दुनिया भर की मशहूर जगहों में से एक फ्रांस (France) की राजधानी पेरिस (Paris) में मौजूद एफिल टॉवर (Eiffel) tower) को देखने के लिए हर साल सभी देशों से टूरिस्ट पहुंचते हैं। आखिर एफिल टॉवर उन खूबसूरत स्ट्रकचर में से टॉप पर है जिसके लिए पेरिस जाना जाता है। एक रिपोर्ट अनुसार 2015 में ये दुनिया का सबसे ज्यादा घूमा गया पर्यटन स्थल था। उस समय करीब 6.91 मिलियन लोगों ने इसे देखा था। जो लोग एफिल का दीदार कर चुके होंगे उन्हें इससे जुड़ी कई खास बातों के बारे में पता होगा लेकिन जिन्होंने अबतक इसे नहीं देखा है या देखने का प्लान बना रहें हैं वो इन बातों को जान लें।
मात्र 20 साल थी एफिल टॉवर की अवधि, लेकिन आज भी मौजूद
एफिल टॉवर को विश्व मेले (World Fair) के प्रवेश द्वार के रूप में तैयार किया गया था। बाद में उसे तोड़ने की योजना बनाई गई। बाद में इसकी सुंदरता, बढ़ती लोकप्रियता और इसे रेडियो एंटिना (Radio Antenna) बनाने की योजना को पूरा करने के लिए इसे न तोड़ने का फैसला लिया गया। आपको जानकर आश्चर्य होगा एफिल टावर की समय सीमा सिर्फ 20 साल के लिए थी यानी कि समय पूरा होने के बाद इसे ध्वस्त किया जाना था। लेकिन बाद में एफिल टावर के किये गए तकनीकी परीक्षण में इसकी गुणवत्ता और मजबूती को सही पाया गया और अब तक हुए कई टेस्ट में एफिल टावर को किसी भी तरह की हानि के कोई संकेत नहीं मिले हैं। इसी कारण आज भी एफिल टावर पेरिस की शान में मजबूती से खड़ा है।
हिटलर के पहुंचने पर बंद करा दी गई थी टॉवर की लिफ्ट
एफिल टावर का निर्माण 1889 में हुआ था। इस लोहे के टावर की ऊंचाई 300 मीटर है। सबसे ऊपरी माले पर पहुंचने के लिए आपको करीब 1,665 सीढ़ियां चढ़नी होंगी। दूसरे विश्व युद्ध के दौरान जब हिटलर पेरिस पहुंचा तो एफिल टावर के लिफ्ट की केबल काट दी गई थी, ताकि हिटलर एफिल टावर के सबसे ऊपर न पहुंच सके।
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इंजीनियर को मिला था टॉवर का सबसे ऊंचा फ्लैट
एफिल टावर का नाम गुस्तव एफिल (Alexandre Gustave Eiffel) के नाम पर रखा गया था। उन्होंने अपनी कंपनी के साथ मिलकर एफिल को डिजाइन और उसका निर्माण किया था। गुस्तव ने अमेरिका के स्टेच्यू ऑफ लिबर्टी (Statue of Liberty) के कुछ हिस्से को भी डिजाइन किया था। एफिल टावर के सबसे ऊपर वाले माले पर गुस्तव का एक फ्लैट भी था।
रात में फोटो खींचना गैरकानूनी, सख्त सजा का प्रावधान
रात में एफिल टावर की फोटो खींचना सख्त मना है और इसे गैरकानूनी मना जाता है। दरअसल एफिल टावर पर लगी लाइट्स के डिजाइन पर उसके कलाकारों का कॉपीराइट (Copyright) है। यूरोप के कॉपीराइट कानून के मुताबिक, “कॉपीराइट वाली चीजों की तस्वीरें खींचना कॉपीराइट नियम का उल्लंघन है।” अगर आपको रात में इसकी फोटो खींचनी है तो सरकार से विशेष परमिशन लेनी होगी। नियमों के उलंघन पर सजा भी मिल सकती है।
खतरनाक झूला बनाने की थी तैयारी, जोखिम में पड़ जाती लोगों की जान
1891 में फ्रांस के एक आविष्कारक (Inventor) कैरन ने एक ऐसा झूला बनाने की योजना बनाई, जिसकी सवारी करने वाले लोगों को एफिल टावर के सबसे ऊंचे हिस्से से करीब 1,000 फीट नीचे यानी जमीन पर स्थित तालाब में फेंका जाता। लेकिन उनकी यह योजना सफल नहीं हो पाई, क्योंकि ऐसा करने से लोगों की जान जाने का डर था।
एफिल टॉवर को पेंट करना 10 हाथियों को पेंट करने के बराबर
एफिल के निर्माण के दौरान 300 कारीगरों ने काम किया था। साथ ही इसे बनाने में खास तरह के 18,038 लोहे के टुकड़े और 2.5 मिलियन कील का इस्तेमाल हुआ था। जिसमें दो साल, दो महीने और पांच दिन का समय लगा था। हर सात साल में इस टॉवर को एक बार पेंट किया जाता है जिसमें 60 टन पेंट प्रयोग किया जाता है।
एफिल टॉवर से जुड़ी प्रमुख रोचक बातें –
1923 में एक व्यक्ति ने किसी से लगाई शर्त के मुताबिक साइकिल से टावर की सीढ़ियों पर चढ़ाई की। वह यह शर्त जीत गया, लेकिन उसे इस गैरकानूनी काम के लिए स्थानीय पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था।
यहां रोशनी के लिए 20,000 बल्ब लगाए गए हैं। साल 2013 से हर दिन रात 1 बजे यहां की लाइट्स बुझा दी जाती हैं, ताकि बिजली की बचत हो सके।
वर्ष 1902 में बिजली के झटके ने एफिल टावर के ऊपरी हिस्से को काफी नुकसान पहुंचाया था, जिसके बाद उस हिस्से का दोबारा निर्माण किया गया।
बदलते तापमान की वजह से इसकी ऊंचाई में 5.6 इंच का अंतर आ जाता है। इसके अलावा तेज हवा में यह टावर 2-3 इंच नीचे झुक जाती है।
पूरी दुनिया में एफिल टावर के 30 प्रतिरूप हैं। फिलहाल, लंदन ने एक ऐसे स्ट्रक्चर के निर्माण की शुरुआत की थी, जो ऊंचाई में एफिल टावर को पीछे छोड़ देता पर उसका निर्माण पूरा नहीं हो सका और आखिर में उस स्ट्रक्चर को कुछ सालों बाद तोड़ दिया गया।
पहले पेरिस की बजाय स्पेन (Spain)के बार्सिलोना (Barcelona) में एफिल टावर का निर्माण किया जाने वाला था, पर इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया गया।