Saturday, December 9, 2023

करेले की खेती में 40 हज़ार की लागत से डेढ़ लाख का फायदा कमा रहा है यह किसान: जाने पूरा तरीका

कई बार लोग छुट्टा और जंगली जानवरों के द्वारा होनेवाले नुकसान की वजह से खेती नहीं करना चाहते हैं लेकिन यह आवश्यक नहीं है कि सभी प्रकार के खेती को जानवरों से नुकसान पहुंचता है। यदि किसान करेले की खेती करें तो उनके लिये यह फायदेमंद साबित हो सकता है। करेले की खेती को जानवरों से किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचता है। इसके साथ ही किसान अपनी लागत के साथ-साथ अच्छी आमदनी भी कमा सकते हैं।

आज हम आपको एक ऐसे ही किसान के बारे में बताने जा रहें हैं जिसने करेले की खेती से प्रति एकड़ 40 हजार की लागत से डेढ़ लाख रुपये की कमाई किया है। इस किसान का नाम है जितेंद्र सिंह (Jitendra Singh). आइये जानते हैं, इस किसान से करेले की खेती के बारे में।

Bitter gourd farming

जानवरों के आतंक से परेशान होकर शुरू की करेले की खेती

कानपुर जिले के सरसौल ब्लॉक के महुआ गांव के किसान करेले (Bitter Gourd) की खेती से काफी मुनाफा कमा रहे हैं। इन्होंने बताया कि वह पिछ्ले 4 वर्षों से करेले की खेती कर रहें हैं। इससे पहले वह धान, लौकी तथा कद्दू जैसी सब्जियों की खेती करते थे परंतु जानवरों के आतंक से बहुत परेशान रहते थे। उनके मन में हमेशा यह चलते रहता था कि आख़िर किस फसल की खेती की जाए जिससे जानवरों द्वारा नुकसान का डर न हो।

यह भी पढ़ें :- पढाई के बाद 2 बीघे जमीन में शुरू किए जीरा की खेती, अपनी अनोखी तरकीब से 60 करोड़ का है सालाना टर्नओवर

मार्केट अच्छा रहा तो ₹30 किलो बिकते हैं करेले

जितेंद्र सिंह (Jitendra Singh) ने आगे बताया कि कुछ लोगों ने उन्हें करेले की खेती करने की सलाह दी। इन्होंने देखा कि करेले की खेती मचान पर हो रही है तो इन्हें लगा कि यह बहुत कठिन कार्य है। फिर हिम्मत कर के जितेंद्र सिंह ने जब करेले की खेती आरंभ की तो इन्हें अच्छा मुनाफा हुआ। एक बीघे में 50 क्विंटल की फसल निकल जाती है। यदि रेट अच्छा रहा तो 20 से 25 रुपए तथा कभी-कभी ₹30 किलो भी बिक जाता है।

farmer Jitendra Singh

जितेंद्र के अनुसार करेले की खेती में प्रति एकड़ ₹40000 का लागत आता है। यदि अच्छी मार्केट मिल गई तो डेढ़ लाख रुपए की कमाई हो जाती है। उन्होंने बताया कि 1 एकड़ की खेती से डेढ़ लाख रुपए की कमाई होती है। इससे उन्हें जानवरों से फसल के नुकसान होने का डर नहीं है तथा मार्केट में अच्छे मूल्य पर बिक भी जाता है।

अधिक पानी में भी करेले सड़ते या गलते नहीं हैं

जितेंद्र के क्षेत्र में अधिकतर किसान मिर्च की खेती करते हैं परंतु कई बार अधिक वर्षा होने की वजह से फसल बर्बाद हो जाती थी। ऐसे में इन्हें मिर्च की खेती करने से करेले की खेती करना अधिक सही लगा। करेले की खेती में यदि पानी अधिक हो गया तो पौधे सड़ते या गलते नहीं है।

करेले की खेती की वीडियो देखने के लिए यहां क्लिक करें

60 दिनों में तैयार हो जाते हैं करेले

आपको बता दें कि महुआ गांव में लगभग 50 एकड़ में करेले की खेती होती है। जितेंद्र सिंह 15 एकड़ में करेले की खेती करते हैं। करेले के फसल की सबसे अच्छी बात यह होती है कि 60 दिनों में तैयार हो जाता है तथा व्यापारी खेत से खरीदकर ले जाते हैं।

मचान विधि से खेती करने के फायदे

जितेन्द्र तथा अन्य किसान मचान विधि से करेले की खेती करते हैं। मचान पर लौकी, करेला, खीरा जैसी बेल वाली सब्जियों की खेती की जाती है। मचान विधि से खेती करने के कई फायदे हैं। मचान पर बांस या तार का जाल बनाकर बेल को जमीन से मचान तक पहुंचाया जाता है। मचान का इस्तेमाल करने से किसान 90% तक फसल को खराब होने से बचा सकते हैं।

वीडियो में सीखें कम लागत में कैसे करें करेले की खेती

The Logically जितेन्द्र सिंह (Jitendra Singh) को करेले की खेती से मुनाफे कमाने के लिये शुभकामनाएं देता है।