आज खेती में रसायनिक खादों , तेलों के छिड़काव का बृहद प्रयोग हर तरफ देखा जा सकता है ! रसायनिक पदार्थों का प्रयोग करके अधिक उत्पादन करने की मानो होड़ सी लगी है! इन सबके बीच एक ऐसे किसान हैं जो अपनी खेती को पूर्ण रूप से जैविक कर चुके हैं ! वे अपनी खेती में तनिक भी रसायन का प्रयोग नहीं करते ! पूर्ण रूप से जैविक खेती कर बजरंगी प्रजापति आज किसानों के लिए एक प्रेरणा बन चुके हैं ! आईए जाने उनके बारे में….
बजरंगी प्रजापति झारखण्ड राज्य के कसमार प्रखण्ड स्थित गर्री गाँव के निवासी है ! ये एक युवा किसान हैं ! ये आज के किसानों की तरह खेती में रसायनिक पदार्थों का प्रयोग बिल्कुल भी नहीं करते बल्कि अपनी पूरी खेती जैविक विधि से करते हैं और अच्छी पैदावार पाते हैं !
कहाँ से मिली प्रेरणा
एक बार की बात है कि बजरंगी इंटरनेट के माध्यम से वैग्यानिक राजीव दीक्षित का व्याखान सुन रहे थे जिससे उन्हें जैविक खेती के बारे काफी कुछ सिखने को मिला ! इंटरनेट पर देखे व्याख्यान से बजरंगी का जैविक खेती के प्रति रूझान बढ गया ! उन्होंने इंटरनेट पर कई और एपिसोड देखे और जैविक खेती के बारे में बारीकियाँ और जानकारियाँ हासिल की , और खुद भी जैविक खेती करने को संकल्पित हो गए !
जैविक खेती की शुरुआत
जैविक खेती के बारे में जानकारी हासिल करने के पश्चात बजरंगी ने इस विधि से खेती करनी शुरू कर दी और प्रयोग के तौर पर इन्होंने धान की खेती की , जैविक खाद से धान की खेती में रिकार्ड उत्पादन ने बजरंगी को जैविक खेती के प्रति पूरी तरह उत्साहित कर दिया ! जैविक खाद के प्रयोग से धान के अलावा गेहूँ , प्याज , आलू , मटर , भिंडी के साथ कई अन्य तरह के मौसमी सब्जियों का खूब उत्पादन किया ! इसके साथ हीं बजरंगी कई फलों का भी उत्पादन करते हैं ! केला , पपीता , व अन्य प्रकार के फलों का रिकार्ड उत्पादन कर अच्छा खासा मुनाफा भी कमाया है ! निरन्तर रूप से जैविक खेती में मिल रही सफलता बजरंगी को पूर्ण रूप से जैविक किसान बना दिया है !
खुद से हीं बनाते हैं जैविक खाद
बजरंगी आज अपने पूरी कृषि को जैविक विेधि से करते हैं ! इस खेती में वे रसायनिक खादों और केमिकल्स का प्रयोग तनिक भी नहीं करते हैं ! खेती के दौरान अच्छी फसल उत्पादन के लिए वे जैविक खादों का प्रयोग करते हैं ! यह जैविक खाद बजरंगी खुद अपने घर पर हीं तैयार करते हैं ! वे कहते हैं कि खेतों में उर्वरा शक्ति बढाने के लिए खेतों में केंचुए का रहना अति आवश्यकत है जो जैविक खाद से हीं संभव हो पाता है ! जैविक खाद बनाने के बारे में वे कहते हैं “गोबर , गोमूत्र , पीपल व बरगद के पेड़ के नीचे की मिट्टी , धान का भूसा , दाल का अटा और गुड़ आदि को अच्छी तरह मिश्रण कर इसे मिट्टी की हांडी में किसी छायादार जगह पर 10 दिनों के लिए रख दिया जाता है ! इस तरह खाद तैयार हो जाता है” !
बजरंगी प्रजापति ने जैविक खेती कर सफलता की जो गाथा लिखी है वह आज के किसानों के लिए बेहद प्रेरणा का स्रोत है ! Logically बजरंगी जी के प्रयासों की भूरि-भूरि प्रशंसा करता है !