Sunday, December 10, 2023

पर्यावरण संरक्षण के लिए रेलवे लाइन किनारे किया जा रहा पैधारोपण, स्टेशन के बीच लगेंगे 16 हज़ार पौधे

जब हमारे सड़कों के किनारे पेड़-पौधे लगे हो और हम ठंडक मिलने के साथ-साथ यात्रा कर रहे हैं, तो यात्रा के दौरान इस नज़ारे को देख, यात्रा कब पूरी हो जाए पता ही नहीं चलता। पूर्वोत्तर (Northest) के राज्य के तरह ही हमारे बिहार (Bihar) राज्य में भी अब रेलवे ट्रैक की किनारे पर हमें हरियाली दिखेगी।

लगाए गएं हैं 16 हज़ार पौधे

पर्यावरण संरक्षण को दर्शनीय और सौंदर्यकरनीय बनाए रखने के लिए अब हमारे बिहार राज्य में भी रेलवे के किनारे वृक्षारोपण का कार्य प्रारंभ है। यह कार्य किशनगंज-एनजेपी (Kishanganj NJP) रेलखंड पर अलुआबाड़ी (Aluabari) एवं मांगुरजान (Mangurjam) स्टेशन के बीच करीब 16000 पौधे लग चुके हैं।

Bihar Bhagalpur plantation being done along railway line for environmental protection

सौंदर्यबोध जैसा प्रतीत हो

उन पौधों में शामिल है- जड़हुल, चंपा, कचनार अर्जुन, इमरती और मोहोगनी आदि पौधे लगाए गए हैं। इनका फूल वालों पौधों को इसलिए लगाया गया है ताकि, जो भी व्यक्ति नॉर्थ साइड से आए उन्हें यहां भी सौंदर्यीकरण बोध के जैसा ही दिखे।

यह भी पढ़ें :- पेड़ों की सुरक्षा के लिए दिल्ली सरकार ने चलाई मुहिम, जिसमे कोई भी इंसान ‘पेड़’ गोद ले सकता है: Adopt a Tree

फूलदार वृक्षों की ऊंचाई 10 से 12 फिट होगी

यह वृक्षारोपण “जल जीवन हरियाली अभियान” के अनुसार वन विभाग से हो रहा है। इस अभियान द्वारा 24000 पौधे लग चुके हैं, जिस कारण हमारे पर्यावरण संरक्षण के साथ हमें दर्शनीय स्थल देखने को लाभ मिल रहा है। रेलवे लाइनों में जो पौधे लग रहे हैं, वह लाइन से लगभग 40 किलोमीटर की दूरी पर हटकर हैं। इसमें जो फूलदार वृक्ष लगाए जा रहे हैं, उनकी ऊंचाई लगभग 10 से 12 फीट तक होगी।

Bihar Bhagalpur plantation being done along railway line for environmental protection

अभी भी लगेगा पेड़

हालांकि अतिक्रमण के कारण अभी कार्य रुके हुए हैं, लेकिन अभी भी 12 किलोमीटर में पौधे लगेंगे। फिलहाल अतिक्रमण को हटाने के लिए वन विभाग का हमारे रेलवे से वार्तालाप जारी है। वृक्षारोपण द्वारा रिक्त स्थानों पर हरियाली लाने का यह कार्य बहुत ही मनोरम होगा। जब 12 किलोमीटर में लगाए गए यह पौधें तैयार हो जाएंगे, तो यात्री इसका आनंद लेंगे। यात्रीगण लगभग 7 से 8 मिनट तक की यात्रा इन पौधों के बीच से करेंगे।

जिस तरह पर्यावरण संरक्षण के लिए हमारे वन विभाग कार्य कर रहें हैं वह सराहनीय है। अब इंतज़ार इस बात का है कि कब और भी पौधे लगें, ताकि यह जल्द बड़े हो।