रमजान के महीने में जकात का विशेष महत्व होता है। महामारी के इस दौर में जब देश चौतरफा कई समस्याओं से जूझ रहा है ऐसे में मदद के लिए कई हाथ आगे आए हैं। इनमें से एक हैं ट्रांसपोर्ट कंपनी चलाने वाले प्यारे खान (Pyare Khan donating oxygen to Covid patients) जिन्होने रमज़ान के इस पाक महीने में 85 लाख रुपये की ऑक्सीजन अस्पतालों को दान की है।
अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक प्यारे खान अब तक नागपुर और उसके आसपास के सरकारी अस्पतालों में 400 मीट्रिक टन ऑक्सीजन पहुंचा चुके हैं जिससे कई कोविड मरीजों की जान बचाई जा चुकी है।
खुद संघर्ष से गुजर कर दूसरों का दर्द बेहतर समझते हैं प्यारे खान
प्यारे खान का जीवन काफी संघर्ष से भरा रहा है। 1995 में नागपुर रेलवे स्टेशन के बाहर संतरे बेचने के साथ उन्होंने अपने काम की शुरुआत की थी। रिक्शा भी चलाया। ताजबाग की झुग्गी झोपड़ी में पले बढ़े प्यारे खान समाज और देश के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझते हुए रमज़ान के पवित्र महीने में ‘ऑक्सीजन ज़कात’ कर रहे हैं।
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इस्लाम धर्म में जकात के मायने
ज़कात इस्लाम धर्म के पांच स्तंभों में से एक है. रमज़ान के महीने में इसका महत्व बढ़ जाता है। कुरान में कहा गया है कि जिस मुसलमान के पास इतना पैसा और संपत्ति हो कि उसके अपने खर्च आसानी से पूरे हो रहे हों, तो उसे जरूतमंदों को दान देना चाहिए। इसे है जकात कहते हैं।
जरूरत पड़ने पर इन योजनाओं की है तैयारी
प्यारे खान ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि अगर जरूरत पड़ी तो वे ब्रसेल्स से ऑक्सीजन टैंकर एयरलिफ्ट भी करा सकते हैं। लिक्विड ऑक्सीजन दान देने के साथ ही प्यारे खान एम्स, गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल और इंदिरा गांधी गवर्नमेंट हॉस्पिटल एंड मेडिकल कॉलेज को 116 ऑक्सीजन कन्सट्रेटर देने की योजना भी बना रहे हैं। जिसकी लागत 50 लाख रुपए है।
दोगुनी कीमत चुका कर मदद कर रहे प्यारे खान
बता दें कि एक ऑक्सीजन टैंकर को लाने के लिए प्यारे खान ने असल कीमत से तीन गुना अधिक रकम चुकाई है। उन्होंने बेंगलुरू से दो क्रायोजेनिक गैस टैंकर किराए पर लिए और एक ट्रिप के लिए करीब 14 लाख रुपए चुकाए। इस काम में उन्हें केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और नागपुर जिला प्रशासन का भी सहयोग मिल रहा है। हाल के दिनों में प्यारे खान ने कुल 860 सिलेंडर भी दान दिए हैं। इनमें से 500 सिलेंडर अस्पतालों को और बाकी के जरूरतमंद लोगों को दिए गए हैं। वे छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में भी दो ऑक्सीजन टैंकर भेजने वाले हैं।