भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन, जिसे संक्षेप में इसरो (ISRO) कहा जाता है, यह भारत का राष्ट्रीय अंतरिक्ष संस्थान है। ISRO के वैज्ञानिकों द्वारा एक बहुत ही अच्छा एवं शानदार तथा बेहद सराहनीय कदम उठाया गया है। इस संस्थान ने भारतीय सीमा सुरक्षा की पुख्ता तैयारी कर ली है। ISRO द्वारा उठाये गये कदम से दुश्मनों के अब हर एक हरकत की खबर भारतीय सेना (Indian Army) बेहद नजदीक से मॉनिटर कर सकेंगी और उनका करारा जवाब भी दे सकेंगी।
GISAT-1 सैटेलाइट होगा लॉन्च
ISRO 28 मार्च को GISAT-1 लॉन्च करने जा रहा है, जिसे विशेषता: देश के सरहद की सुरक्षा के लिये बनाया गया है। इस सैटेलाइट की मदद से सरहद पर होने वाली हर एक एक्टिविटी पर रियल टाइम नजर रखी जायेगी, अर्थात सीमा पर दुश्मनों के एक-एक हरकत को भारतीय सेना देख सकेगी और उसका जवाब दे सकेगी। GISAT-1 सैटेलाइट को GSLV-F-10 रॉकेट से अंतरिक्ष (Space) में भेजा जायेगा। इसे 28 मार्च को आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा स्पेस सेंटर से अंतरिक्ष में स्थापित करने के लिये छोड़ा जायेगा।
अर्थ से 36 हजार किमी की होगी दूरी
ISRO (Indian Space Research Organisation) के एक अधिकारी ने इस मिशन की जानकारी देते हुए कहा कि, ‘यह एक जियो इमेजिंग सेटेलाइट है, जिससे सीमा की सभी जानकारी मिल सकेगी विशेषता मौसम की।’ रिपोर्ट के अनुसार, अंतरिक्षयान (Space Craft) को जियोसिंक्रोनस कक्षा में स्थापित किया जाएगा, जिसे बाद में जियो स्टेशनरी कक्षा में स्थापित कर दिया जाएगा। पृथ्वी से इस सेटेलाइट की दूरी 36000 किलोमीटर होगी।
दुश्मनों की हर एक गतिविधी पर रहेगी नज़र, सेना के लिये साबित होगा गेम चेंजर
एक्सपर्टस का कहना है कि इस सैटेलाइट के माध्यम से धरती पर हो रही गतिविधियों की सूचना बहुत सरलता से प्राप्त हो सकेगी जो भारत के लिये काफी लाभकारी साबित होगा। यह सैटेलाइट (Satellite) भारतीय डिफेन्स सेक्टर (Indian Defence Sector) के लिये गेम चेंजर साबित होगा। GISAT-1 Satellite लॉन्च होने के बाद यदि कोई दुश्मन भारतीय सीमा में घुसपैठ करने की कोशिश करेगा तो उसकी जानकारी फौरन ही भारतीय सेना (Indian Army) को मिल जायेगी, जिसके बाद उसके खिलाफ कार्रवाई करना बहुत सरल हो जायेगा।
Satellite से होगी जल, थल की निगरानी
एक्सपर्ट्स के अनुसार, इस Satellite में काफी हाई रेजोल्युशन कैमरे लगे हुए हैं, जिसकी सहायता से भारतीय वैज्ञानिक और भारतीय सेना ऑफिस में बैठकर HD इमेज रियल टाइम देख सकती है विशेषत: सरहद क्षेत्र को बेहद आसानी से मॉनिटरिंग की जा सकती हैं। हाई रेजोल्युशन कैमरे की सहायता से भारत की भूमि और समुद्र की भी रियल टाइम मॉनिटरिंग की जा सकेगी। ISRO के अनुसार, GISAT-1 Satellite से प्राकृतिक आपदाओं की भी मॉनीटरिंग की जा सकेगी। ISRO के चेयरमैन सिवन ने कहा, सैटेलाईट-1 मे पिछ्ले वर्ष जो दिक्कतें आई थी, उसे ठीक कर दिया गया है।
हम कह सकते हैं कि यह देश की सुरक्षा के लिये ISRO की एक बड़ी पहल है। The Logically ISRO के सभी वैज्ञानिकों और सहयोगियों को इस कार्य के लिये नमन करता है।