आजकल खेती का प्रचलन अधिक देखने को मिल रहा है। लोग अपने घरों के आंगन में छत पर या गलियारे में भी ऑर्गेनिक खेती (Organic Farming) कर रहे हैं, ताकि वह जैविक उर्वरक से निर्मित सब्जियों और फलों का सेवन कर शरीर को स्वस्थ रख सकें। कुछ व्यक्ति ऐसे भी हैं, जिन्हें खेती के विषय में थोड़ी भी जानकारी नहीं है, लेकिन वह इंटरनेट के जरिए मदद लेकर और अगल-बगल के किसानों से पूछकर खेती कर रहे हैं। आज के हमारे इस लेख के द्वारा आपको एक ऐसी महिला के विषय में जानकारी मिलेगी, जो यूट्यूब से खेती के विषय में सिखकर अपने छत पर ही ऑर्गेनिक खेती (Organic Farming) कर अधिक सब्जियां उगा रहीं हैं।
रजनी कर रहीं हैं ऑर्गेनिक खेती
रजन भरद्वाज (Rajni Bhardwaj) फतेहगढ़ साहिब (Fatehgarh Sahib) से सम्बन्ध रखती हैं। ऐसा नहीं है कि खेती के विषय में जानकारी रजनी को पहले से ही थी, बल्कि उन्होंने यूट्यूब की मदद से खेती करनी सीखा। आज वह जैविक खेती के माध्यम से अपनी छत पर सब्जियां उगा रही हैं। उनके द्वारा उगाई गई सब्जियों का आनंद उनके आस पड़ोस के साथ-साथ उनके रिश्तेदारों और पड़ोसियों को भी मिल रहा है। (Organic Farming)
5 वर्षों से कर रही हैं खेती
रजनी लगभग 5 सालों से अपने छत पर ही जैविक खेती (Organic Farming) कर रही है। वह मात्र 17 सौ वर्ग फीट की छत पर लकड़ी से निर्मित डिब्बे और गमलों, प्लास्टिक के थैलों में विभिन्न प्रकार के सब्जियां उगाया करती हैं। उन्हें अब खेती विषय में ज्यादा जानकारी और अनुभव हो चुका है और वह विदेशी सब्जियां भी उगा रही हैं। (Organic Farming)
यूट्यूब से मिली खेती की तरकीब
जब केमिकल युक्त कीटनाशकों से हो रही हानि के बारे में उन्हें जानकारी मिली, तब उन्होंने निश्चय किया कि वह अब जैविक खेती (Organic Farming) करेंगी। शुरुआती दौर में उन्होंने निश्चय किया कि वह कुछ जमीन लीज पर लेंगी और वहां खेती करेंगी लेकिन जब यूट्यूब पर यह दिखा कि किस तरह छत पर भी सब्जियों को उगाया जा सकता है, वह भी ऑर्गेनिक विधि से तब उन्होंने छत पर खेती करना प्रारंभ किया। पहले तो उन्हें दिक्कत हुई लेकिन आज वह हर प्रकार की सब्जियां अपने छत पर उगा रही है। उनका 15 वर्षीय पुत्र भी खेती में उनकी थोड़ी बहुत मदद करता है। स्वच्छता अभियान के तहत रजनी को सम्मान भी प्राप्त हुआ है। (Organic Farming)
रसोई के वेस्ट से करती है, खाद का निर्माण
वह अपने रसोई के वेस्ट के द्वारा उर्वरक का निर्माण करती है। स्प्रे के लिए वह पुरानी लस्सी का उपयोग करती है। अगर लस्सी को 5 या 6 दिनों के लिए छोड़ दिया जाए तो उसमें अधिक मात्रा में खटास आ जाता है और फिर इसका उपयोग वह पौधों पर स्प्रे के लिए करती हैं ताकि पौधों में कीट ना लगे। (Organic Farming)