कोरोना वायरस के कारण अधिकांश लोगों की नौकरी गई है, तो बहुत से लोगों ने स्वयं का कारोबार स्थापित किया है और स्वयं आत्मनिर्भर बने हैं। उन्हीं आत्मनिर्भर लोगों में से एक हैं 46 वर्षीय सतिंदर और उनकी पत्नी सपना।
पति पत्नी ने शुरू की खेती
दोनों पति-पत्नी पहले दुबई में रहकर अपना जीवन व्यतीत कर रहे थे लेकिन कोरोना वायरस चलते इनकी नौकरी छूट गई और वे अपने गांव आ गए। यहां आकर उन्होंने मशरूम की खेती प्रारंभ की और आज वे अपनी खेती से प्रत्येक माह करीब 4 लाख रुपए कमा रहे हैं।
नहीं जानते थे खेती करने के तरीके
सतिंदर ने जानकारी दी कि हमें खेती के विषय में कुछ अधिक जानकारी नहीं थी। यहां गांव आकर उन्होंने कुछ बिजनेस प्लान किया ताकि गुजर बसर हो सके। सपना को फॉर्मिंग में अत्यधिक रुचि था इसलिए उन्होंने इसे ही चुना और जानकारी इकट्ठा करने में लग गये।
पिता से मिली मदद
सपना के पिताजी कृषि विभाग में कार्य करते थे इसलिए हमने उनका ऑपिनियन मांगा। सतिंदर ट्रेडीशनल फार्मिंग से नहीं जुड़ना चाहते थे क्योंकि उनकी ख्वाहिश कम वक्त में अधिक मुनाफा कमा सके और अन्य लोगों को भी इसमें जोड़ सकें, इसलिए उन्होंने मशरूम की खेती प्रारंभ की।
प्रारंभ हुआ झोपड़ी में मशरूम उगाना
उन्होंने रामनगर के एक किसान से मशरूम की खेती कैसे करें और खाद का निर्माण कैसे करें इसका प्रशिक्षण लिया। इसके उपरांत उन्होंने वर्ष 2020 के सितंबर महीने में लगभग 1.5 एकड़ भूमि लीज पर ली एवं उसमें मशरूम की खेती का श्रीगणेश किया। – after leaving job due to Covid this couple visits india and starts doing Mushroom Farming
अपनाया मॉडल को
उन्होंने मशरूम को झोपड़ी में उगाने के लिए झोपड़ी मॉडल का उपयोग किया, ताकि इसमें लागत भी कम हो एवं उनके गांव के हर किसान इस मॉडल को अपना सके।
दो माह बाद निकले मशरूम
उन्होंने पॉलीबैग में जैविक खाद एवं मशरूम के बीज डाल अपनी झोपड़ी में रखना प्रारंभ किया जिसके 2 माह के बाद मशरूम बाहर निकलने लगा। – after leaving job due to Covid this couple visits india and starts doing Mushroom Farming
लोगों को दिया रोजगार
जब मशरूम तैयार होने प्रारंभ हो गया तो उन्होंने लोकल मंडियों एवं रेस्तरां में अपने उत्पाद का निर्यात प्रारंभ किया। उन्हें अपनी खेती से लगभग 600000 रुपए की आमदनी हुई।
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उगाते हैं तो तरह के मशरूम
वे वर्तमान में दो तरह के मशरूम का उत्पादन कर रहे हैं, ओयस्टर मशरूम और बटन मशरूम। उन्होंने अपनी कम्पनी का नाम श्रीगणेश एग्रोटेक रखा हुआ है। उनकी मशरूम राजस्थान मध्य प्रदेश एवं उत्तर प्रदेश में भेजें जा रहे हैं।
मार्केटिंग होगी सोशल मीडिया से
वे अपनी मार्केटिंग के लिए बहुत ही जल्द सोशल मीडिया का उपयोग भी करने वाले हैं। उनकी कंपनी में 10 लोगों को रोजगार भी प्राप्त है। झोपड़ी के बदल में जो रिक्त स्थान है वहां उन्होंने अन्य सब्जियों को उगाया है।
खेती में सतिंदर की पत्नी सपना भी उनका मदद करती हैं और आज वे दोनों खुशहाल जीवन व्यतीत कर रहें हैं।
कम लागत कमा सकते हैं अधिक लाभ
सतिंदर के अनुसार बहुत ही कम लागत में हम मशरूम की खेती से अच्छी रकम कमा सकते हैं। उन्होंने बताया कि हमारे पास कोई पक्के मकान नहीं है तो हम झोपड़ी मॉडल को आसानी अपना सकते हैं। हमें खाद निर्माण और मशरूम के बीज में कुछ पैसे लगेंगे जो फसल तैयार होने के बाद पूर्ति हो जाएगी।
कमा सकते हैं लाखों रूपए
उन्होंने बताया कि अगर 3 बार अच्छी तरह से फसल का उत्पादन हो गया तो हम आराम से 8 से 9 लाख रुपए कमा सकते हैं। हलांकि अब तो मशरूम से अलग कमाई और उसके द्वारा निर्मित प्रोडक्ट से अलग कमाई की जा सकती है। – after leaving job due to Covid this couple visits india and starts doing Mushroom Farming
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