकारी कॉलेज मे लेक्चरर होने की वजह से ललिता देवी को हर माह 30 हजार रुपये पेंशन मिलता था। अब हर माह मिलने वाली पेंशन का इस्तेमाल उनके पति गरीबों की सहायता करने के लिए दान देते हैं। उनकी इस मदद की वजह से कई गरीब बच्चे को अच्छी शिक्षा मिलने के साथ-साथ कईयों के सपने भी साकार हो रहे हैं। इन्दिरा प्रसाद के दान से अनेकों बच्चों का भविष्य उज्जवल हो रहा है शायद इसिलिए कहा जाता है दान सबसे बड़ा धर्म है।

Gedla indira prasad help student

इन्दिरा प्रसाद गरीब छात्रों के स्कूल की फीस भरने के लिए प्रति माह अपनी पत्नी के पेंशन के 30 हजार रुपये का उपयोग करते हैं। इन सब के अलावा इन्दिरा प्रसाद गरीब तबके के खिलाडियों की यात्रा का खर्च उठा कर उनकी मदद करते हैं। वह अन्य कई नेक कार्य करते है।

इन्दिरा प्रसाद का कहना था कि जाति अलग होने के बावजूद भी वे और उनकी पत्नी ने प्रेम विवाह किया था। उनकी पत्नी उड़िया भाषा मे लेक्चरर थी। वर्ष 2000 में लम्बी बीमारी की वजह से उनका स्वर्गवास हो गया।

The Logically गेडेला इंदिरा प्रसाद के नेक कार्यों की बेहद प्रशंशा करता है। उनके द्वारा किया गया कार्य बहुत सराहनीय है तथा यह मानवता का परिचय भी देता है।