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सहायक प्रोफेसर की नौकरी छोड़कर शुरू सब्जी की खेती, अब कमा रहे लाखों

कुछ लोगों का यह मानना है कि खेती हानि का व्यपार है और उच्च शिक्षा ग्रहण करने वाले व्यक्ति इसे नहीं अपनाते, लेकिन इस कथन को गलत साबित कर दिखाया है, पानीपत (Panipat) के एक प्रोफेसर ने। जिन्होंने अपनी नौकरी को अलविदा कह दिया ताकि वह सब्जी की खेती कर सकें।

डॉ. जयपाल तंवर को जानिए

डॉ. जयपाल तंवर ( Jaypal Tanvar) पानीपत (Panipat) से ताल्लुक रखते हैं। उनकी पत्नी का नाम डॉ. अनिता (Anita) है। वह भी एक प्रोफेसर हैं, जो दिल्ली में लाल बहादुर शास्त्री यूनिवर्सिटी में अपनी सेवा दे रही हैं। जयपाल तंवर ( Jaypal Tanvar) के पिता का नाम प्रेम सिंह तंवर (Prem singh Tanvar) है। जयपाल ने अपनी प्रोफेसर की जॉब छोड़ खेती को अपनाया (Adopted Farming After leaving the job of professor).

Adopted farming after leaving the job of professor

नौकरी छोड़ने पर किया सभी ने विरोध

जब उन्होंने कहा कि मैं प्रोफेसर की नौकरी छोड़ खेती को अपनाउंगा, तब पिता और उनकी पत्नी ने इस बात का विरोध किया। अनीता के पिता का नाम महेंद्र सिंह है। उन्होंने कहा कि अगर मेरा दामाद खेती करेगा, तो मैं अपनी बेटी को उसके ससुराल नहीं जाने दूंगा। उस दौरान जयपाल ( Jaypal Tanvar) ने कहा कि अगर मैं 1 वर्षों तक अपनी खेती में असफल रहा तो मैं इसे छोड़ दूंगा। (Adopted Farming After leaving the job of professor).

6-8 लाख रुपये की आमदनी

उन्होंने पॉलीहाउस (Polyhouse Farming) द्वारा शिमला मिर्च उगाई और खेती में सफल हुए। आज वह खेती से मात्र 1 एकड़ में 6 से 8 लाख रुपये का मुनाफा कमा रहे हैं। उनकी खेती में मिली सफलता को देख, उनके ससुर ने उन्हें 9 एकड़ जमीन खेती के लिए दी कि वह यहां खेती करें। (Adopted Farming After leaving the job of professor)

मिला है सम्मान

उन्हें स्टेट लेवल पर कृषि मंत्री जेपी दलाल के द्वारा बेस्ट सब्जी विक्रेता का अवॉर्ड भी मिला है (Polyhouse Farming). इतना ही नहीं उन्हें शिवाजी स्टेडियम में डिस्ट्रिक्ट लेवल पर बेस्ट फार्मर पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है। सभी उनके द्वारा की गई खेती से खुश हैं। आज वह सभी पढ़े-लिखे व्यक्तियों के लिए उदाहरण बने हुए हैं। (Adopted Farming After leaving the job of professor)

लोगों को जोड़ा रोजगार से

आज वह बहुत से व्यक्तियों को रोजगार से जोड़ चुकें हैं। उन्होंने जानकारी दिया कि शुरुआती दौर में जब उन्होंने पानीपत में अपने सब्जियों को बेचना प्रारंभ किया तो बहुत सारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था, (Polyhouse Farming) तब उन्होंने आगे पट्टीकल्याण में इस कार्य को प्रारंभ किया। जहां पर दिल्ली से लोग आकर सब्जी खरीद ले जाया करते थे।

बहुत ज्यादा बिकती है सब्जियां

उनकी सब्जियों में रासायनिक कीटनाशक नहीं हैं, वह निमयुक्त कीटनाशक का उपयोग करते‌ हैं, जिससे उसमें न्यूट्रिशन समाहित होता है। (Polyhouse Farming) उनकी सब्जियां बहुत ही महंगी बिकती है। बात अगर गोभी की हो, तो वह 70 से 100 रुपए प्रति किलोग्राम, खीरा 34 रुपये और टमाटर 20 से 25 रुपए बिकती है।

प्रोफेसर की नौकरी छोड़ खेती करने और अधिक लाभ कमाने के लिए The Logically डॉ. जयपाल तंवर ( Jaypal Tanvar) की तारीफ़ करता है।

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