Home Farming

आम, अनार से लेकर इलायची तक, कुल 300 तरीकों के पौधे दिल्ली का यह युवा अपने घर पर लगा रखा है

बागबानी बहुत से लोग एक शौक़ के तौर पर करते हैं और कुछ ऐसे भी है जो तनावमुक्त रहने के लिए करते हैं। आज हम आपको एक ऐसे युवक के बारे में बताएंगे जिसके लिए बागबानी उसकी डिप्रेशन की दवा हैं। नई दिल्ली के करावल नगर के रहने वाले 24 वर्षीय अमित चौधरी(Amit chaudhary) ने फैशन डिज़ायनिग में स्नातक किया हैं। अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद कुछ कारणों से अमित डिप्रेशन में चले गए और नौकरी नहीं कर पाए।

डिप्रेशन से बाहर निकलने के लिए बागबानी शुरू की

अमित को बचपन से बागबानी का शौक़ था, 10 साल पहले उन्होंने अपने छत पर कुछ पौधे भी लगाए थे पर पढ़ाई में व्यस्त रहने के कारण वह इसपर ध्यान नही दे पाए थे । तब अमित ने अपना ध्यान लगाने के लिए अपने बचपन के इस शौक को फिर से शुरू करने का सोचा।

Amit Chaudhary Home gardening
छत पर गार्डनिंग करते अमित

फल-सब्जियों के अलावा औषधीय पौधे भी लगाए हैं

इसके बाद अमित ने अपने घर के आस-पास उगे कुछ टमाटर के पौधे वहा से लाकर अपने छत पर लगा दिए। अमित को इसमे मन लगने लगा तब उन्होंने कुछ और सब्जियों के पौधे लगाए। अमित के छत पर बैगन, शिमला मिर्च, टमाटर जैसी सब्ज़िया आपको देखने को मिल जाएगी। इसके अलावा उनकी बागबानी में आम, अमरूद, अनार जैसे फल भी मिलेंगे। अमित ने अपनी छत पर औषधीय पौधे भी लगाए है जैसे तुलसी, लेमनग्रास, इलायची, अजवाइन इत्यादि। अमित अपने परिवार के लिए मौसमी फल की पूर्ति अपने छत पर की गई बागबानी से ही कर लेते है जिससे इनके परिवार की निर्भरता बाजार से खत्म हो गयी हैं। इस तरह इनका परिवार बाजार के केमिकलयुक्त फल-सब्जियों से भी बच गया।

अमित बताते है कि पिछले दो साल में उन्होंने 300 पौधे लगाए हैं। इन्हें पौधों से इतना प्रेम है कि वह अपने दिन की शुरुआत बागबानी से ही करते हैं।

इलायची का पौधा

पौधों की ग्राफ्टिंग घर पर ही करते हैं

अमित सब्जियों के लिए बीज घर पर ही संरक्षित करते है ताकि इन्हें बाज़ार से न खरीदना पड़े। इसके अलावा वह पौधे भी अपने घर पर ही तैयार करते हैं। पिछले साल से वह गुलाब, बोगनवेलिया, अड़हुल जैसे पौधों की ग्राफ्टिंग कर के पौधे घर पर ही तैयार करते है। इससे वह बेकार के खर्चो से बच जाते हैं।

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मिट्टी खुद तैयार करते है

अमित अपने टेरेस गार्डनिंग के लिए मिट्टी खुद तैयार करते है। इसमे वह 40 प्रतिशत मिट्टी, 20 प्रतिशत गोबर, 20 प्रतिशत लकड़ी के कण और 20 प्रतिशत बालू मिलाते हैं। अमित बताते है कि टेरेस गार्डनिंग के लिए मिट्टी तैयार करना बहुत महत्वपूर्ण है। इसमे थोड़ी सी भी भूल पौधों को नुकसान पहुचा सकती है। अमित पौधों की उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए हर 15-20 दिन पर उनकी कटिंग करते हैं। वह कटिंग उसी समय करते है जब फल-फूल का मौसम नही होता हैं।

यूट्यूब चैनल शुरू किया हैं

अमित ने लोगो को टेरेस गार्डनिंग सिखाने के लिए कुछ समय पहले ही खुद का एक यूट्यूब चैनल शुरू किया हैं। इसमे वह लोगो को बागबानी से जुड़े सलाह देते हैं।

बागबानी करने वालो के लिए कुछ सुझाव

अमित बागबानी के शौकीनों को कुछ महत्वपूर्ण सलाह देते हैं:-

  1. पौधों के लिए मिट्टी तैयार करने वक़्त उसपर ध्यान दे
  2. बागबानी की शुरुआत सब्जियों से करे, उसके बाद बाकी के पौधे लगाए
  3. पौधों को पर्याप्त धूप दे और सिंचाई ज़्यादा न करे।
  4. बदलते मौसम में ही पौधे लगाए
  5. नए पौधे शाम के समय ही लगाए।

अमित चौधरी(Amit chaudhary) बताते है कि उन्होंने संकल्प लिया है कि वह हर महीने एक पौधा लगाएंगे। पिछले तीन महीने में उन्होंने अपने मोहल्ले में 3 पौधे लगाए हैं।

अगर आप अमित से बात कर टेरेस गार्डनिंग से जुड़ी कोई जानकारी चाहते है तो 7053223856 पर सम्पर्क करें।

मृणालिनी बिहार के छपरा की रहने वाली हैं। अपने पढाई के साथ-साथ मृणालिनी समाजिक मुद्दों से सरोकार रखती हैं और उनके बारे में अनेकों माध्यम से अपने विचार रखने की कोशिश करती हैं। अपने लेखनी के माध्यम से यह युवा लेखिका, समाजिक परिवेश में सकारात्मक भाव लाने की कोशिश करती हैं।

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