विश्व भर में हमारा भारत देश कृषि के लिए प्रसिद्ध हैं। हमारे देश की आधी आबादी कृषि पर ही निर्भर करती हैं। साथ ही साथ हमारे देश मे सब चीज़ों की खेती होती हैं। परंतु सोचने वाली बात ये है कि भारत मे 40 से 50 प्रतिशत खपत हींग की होती हैं तो हमारे देश मे इसकी खेती क्यों नहीँ होती हैं।
ये सवाल हम सब के मन मे हैं तो इस सवाल का जवाब अब हम सब को मिलेगा। हाल ही में CSIR और IHBT ने पालमपुर में देश मे पहली बार हींग उगाने के काम शुरु किया हैं। देश मे सबसे पहले हींग लाहौल स्पीति के गांव कवरिंग में उगाने की पहल की गई हैं। आज हम आपको बताएंगे कि हींग कैसे बनती हैं इसके क्या क्या फायदे हैं साथ ही साथ हींग पर आयुर्वेद का क्या कहना है।
क्या हैं हींग:-
हींग देखने में छोटे कंकर की तरह होती हैं और ये सौफ के एक पौधे के प्रजाति से उपजती हैं।हींग के पौधे की लंबाई लगभग 1 से1.5 मि तक रहती है।हींग की पैदावार भूमधयासगर से लेकर मध्य एशिया तक होती हैं।परंतु मूल रूप से हींग ईरानी पौधा हैं।भारत मे हींग को कई नमो से जाना जाता हैं जैसे:-हिंगु,हिंगर,यांग,और इगुवा।
दो प्रजातियां हैं हींग की:-
हींग दो प्रकार की होती हैं।पहली प्रजाति काबुली सुफाइद और दूसरी प्रजाति लाल रंग की होती हैं।सफेद हींग तो आसानी से पानी मे घुल जाती है परन्तु लाल और काली हींग सिर्फ तेल में ही घुलती हैं।हींग में बहुत तेज गंध होती है क्योंकि हींग में सल्फर मौजूद होता हैं।बाजार में हींग आपको तीन प्रकार से मिलेगी पहली तो टियर्स यानी कि पतले और दूसरी मास यानी कि ठोस और तीसरी पेस्ट यानी कि पाउडर के रूप में।
कैसे तैयार होता है हींग:-
हमारी रसोई तक पहुचने के लिए हींग को बहुत सारी प्रक्रियाओ से होकर गुजरना पड़ता हैं।हींग को फेरूला एसाफाईटिंडा नाम के पौधे के जड़ से जो रस निकलता है उससे तैयार होता हैं।जो कि ठंडे पहाड़ो वाले जगहो पे मिलता है जैसे अफगानिस्तान, कजाखस्तान ,उजेबीकिस्तान और ईरान।हींग बनाने का पहला चरण ही फेरूला के जड़ो का रस निकलना हैं।
कच्चा हींग तीखी गंध वाली होती हैं। इसको खाने लायक बनाने के लिए स्टार्च और गोंद मिलाया जाता हैं।उसके बाद उसको छोटे छोटे टुकड़ों में तैयार किया जाता हैं।जो हींग हम बाजार से खरीदते है हींग वैसा नही उयोजता हैं असल मे।उस मे कुछ खाध पदार्थ मिला के उसे खाने के लायक बनाया जाता हैं।
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महंगी क्यों होती है हींग:-
हींग के महंगे होने के कई कारण हैं।जैसे हमारे देश मे हींग ही बहुत डिमांड हैं उसके बाद भी हमारा यहाँ हींग की खेती नही होती थी।दूसरा सबसे बड़ा कारण है हींग को तैयार करने वाली प्रक्रिया क्योंकि हींग को तैयार होने में 4 साल लग जाते हैं।और बाजार में इसकी खपत अधिक हैं इसलिए हींग महंगी मिलती हैं।
जिनलोगों को हींग का गंध पसंद नही होता हैं वो भी इसके गुणों के कारण इसका उपयोग करते हैं।भारत हर साल 1200 टन हींग आयात करता है 600 करोड़ रुपये लगाकर।इसलिए हींग महंगा मिलता हैं।भारत के साथ साथ अमेरिका, यूके,कनाडा,मलेशिया,सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया और जापान में भी हींग की खपत अधिक होती हैं।अब हमारे देश मे भी हींग की खेती शुरू होने जा रही हैं जो भारत के लिए बड़ी उपलब्धि हैं।इससे हमारे देश मे निवेश बढ़ेगा।
क्या कहता है आयुर्वेद :-
आयुर्वेद के चरक संहिता में आपको हींग के बारे में पढ़ने को मिलेगा।इसलिए लोगो का कहना है कि भारत मे हींग का उपयोग बहुत पहले से हो रहा हैं।आयुर्वेद में हींग को बहुत उपयोगी माना जाता हैं।हींग का सेवन करने से पेट की समस्याएं दूर रहती हैं।हींग पाचक का भी काम करता हैं।
बीमारियों से दूर रखता हैं हींग:-
हींग बहुत सारी बीमारियों से दूर रखता हैं आपको जैसे काली खांसी,गले की ख़राश,हिस्टीरिया, शारिरिक थकान साथ ही साथ हींग का उपयोग खाध पदार्थो में सुगंध लाने के लिए भी किया जाता हैं।हींग किसी दवाएं से कम नही है बस आपको इस बात का ध्यान रखना है कि हींग का उपयोग आप सीमित मात्रा में करें।कच्ची हींग खाने से आपको उल्टी जैसी समस्या का सामना करना पड़ सकता हैं।इसलिए हींग को हमेशा घी में पका के खाना चाहिए।
The Logically ने आज आपको हींग के फायदे के बारे में बताया हैं, और उम्मीद करता है कि इस जानकारी से आप सबको लाभ मिलेगा।साथ ही साथ भारत मे हींग की खेती शुरू होना हम सबके लिए गौरव की बात है।