फिल्मी दुनिया में हाल ही में धूम मचा रही फिल्म द कश्मीर फाइल्स (The Kashmir Files) लोगों के दिलों दिमाग़ में मानो आतंक मचा रहीं हो जब से लोगों ने यह फिल्म देखी हैं तब से फिल्म में बेहतरीन एक्टिंग करते किरदारों से रूबरू होने की उत्सुकता भी बहुत हैं। आपको बता दे की फिल्म सत्य घटना पर आधारित हैं जिससे लोग काफी हद तक जागरूक व प्रेरित हुए हैं।
ऐसे में जब से राधिका मेनन का चेहरा विवेक अग्निहोत्री के फिल्म द कश्मीर फाइल्स में आया है, तब से सवालों के गोला बारूद की मानो जमकर बौछार हो रही है। फिल्म में किरदार निभाने वाली राधिका मेनन की तस्वीरें सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है। इसी के साथ एक दूसरी तस्वीर भी वायरल हो रही है जिसपे लोगों का दावा है कि राधिका मेनन का किरदार जिसे पल्लवी जोशी ने निभाया है असल में वह जेएनयू की प्रोफ़ेसर निवेदिता मेनन हैं (Nivedita Menon)। ऐसे में लोग जानना चाहते हैं कि निवेदिता मैनन है कौन..? क्यों ये भारत विरोधी बात करती हैं..? क्यों इन मेनन का नाम बार बार फिल्म से जोड़ा जा रहा हैं…??
निवेदिता मैनन कौन हैं..? (Nivedita Menon Kon hai)
निवेदिता मैनन का जन्म मुंबई में साल 1958 में हुआ। निवेदिता की एक बहन प्रमादा मैनन एक एक्टिविस्ट और स्टैंड अप कॉमेडियन हैं, जबकि भाई दिलीप मैनन साउथ अफ्रीका की यूनिवर्सिटी में इतिहास के प्रोफेसर हैं। मेमन ने पीएचडी की हुई है 1994 में मेनन को हिंदी से मलयालम से अंग्रेजी में अनुवाद के लिए के रामानुज पुरस्कार दिया गया था। 1987 से मैनन 2001 तक करीब 14 साल दिल्ली में लेडी श्रीराम कॉलेज में राजनीतिक विज्ञान की प्रोफेसर रह चुकी हैं। इसके बाद 7 साल उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी मैं पॉलिटिकल साइंस विषय पढ़ाया और फिर 2008 में वे जेएनयू से जुड़ी जहां बहुत सेंटर ऑफ पॉलिटिक्स एंड पॉलीटिकल थ्योरी की प्रोफेसर है मैंने ने फेमिनिज्म और राजनीति पर कई किताबें लिखी और संपादित की हैं 2004 का खंड रिकवरिंग सबवर्जन फेमिनिस्ट पॉलिटिक्स बियांड द लॉ था।
मेमन कई सामाचार पत्रों में संसामिक मुद्दों पर लेख लिखती रहीं हैं। वे इतिहास और राजनीति की जानकार हैं लेकिन भारत जैसे लोकतांत्रिक देश और उसके आजादी के दिन को भूल जाती हैं और इस पर हामी भी भरती हैं।
मार्च 2016 में एक भाषण के दौरान मेनन ने कहा कि भारत ने कश्मीर पर अवैध कब्ज़ा किया हुआ है निवेदिता के भाषण के खिलाफ एबीवीपी के नेता सौरभ शर्मा ने पुलिस में शिकायत दर्ज की और विवाद बढ़ता गया तो मैंने ने बयान दिया कि उन्होंने राष्ट्र विरोधी बात नहीं कहीं थी।
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निवेदिता मैनन राष्ट्रवाद की कट्टर विरोधी नजर आती हैं और इसी छवि को द कश्मीर फाइल्स में पल्लवी जोशी के किरदार राधिका मेनन ने परदे पर बिखेरा है और लोगों को समझाने की कोशिश की हैं की कैसे कुछ लोगों की सोच देश के लिए आतंकवाद से भी बड़ा खतरा बन सकती हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फिल्म पर बयान देते हुए कहा है कि कश्मीर फाइल्स जैसी फिल्में बनती रहनी चाहिए इस प्रकार की फिल्मों से समाज में सच बाहर आता है। पीएम मोदी का कहना है कि इतने सालों से जिस सच को छुपाने की कोशिश की जा रही थी वह अब सबके सामने लाया जा रहा है। इसी के साथ पीएम ने बोला है कि जो लोग इस सच को छुपाने की कोशिश करते थे आज वही लोग इसका विरोध कर रहे हैं। पीएम कश्मीर फाइल्स की पूरी टीम से मिले और उन्होंने जमकर तारीफ की। कश्मीरी पंडितों के दर्द पर दिखाई गई है यह फिल्म कई लोगों के दिलों में उतर गई हैं और लगातार लोगों की भावनाएं इस फिल्म से जुड़ती जा रही हैं।
The Logically के लिए इस लेख को मेघना ने लिखा है