राजस्थान के इतिहास (Rajasthan history) को जानने के साथ – साथ यहां की खूबसूरती को भी लोग दूर – दराज से देखने आते हैं। ऐतिहासिक महल और भवन खुदबखुद अपनी सुन्दरता का बखान करते हैं। यहां ऐसा कोई भी जिला अछूता नहीं है जहां महल या कोई ऐतिहासिक इमारत नहीं मौजूद हो। पर इन सभी में सबसे खास है जोधपुर में मौजूद उम्मेद भवन पैलेस (Umaid palace) जो भव्य होने के साथ काफी रोचक भी है।
तीस हज़ार मजदूरों ने दिन रात किया काम
जोधपुर में मौजूद उम्मेद भवन पैलेस को महाराजा उम्मैद सिंह (Maharaja Umaid Singh) ने वर्ष 1929 से बनवाने का आदेश दिया था। साल 1943 में यह महल पूरा बनकर तैयार हुआ। कहा जाता है कि यह महल दुनिया के सबसे बड़े निजी महलों में से एक है। इस महल को बनाने में लगभग तीस हज़ार से भी अधिक लोगों ने दिनरात मेहनत करके इसका निर्माण किया है। एक अनुमान के तहत इस भवन के निर्माण में लगभग 11 मिलियन रूपये की लगत लगी थी। आज यह महल जोधपुर के सबसे बड़े आकर्षक पर्यटन स्थलों में से भी एक है।
विशाल भवन को बनवाने के पीछे का रहस्य
इस भवन को बनवाने के पीछे कई कहानियां है। लेकिन ज्यादातर लोगों का मानना है इस पैलेस के निर्माण कराने के पीछे मुख्य उद्देश्य लोगों का भला करने के लिए था। कहा जाता है कि उस समय राज्य को कई महीनों तक सूखे का सामना करना पड़ा था, जिस वजह से राज्य के किसान और मजदूर काफी परेशान थे। इस परेशानी को देखते हुए महाराजा ने बेरोजगारी और भुखमरी में बचने के लिए इस महल का निर्माण करवाया, ताकि प्रजा को रोजगार और रोटी मिल सके।
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महल में मौजूद है 347 कमरें
वास्तुकार हेनरी वॉन लानचेस्टर को इस महल की डिजाइन के लिए काम को सौंपा गया था। बलुआ पत्थर और संगमरमर से तैयार यह महल मध्यकाल का एक अद्भुत कला का एक जीता-जागता उदहारण है। कई जगह इस महल को बनाने के लिए लकड़ी का भी इस्तेमाल किया गया है। कहा जाता कि इस महल में लगभग 347 कमरे, कई दरबार हॉल, स्विमिंग पूल, पुस्तकालय, बिलियर्ड रूम और शानदार निजी भोजन कक्ष भी मौजूद है।
एक कमरे में रात गुजारने के लिए 22 हजार कीमत
उम्मेद भवन पैलेस मौजूदा समय में तीन हिस्सों में विभाजित है। पहला-रॉयल निवास, दूसरा-उम्मेद भवन पैलेस म्यूजियम और तीसरा-उम्मेद भवन पैलेस होटल। रॉयल निवास को शाही परिवार का घर माना जाता है। कहा जाता है कि यहां किसी भी आम आदमी को जाने की अनुमति नहीं है। उम्मेद भवन पैलेस म्यूजियम में मध्यकाल के कई तस्वीरों, स्मृति चिन्ह, तलवार, बर्तन आदि को रखा गया है। उम्मेद भवन पैलेस होटल-कहा जाता है इस महल के एक हिस्सों को साल 1971 में होटल में तब्दील कर दिया गया, जिसमें लगभग 70 से अधिक कमरे है।
शाही पैलेस में एक रात गुजारने की कीमत
इस शाही पैलेस के रूम में एक रात ठहरने का किराया करीब 42,600 रुपये है। वहीं हिस्टॉरिकल स्वीट्स का किराया 58,600 रुपये, रॉयल स्वीट्स का 1,27,600 रुपये, ग्रैंड रॉयल स्वीट्स का 218,100 रुपये और प्रेजडेन्शल स्वीट्स की रूम फीस 5,02,600 रुपये है। जबकि महाराजा और महारानी सुईट में एक रात का खर्च 8 से ज्यादा है।