अक्सर लोग वजन कम (Weight loss) करने और खुद को फिट रखने के लिए डाइटिंग (Dieting) का सहारा लेते हैं। डाइटिंग मात्र जंक फूड को न कहना नहीं है। इसमें कई तरह के अलग अलग तरीके और स्टेप्स भी हैं जिन्हें लोग फॉलो करते हैं। इन दिनों कीटो डाइट (keto diet) काफी चर्चा में है। बॉलीवुड सेलिब्रिटीज़ (Bollywood celebrities) से लेकर न्यूट्रिशनिस्ट (Nutritionist) तक, सभी इस बारे में बात करते हैं और वजन कम करने के लिए इस डाइट की सलाह भी देते हैं।
लेकिन सवाल यह उठता है कि आखिर कुछ ही दिनों में वजन कम करने का दावा करने वाली ये डाइट कितनी कारगर है? जानिए, कीटो डाइट से जुड़ी सभी ज़रूरी बातें।
आखिर क्या है कीटो डाइट ?
कीटो डाइट एक लो कार्ब हाई फैट डाइट होती है, जिसमें कार्बोहाइड्रेट (Carbohydrate) की मात्रा कम और वसा की ज्यादा होती है। इससे डाइटिंग पर रहने के बाद भी शरीर में एनर्जी की कमी नहीं होती और वजन भी कंट्रोल में रहता है।
इससे जुड़ी खास बात बात यह है कि इसमें कार्बोहाइड्रेट की कमी शरीर के मेटाबॉलिज्म स्तर (Metabolism level) को बढ़ा देती है और वजन तेजी से कम होने लगता है। यही वजह है कि लोगों का झुकाव इस डाइट की ओर दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है।
यह भी पढ़ें :- सुबह की शुरुआत इन 5 आदतों के साथ कीजिये, दिनभर ताजगी के साथ आलस्य से दूर रहेंगे
कीटो डाइट में क्या खाना होता है ?
कीटो में अंडे, चिकन, मटन, मछली को अपनी डाइट में शामिल करना होता है। जो वेजिटेरियन हैं, वो पालक, मेथी या ब्रोकली और फूलगोभी को भी अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं। जबकि फैट के लिए पनीर, क्रीम और बटर को भी डाइट में शामिल किया जाता है।
इस साल रैंकिंग में पीछे रह गया कीटो डाइट
वजन कम करने में इसे काफी कारगर माना गया है। लेकिन इस बीच एक नई बात भी सामने आई है। जिसे जानकर आप शायद ही इस डाइट को फॉलो करना चाहेंगे। दरअसल, हर साल “यूएस न्यूज एंड वर्ल्ड रिपोर्ट” बेस्ट डाइट रैंक करता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि मशहूर कीटो डाइट कुल 39 डाइट प्लान में अंतिम दूसरे पायदान पर जगह मिली है। इसके अलावा ‘मोडिफाइड कीटो’ डाइट, जिसका पहली बार मूल्यांकन किया गया था, वो 35वें स्थान पर रहा।
कीटो डाइट से हो सकती है ये परेशानियां
कीटो डाइट फॉलो करने वाले लोगों के शरीर में फाइबर की मात्रा बहुत कम होती है। फल लगभग डाइट में शामिल ही नहीं होते हैं और पत्तेदार सब्जियां खाना हर किसी के लिए आसान नहीं है (इसलिए ज्यादातर ये छूट जाता है) कम फाइबर आपके पेट के लिए सही नहीं है और इसी वजह से कीटो के साथ कब्ज होना एक बड़ी समस्या है।
कीटो डाइट के साथ जुड़ा एक रिस्क ये है कि ये शरीर में हानिकारक कोलेस्ट्रॉल के लेवल को बढ़ा सकता है, खासकर जब हाईली प्रोसेस्ड और ट्रांस फैट का सेवन करते हैं। कुछ स्टडी से पता चलता है कि कीटो डाइट पर्याप्त कैल्शियम, विटामिन डी, मैग्नीशियम और फास्फोरस नहीं देता है
क्या आपको कीटो डाइट फॉलो करना चाहिए?
इन तमाम बातों को जानकर आपके मन में सवाल होगा की इस डाइट को फॉलो करना चाहिए या नहीं ? तो बता दें कि आपअपने डॉक्टर या सर्टिफाइड न्यूट्रिशनिस्ट से पूछकर इसे फॉलो करें। यह जान ले की कोई भी डाइट यूनिवर्सली फायदेमंद नहीं होता, और अगर ठीक से पालन नहीं किया गया तो नुकसानदेह भी हो सकता है।
The logically आपको यही सलाह देगा की कीटो या अन्य मुश्किल डाइट के पीछे भागने के बजाय बेहतर खाने पर ध्यान देते हुए डेली वर्कआउट से भी आप वजन कम कर सकते हैं।