अगर हम किसी भी काम को करने के लिए ठान लें तो वह काम कितना भी मुश्किल क्यों ना हो। और उस काम को करने में कितनी भी अर्चने क्यों ना आए, अंततः उस काम में हमें सफलता जरूर मिलती है। कभी-कभी ऐसा भी होता है कि हम जिस काम को करने में लगे रहते हैं, वह नहीं हो पाता और जिस काम के बारे में हम सोच नहीं सकते या फिर उस काम को करने के लिए हमारे पास पर्याप्त जानकारी ना भी हो फिर भी वह काम सफल हो जाता है।
आज हम एक ऐसे ही किसान की बात करेंगे। जिन्होंने पढ़ाई कर नौकरी का बहुत प्रयास किए परंतु उन्हें नौकरी में सफलता हासिल नहीं हुई। लेकिन उन्होंने जो काम नहीं सोचा था आज वह करके नौकरी से बेहतर कमाई कर रहे हैं। दरअसल वे थाई एप्पल बेर की खेती करके लाखों रुपए की कमाई कर रहे हैं।
शंकरलाल मीना (Shankarlal Meena)
शंकरलाल मीना (Shankarlal Meena) जयपुर (Jaipur) के रहने वाले हैं। इन्होंने पढ़ाई की और 4 सालों तक सरकारी नौकरी की तलाश में लगे रहे। इन्होंने बहुत सारे कंपटीशन का एग्जाम दिए परंतु इन्हें इसमें कोई सफलता हासिल नहीं हुई। शंकरलाल को एग्रीकलचर में काफी लगाव था। वह अपनी पढ़ाई करने के साथ-साथ परंपरागत खेती भी करते थे। जब वह एग्जाम देने के लिए अपने शहर से दूर किसी और शहर में जाते थे तब वे देशभर के हॉर्टिकल्चर डिपार्टमेंट देखने का इन्हें मौका मिल गया। जब वे हॉर्टिकल्चर डिपार्टमेंट में गए तो उन्होंने थाई एप्पल बेर के बारे में काफी जानकारी हासिल की। शंकरलाल (Shankarlal) ने वहीं से मन बना लिया कि वह थाई एप्पल बेर (Thai Apple Ber) की खेती करेंगे। जब शंकरलाल अपने घर वापस आए तो इन्होंने रिसर्च किया तो इन्हें पता चला कि यहां थाई एप्पल बेर की खेती की जा सकती है। 5 साल पहले 2007 में बंगाल से थाई एप्पल बेर की पौधे मंगवाया और इन्होंने थाई एप्पल बेर की खेती करनी शुरू कर दी।
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थाई एप्पल बेर की खेती (Cultivation of Thai Apple Ber)
जब शंकरलाल (Shankarlal) ने थाई एप्पल बेर (Thai Apple Ber) के पौधे लगाए तो इन्हें कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा। परंतु इन्होंने उस मुश्किलों को नजरअंदाज करके अपना काम करते रहे। और इन्हें पहले ही साल में काफी अच्छा थाई एप्पल बेर का उत्पादन किया। इन्होंने फिर अगले साल थाई एप्पल बेर की खेती की और उसमें इन्होंने प्रति पौधे 50 किलो और फिर हर पौधे से 100 किलो तक का उत्पादन प्राप्त किया। आज शंकरलाल के फॉर्म हाउस में थाई एप्पल बेर के लगभग 4500 पौधे लगे हुए हैं।
थाई एप्पल बेर की खेती में अपार संभावनाएं (Scope of the Cultivation of Thai Apple Ber)
शंकरलाल मीणा ( Shankarlal Meena) बताते हैं कि थाई एप्पल बेर का पैदावार कम पानी वाले जग होकर काफी अच्छी होती है। और यह फसल बाजार में ₹20 से लेकर ₹50 किलो तक बिकती है। अगर किसान इस थाई एप्पल बेर की मार्केटिंग खुद करें तो उन्हें और भी ज्यादा लाभ होगा। ये बताते हैं कि बागवानी पहले हमारा फैशन था परंतु जब से मैंने थाई एप्पल बेर की खेती की तब से यह हमारा प्रोफेशन में बदल गया। इन्होंने यह भी बताया कि राजस्थान जैसे राज्यों में थाई एप्पल बेर की खेती अच्छी होगी क्योंकि यहां ज्यादा मात्रा में पानी नहीं मिलता।
थाई एप्पल बेर से अच्छी कमाई (Income from Thai Apple Ber)
जब शंकरलाल मीणा (Shankarlal Meena) ने थाई एप्पल बेर की खेती शुरू की थी। इस खेती से इनकी कमाई काफी अच्छी होने लगी तो वहां के किसान इनके द्वारा लगाई हुई थाई एप्पल बेर की बगीचा देखने आने लगे। और लोग उनसे काफी जानकारी भी लेने लगे। कुछ किसान तो उनसे इस थाई एप्पल बेर की पौधे की मांग भी करने लगे। शंकरलाल ने इस थाई एप्पल बेर (Thai Apple Ber) की खेती करने में किसानों को काफी मदद करने लगे। इन्होंने अब तक के 300 से भी ज्यादा किसानों के थाई एप्पल बेर के बगीचे लगा चुके हैं। और जिन-जिन किसानों को इन्होंने थाई एप्पल बेर के बगीचे लगवाए हैं। उन सभी किसानों को एक व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए जोड़ रखा है। जिससे किसी किसान को इस खेती में कोई भी समस्या आती है तो वह अपनी यह समस्या इस ग्रुप में साझा करता है। उसके बाद समस्या का सॉल्यूशन निकाला जाता है। शंकरलाल ने कई प्राइवेट स्कूल कॉलेज यूनिवर्सिटी इस थाई एप्पल बेर के पौधे लगवा चुके हैं।
शंकरलाल मीना (Shankarlal Meena) ने इस थाई एप्पल बेर (Thai Apple Ber) के बारे में काफी रिसर्च कर लिए हैं जिसकी वजह से ये हर साल 20 लाख रुपए तक की कमाई करते हैं।