मनुष्य और जानवरों के बीच जितना प्रेम देखने को नहीं मिलता है उससे कहीं अधिक दुश्मनी देखने को मिलती है। ऐसे में कई बार लोग किसी जानवर को देखते ही उसपर पत्थर मारते हैं या फिर किसी अन्य तरीके से उसे परेशान करते हैं। वहीं इसके विपरीत कुछ नेक दिल लोग मानवता की मिसाल पेश करते हैं।
इस बार भी कुछ लोगों ने तेंदुए के बच्चे को उसकी मां से मिलाकार इंसानियत की मिसाल पेश की है।
गन्ने में खेत में भटक रहा था तेंदुए का 15 दिन का शावक
यह घटना महाराष्ट्र (Maharashtra) के पुणे (Pune) की है जहां तेंदुए का बच्चा अपनी मां से बिछ्ड़ गया था। वहां जुन्नर के कैलाश नगर गांव में उस बच्चे को गन्ने के खेत में भटकते हुए देखा गया जहां किसान भाई गन्ने की कटाई करने गए थे। उसे देखते ही लोगों ने वन विभाग को इस घटना के बारें में जानकारी दी।
ग्रामीण लोगों द्वारा सूचना मिलते ही महाराष्ट्र के वन विभाग और वाइल्डलाइफ SOS ने तुरंत एक्शन लिया और गन्ने के खेत में पहुंचे, जहां शावक भटक रहा था। उसके बाद NGO के पशु डॉक्टर ने उस शावक का जांच किया जिसके बाद पता चला कि वह अभी महज 15 दिन का है और नर है।
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शावक को उसकी मां से कैसा मिलाया गया?
पशु चिकित्सक डॉ चंदन ने बताया कि, चिकित्सकीय जान्च के बाद शावक को फौरन ही वहीं छोड़ा गया जहां वह मिला था। क्योंकि ऐसी परिस्थिति में एक-एक पहल कीमती होता है और जैसे-जैसे समय गुजरता है वैसे-वैसे शावक की मां को ढूंढना बेहद कठिन हो जाता है।
शावक को वापस उसी जगह छोड़ने के बाद वहां कैमरा लगाए गए जिसके जरिए देखा गया कि बीच रात्रि में एक तेंदुआ मां खेत में आई और अपने बच्चे को आराम से गर्दन से उठाया और चल दिया। इस तरह वन विभाग और वाइल्डलाइफ SOS के ज्वाइंट ऑपरेशन की वजह से एक शावक को उसकी मां से मिलाने में सफलता मिली।