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बिना मवेशी के दूध, माँ बेटे ने फल और फूल से दूध बनाने का अनोखा तरीका ढूंढा, बना दिये करोड़ों का कारोबार: वेगन मिल्क

शरीर को स्वस्थ रखने के लिए अपने खान-पान पर ज़रूर ध्यान रखना चाहिए। साथ ही व्यायाम भी करते रहना चाहिए। दूध भी शरीर के स्वास्थ्य के लिए बहुत आवश्यक है। इसमें कैल्शियम, विटामिन्स और प्रोटीन होते है। साथ ही मैग्नीशियम, आयोडीन, फास्पोरस, एवं कई खनिजों के साथ ऊर्जा रहता है जो शरीर को हष्ट-पुष्ट बनाएं रखता है। लेकिन दूध के लिए हम बहुत अच्छे से जानते हैं मवेशियों का होना ज़रूरी है। अगर हम आपको बग़ैर मवेशियों के दूध के कारोबार के बारे में बताएं तो। जी.. आज की कहानी सबको चौका देने वाली है। इस कहानी में हम आपको ऐसे मां-बेटे से रूबरू करायेंगे जो फलों या फूलों से दूध निकाल अपने कारोबार को फैलायें हैं। इस कार्यशैली को “वेगन मिल्क” कहा जाता है।

जिस तरह देश तरक़्क़ी कर रहा है यह खुद में गर्व की बात है। कुछ किसान ऑर्गेनिक खेती कर सबका मनोबल बढ़ा रहें हैं तो कुछ बिना मिट्टी के ही खेती कर रहें हैं। कुछ व्यक्ति मावेशिपालन कर दुग्ध बेंच रहें हैं तो कुछ वेगन मिल्क और ऑर्गेनिक मिल्क से। स्वयं का कारोबार स्थापित करना आज हर किसी की ख़्वाहिश हो चुकी है।

वेगन मिल्क क्या है?

ऐसा दूध जो बिना मवेशी के प्राप्त किया जाये यही होता है वेगन मिल्क। यह दूध फूलों या फलों की मदद से निकाले जाते हैं। दूध का निर्माण और इसका प्रचार इंजीनियरिंग के विद्यार्थी अभय रंजन (Abhay Ranjan) के द्वारा किया जा रहा है। अभय ने अपनी मां के साथ वेगन मिल्क के निर्माण का तरीका शुरू किया। इस कार्य के लिए प्रत्येक सप्ताह अभय को 500 की.मी. जाना पड़ता था। तब अभय दूध को लोगों तक पहुंचाया करते थे। अभय का इरादा वेगन मिल्क के निर्माण का यह है कि लोग दूध के लिए जानवरों का उपयोग ना करें।

शुरू हुई ऑनलाइन डिलीवरी

शुरुआती दौर में अभय को बहुत लंबी दूरी तय करनी पड़ती थी। ज्यादा देर होने के वजह से कभी दूध गिरकर बर्बाद हो जाते तो कभी खराब हो जाता। इसलिए इन्होंने इस वेगन मिल्क की शुरुआत ऑनलाइन कर दी। जिससे लोगों के लिए वेगन मिल्क को प्राप्त करना बहुत ही सरल हो गया है। साथ अभय को अब इस कार्य से बहुत आराम मिल चुका है।

घर के चीजों से शुरू किया कार्य

अभय घर के कुछ बर्तन और मिक्सर की मदद से दूध तैयार किया करते थे। शुरुआत में उन्हें बहुत कठिनाइयां हुई लेकिन समय बदला और यह दूर हो गई। उन्होंने वेबसाइट बनाया और कुछ उपकरण भी खरीदे ताकि अभय दूध को आसानी से तैयार कर सकें। इनका मकसद लोगों को उचित मूल्य पर सही दूध पहुंचाना था। इसीलिए उन्होंने वेगन मिल्क बनाना प्रारंभ किया। यह नारियल और बदाम के दूध बनाया करते थे। जब लोगों को इसके बारे में पता चला कि अभय दूध बना रहे हैं तो लोग इनसे दूध लेने के लिए घर आने लगे और इनका कारोबार बढ़ने लगा।

भारत की पहली कंपनी है जो वेगन मिल्क बनाती है

अभय के अनुसार उन्होंने बताया कि उनकी कम्पनी भारत की पहली कम्पनी है जो वेगन मिल्क का निर्माण कर रही है और वेबसाइट के माध्यम से यह सभी व्यक्ति को पूरे संसार मे दूध उपलब्ध कराने वाली कम्पनी है। अभय की कम्पनी के द्वारा निर्मित इस दूध की विशेषता यह है कि यह खराब नहीं होता। इसे फ्रीज़ में रखने की जरूरत नहीं है। साथ ही यह दूध हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक भी है।

अभय को मिला 4 लाख डॉलर का फंडिंग

अभय इस वेगन मिल्क का कार्य एक जानवरों से बेहद लगाव रखने वाले व्यक्ति से मिला। इन्होंने अभय को 2.5 करोड़ की राशि दी। इस राशि का इस्तेमाल अभय बड़े पैमाने पर आपना व्यापार स्थापित करने के लिए कर रहें हैं।

एक इंजीनियर का छात्र जो विदेश में रहकर पढ़ाई कर रहा है। वह पशुओं के साथ होने वाले अत्याचार को कम करने के लिए वेगन मिल्क की शुरुआत कर सभी युवा के लिए प्रेरणा बनें हैं। The Logically, Abhay द्वारा दुध निर्माण के इस नए तरीके के लिए उन्हें बधाई देते हुए सलाम करता है।

1 COMMENT

  1. Welcome shikha.I am also interested in doing something like that.And right now looking for something creative and motivational.

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