Wednesday, December 13, 2023

किसान हिंसा को लेकर शशि थरुर और राजदीप सरदेसाई समेत 8 लोगों के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज हुआ

गणतंत्र दिवस परेड के मौके पर किसानों द्वारा निकाली गई ट्रैक्टर परेड के बीच किसान आंदोलन नें जो हिंसक और आक्रामक रुप लिया उसनें पूरी दुनिया के सामनें देश को शर्मसार कर दिया है। इस हिंसक घटना के चलते प्रदर्शनकारियों से लेकर किसान नेता सभी कानून के दायरे में आ चुके हैं। जिसके कारण दिल्ली पुलिस के साथ-साथ यूपी पुलिस भी घटना के कारणों की तफ्तीश में जुट गई है। अब आलम ये है कि नोएड़ा पुलिस नें भी कुछ नेताओं और पत्रकारों के खिलाफ राजद्रोह (sedition) जैसे गंभीर मामलों पर एफआईआर दर्ज की गई हैं।

शशि थरुर और राजदीप सरदेसाई के नाम दर्ज की गई एफआईआर

बता दें कि नोएड़ा पुलिस नें देशद्रोह के आरोपों के चलते जिन 8 नामचीन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज़ की है उसमें कांग्रेस नेता शशि थरुर, पत्रकार राजदीप सरदेसाई, National Herald के एडिटर मृणाल पांडें, The Caravan एडिटर परेशनाथ, अनंत नाथ, विनोद जोस और Quami Awaz के एड़िटर ज़फर आगा के नाम हैं।

Shashi tharoor

देशद्रोह की धाराओं के तहत दर्ज़ हुआ मामला

सभी आठ लोगों के खिलाफ नोएड़ा पुलिस नें भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code, IPC) के तहत देशद्रोह की धाराओं 153 A, 505(2), 124 A में मामला दर्ज़ किर लिया है। साथ ही इन लोगों पर आपराधिक साजिश और शत्रुता को बढ़ावा देने जैसे आरोप भी हैं। इतना ही नही, भोपाल थानों में भी इन्हीं धाराओ के अंडर कुछ समाज सेवी संगठनों नें भी इन लोगों के खिलाफ केस दर्ज़ करवाये है। बताया जा रहा है कि इन्होनें अपनें ट्वीट के ज़रिये पुलिस पर आरोप लगाया कि वे विरोध करनें वाले किसानों को गोली मार रही है। जिसके चलते पुलिस जल्द ही इन लोगों के खिलाफ नोटिस जारी कर सकती है।

राजदीप को झेलना पड़ेगा दुष्परिणाम

26 जनवरी किसान प्रदर्शन पर इंडिया टुडे चैनल के सीनियर जर्नलिस्ट राजदीप सरदेसाई को अपने किये ट्वीट का दुष्परिणाम झेलना पड़ सकता है। जिसमें चैनल नें यह फैसला लिया है कि दो हफ्ते के लिए राजदीप को न केवल ऑफ एयर कर दिया गया है यानि वो दो हफ्ते तक चैनल पर कोई शो नही कर पाएंगें । साथ ही उनकी एक माह की सैलरी भी नही दी जाएगी।

सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से हिंसा भड़का रहे थे

नोएडा के संजय रघुवंशी नाम के एक किसान नें यह कहकर इन सभी लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज़ करवाई है कि ये तमाम लोग अपने सोशल मीडिया पोस्ट के ज़रिये उक्त कांड को लेकर गलत वक्तव्य देकर सार्वजनिक शांति भंग कर हिंसा फैला रहे थे।

Sedition case registerd against Shashi tharoor and Rajdeep Sardesai

राजनैतिक छींटा-कशी

इस घटना को लेकर तमाम राजनैतिक कयास भी लगाए जा रहे हैं। विपक्षी दल एक दूसरे को इस हिंसा की वजह बताते हुए कीचड़ उछालनें से भी बाज़ नही आ रहे हैं। जहां एक ओर कांग्रेस द्वारा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को इस हिंसा की वजह बताया गया वहीं किसान आंदोलन की शुरुआत से ही बीजेपी किसानों को भड़कानें के लिए कांग्रेस को ज़िम्मेदार ठहरा रही है। ऐसे में मध्य प्रदेश मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत सभी बीजेपी नेताओं नें न केवल घटना की निंदा की बल्कि वीडी शर्मा नें भी इस हिंसा में काँग्रेस की भागीदरी होने को लेकर शक जताया है। दूसरी ओर, कांग्रेस नेता और राज्यसभा सदस्य दिग्निजय सिंह नें इसे पूरी तरह बीजेपी प्रायोजित कार्यक्रम करार दिया है।

क्या है पूरा मामला

पिछले साल अक्टूबर में सरकार द्वारा कृषि कानूनों को पारित कर दिये जानें के बाद से ही किसान इन कानूनों के विरुद्ध और इन्हें रद्द करनें की मांग को लेकर सड़कों पर उतरे हुए है। इसी प्रक्रिया के चलते नवंबर से ही किसानों नें दिल्ली के तमाम बॉर्डरों पर भी डेरा डाला हुआ है। इन्हीं सब के बीच किसानों नें 26 जनवरी को शांतिपूर्ण तरीके से पुलिस के सभी दिशा-निर्देशों को माननें का वादा करते हुए ट्रैक्टर रैली निकाली। लेकिन, शांति को अशांति में भंग करनें में किसानों नें कोई कमी नही रखी। किसानों नें न केवल जमकर हिंसा की बल्कि लाल किले पर अपना झंडा तक फहरा दिया। इन सबके पीछे किसान नेताओं के भडकाऊ भाषणों और बाहरी शरारती तत्वों को जिम्मेदार माना जा रहा है। इस हिंसा में 300 पुलिस वाले तो घायल हुए ही साथ ही कुछ किसानों की भी जान गई। वर्तमान में पूरे मामले की जाँच क्राइम ब्रांच कर रही है।