बदलते हुए समय के साथ कृषि कार्य में नए-नए तकनीकों और नए-नए यंत्रों का इस्तेमाल किया जा रहा है। उसी संदर्भ में आज हम आपको बताने जा रहे हैं एक ऐसे यंत्र के बारे में जिससे कृषि कार्य करने में आसानी होगी। आपस सबने ड्रोन का नाम तो सुना हीं होगा जिसके माध्यम से तस्वीरें ली जाती है कई कार्यक्रमों का लाइव टेलीकास्ट भी किया जाता है लेकिन इस बार यह ड्रोन कृषि के कार्यों में अपना योगदान देगा। ड्रोन की मदद से कृषि कार्य करने के लिए सरकार ने मंजूरी दे दी है। आइए जानते हैं कि यह किस तरह से काम करेगा और किसानों को इससे क्या लाभ प्राप्त होगा…
दरअसल नागर विमानन मंत्रालय ने भारत सरकार के कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय को ड्रोन के इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है। इसकी सहायता से कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय देश के 100 जिलों के कृषि क्षेत्र में रिमोट से सैमसंग डाटा एकत्र करेगा। इससे ग्राम पंचायत स्तर पर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत उपज अनुमान के लिए एकत्रित किया जाएगा।
ड्रोन के इस्तेमाल से फसलों के प्रति हेक्टेयर उत्पादन के बारे में आकलन किया जा सकेगा। फसलों के बारे में सटीक जानकारी उसके सुधार उसके पैदावार बढ़ाने के लिए पहले से ही योजना बनाई जा सकेगी। फसलों में लगने वाले रोगों के बारे में पहले से हीं पता चलाया जाएगा जिससे पैदावार भी बढ़ेगी और प्रशासन पहले से ही संजीदा रहेगा और उसके उपाय सुनिश्चित करेगा।
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ड्रोन के इस्तेमाल को तो मंजूरी दे दी गई है लेकिन इसके लिए कई तरह की शर्तें भी रखी गई है। कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय यह सुनिश्चित करेगा कि आईएसओपी के अनुसार एक अनुभवी प्रशिक्षित कर्मी ड्रोन का संचालन करेगा यह मंत्रालय सभी उड़ानों का रिकॉर्ड रखेगा। ड्रोन से ली गई तस्वीरों और वीडियो का इस्तेमाल सिर्फ और सिर्फ कृषि कार्यों में हीं किया जाएगा। इसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी भी कृषि और किसान मंत्रालय को हीं होगी।
ड्रोन के इस्तेमाल से कई वस्तुस्थिति को पूर्व से हीं अनुमानित किया जा सकेगा। किन क्षेत्रों में सूखे की स्थिति है, कहां बाढ़ से फसल बर्बाद हो रहा है, किन क्षेत्रों में फसल रोग की चपेट में आ रहे हैं। फसलों की बुआई, सिंचाई और कटाई का अनुमान लगाया जा सकेगा।
सरकार ने जिस तरह से कृषि कार्य में ड्रोन के इस्तेमाल को मंजूरी दी है उम्मीद है कि उससे कृषि कार्य में काफी मदद मिलेगी।