नए कृषि कानून के विरोध में देश के किसान आंदोलन कर रहे हैं। 50 दिनों से अधिक हो गए, किसान दिल्ली की सीमाओं पर अपनी मांग को लेकर डटे हुए हैं। किसानों द्वारा किए जा रहे इस विरोध में उनका गुस्सा रिलायंस इंडस्ट्रीज और वॉलमार्ट जैसी कंपनियों पर भी भारी पड़ा। महीनों से अनेकों स्टोर में ताले लगे हुए हैं, जिससे कंपनियों को करोड़ों का नुकसान हुआ है।
3 महीने से स्टोर में लगे हुए हैं ताले
रॉयटर्स की खबर के अनुसार पंजाब में किसानों द्वारा हुए प्रदर्शन के कारण आधे से ज्यादा स्टोर लगभग 3 महीनों से बन्द पड़े है। पंजाब के बठिंडा (Bathinda) में 50,000 वर्गफुट में फैले वॉलमार्ट थोक स्टोर भी बन्द पड़े है। प्रदर्शन के कारण इन कंपनियों को बड़े नुकसान का सामना करना पड़ रहा है।
स्टोर में हुई तोड़-फोड़
प्रदर्शनकारी किसानों द्वारा कंपनियों के स्टोर में तोड़-फोड़ का भी भय बना हुआ है। घटनाक्रम के सूत्रों के अनुसार किसानों द्वारा हुए प्रदर्शन में पंजाब में किसानों का अत्यधिक कड़ा विरोध सामने आया है जिससे रिलायंस और वॉलमार्ट जैसी कंपनियों को उनके स्टोर में तोड़फोड़ होने के भय से अपनी संपत्ति और कर्मचारियों को सुरक्षित रखने के लिए स्टार्स बन्द रखने पड़े हैं। यह इन कंपनियों के लिए भारी नुकसान है।
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कंपनियों को हुआ करोड़ों रूपये का नुक़सान
रिलायंस और वॉलमार्ट कंपनियों को करोड़ों रुपयों के नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। रिटेल उद्योग से जुड़े सूत्र के अनुसार पूरे राज्य में रिलायंस स्टोर बंद पड़े हैं, जिससे इस कंपनी को करोड़ों रुपयों के नुकसान होने की आशंका है। वहीं दो अन्य सूत्रों के अनुसार वॉलमार्ट के देशभर में पूरे 29 स्टोर है, जिनमें बठिंडा के सभी स्टोर बन्द होने से इस कंपनी को लगभग 59 करोड़ का नुकसान होगा। बठिंडा में किसान रोजाना वॉलमार्ट के स्टोर के बाहर धरना देते है, जहां लगभग 250 लोग नौकरी करते हैं। वहां किसान पूरे दिन किसी को स्टोर के अंदर नहीं जाने देते है।
कंपनियों ने किए बयान देने से इंकार
प्रदर्शन स्थल की जानकारी रखने वाले रिलायंस के स्थानीय स्टोर वालों के अनुसार ये अधिकारी इस विषय पर मीडिया से बात करने के लिए अधिकृत नहीं है। वॉलमार्ट और उसकी भारतीय इकाई फ्लिपकार्ट के साथ रिलायंस इंडस्ट्रीज भी इस पर आधिकारिक कॉमेंट करने से मना किया है।
किसान नेताओं की रिपोर्ट
प्रदर्शन स्थल पर विरोध कर रहे ज्यादातर किसान पंजाब से हैं, किसानों के कई नेता भी पंजाब और हरियाणा से ही है। डेमोक्रेटिक फार्मर्स यूनियन के कुलवंत सिंह संधू के अनुसार रिलायंस कंपनी के खिलाफ उनका प्रदर्शन जारी रहेगा। वहीं किसान नेता जगतार सिंह का कहना है कि जब तक सरकार अपने कृषि कानूनों को वापस नहीं ले लेगी तब तक वे लोग रिलायंस का विरोध जारी रखेंगे, जो कि रिलायंस कंपनी के लिए नुकसानदेह है।
उम्मीद है सरकार जल्द ही किसानों की मांगे स्वीकार करेगी या बीच का कोई हल निकालेगी। हमें पूर्ण विश्वास है सरकार जो भी फैसला लेगी, वह किसानों के हित में होगा।