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बहुत आसान तरीकों से अपने छत पर उगा रही हैं 20 तरह की आर्गेनिक सब्जियां: पूर्ण रूप से होता है कीटनाशक मुक्त

पोषण युक्त ताजे फल और सब्जियां खाना सभी की ख्वाहिश होती है। हम सभी चाहते हैं कि जैविक तरीके से उगाये हुयें ताजे फल और सब्जियों का सेवन करे। लेकिन बाजार में हमेशा ताजे फल और सब्जियां मिले यह संभव नहीं है। कभी ताजे मिलेंगे तो कभी बासी। लेकिन कुछ लोग ज्यादा मुनाफे के चक्कर में फसलों के उत्पादन में अत्यधिक रसायनों का प्रयोग करतें हैं। रासायनों का सेवन हमारे शरीर के लिये बहुत हानिकारक है।

हालांकि अब जागरूकता फैल रही है अधिकांश लोग खुद ही जैविक तरीके से फार्मिंग कर रहें हैं। हमारे देश के किसान नये-नये तरीकों से ऑर्गेनिक फसलें उगा रहें हैं। आज हम आपकों टेरेस फार्मिंग कर रही महिला के बारे में बताने जा रहें है जो अपने फार्मिंग में 80 तरह के ऑर्गेनिक सब्जियां उगा रही है। इस कहानी के माध्यम से आपको जैविक विधि से सब्जियां उगाने के बारे में भी जानकारी हासिल होगी।

आईये जानते है।

अनु (Anu) बेंगलुरु (Bengaluru) की रहनेवाली है। इन्हें मिट्टी से बहुत लगाव था। अनु छोटी उम्र से ही खेती में रुचि रखती थी और अपनी दादी के साथ बागानी के कार्य में उनकी सहायता करती थी। वे लगभग 14 वर्षों तक अमेरिका और बेंगलुरु में कॉपरेट क्षेत्र में कार्य कर चुकी है। उन्होंने आगे बागानी करने के बारें में विचार किया और उस कार्य में सफल भी रही। अनु के पति ने भी अपना साथ देकर उनका मनोबल बढ़ाया और आगे बढ़ने के लिये कहा।

अनु ने वर्ष 2015 में “इट्स टाइम टू गार्डन” नाम की एक स्टार्टअप वर्कशॉप की शुरुआत की। इस स्टार्टअप के जरिए अनु ने गार्डेनिंग के बारें में लोगों को प्रशिक्षण देना शुरु किया। इस वर्कशॉप के माध्यम से अनु कई लोगों को प्रशिक्षित कर चुकी हैं।

टेरेस फार्मिंग में उगाई जाने वाली सब्जियां।

टेरेस फार्मिंग करने के लिये शुरुआत के दिनों में अनु को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। वे समझ नहीं पा रही थी कि किस सब्ज़ियों को गार्डेन में लगाये, जिससे कम समय में ही ज्यादा फायदा हो। अनु ने अपने टेरेस गार्डेन में विभिन्न प्रकार की सब्जियां उगाई है। जैसे बैंगन, टमाटर, गोभी, पालक, मेथी, अजवाइन, कद्दू, करेला, मूली, बीन्स तथा प्याज जैसी और भी अनेकों सब्जियां उगाई है। उन्होंने भिन्न-भिन्न प्रकार के फलों को भी लगाया है। उदाहरण के लिये नींबू, नारंगी, चीकू, खीरा, शरीफा, अंजीर, पपीता, अनार, लीची और ड्रेगन फ्रूटस तथा अन्य प्रकार के फल।

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आसानी से उगाई जाने वाली सब्जियां।

अनु ने “इट्स टाइम टू गार्डन” वर्कशॉप में प्रशिक्षण के दौरान लोगों को बहुत ही आसानी से उगाई जाने वाली सब्जियों के बारें में भी बताया। जो इस प्रकार है:- मेथी, अजवाइन, हल्दी, पालक, प्याज, बीन्स और अदरक आदि।

सब्जियों के पौधें लगाने की विधि।

प्याज (Onion)

अनु ने पौधें लगाने के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि प्याज को आसानी से एक गमले में रखकर भी उगाया जा सकता है। इसके लिये प्याज को गमले में रखकर ऊपर से मिट्टी डाल दिया जाता है। कुछ ही दिनों बाद प्याज अंकुरित होने लगता है और उसकी पत्तियां बाहर निकलने लगती है। बाहर निकले हुयें पत्तियों को आसानी से काटकर उसे उपयोग में लाया जा सकता है।

मेथी (Fenugreek)

मेथी को भी ठीक इसी तरह से उगाया जा सकता है। मेथी के पत्ते को बार-बार को काटने से उसकी उपज भी बनी रहती है।

टमाटर (Tomato)

टमाटर के लिये एक गमले में उसे काटकर मिट्टी डाल कर छोड़ दिया जाता है। कुछ ही दिनों बाद टमाटर के पौधें अंकुरित होने लगते हैं।

लहसुन (Garlic)

लहसुन को लगाने के लिये पहले उसके 1-1 बीज को निकाल कर उसे मिट्टी में लगाया जाता है। कुछ महिनों बाद बीज निकलने लगेगा और उसकी पत्तियों को उपयोग में लाया जा सकता है। सूखे लहसुन को लगाने के लिये उसे पेड़ पर ही छोड़ दे। कुछ महिनों बाद जब लहसुन सुख जाये तो खुदाई कर के मिट्टी से बाहर निकाले।

मुली और मूंगफली

मूली और मूंगफली को भी टेरेस गार्डन में बहुत ही आसानी से लगाया जा सकता है और मूली के ताजे पत्ते और मूंगफली का सेवन किया जा सकता है।

हल्दी (Turmeric)

हल्दी के बरे में तो सभी जानते हैं कि यह कितना फायदेमंद होता है। इसका प्रयोग किचन से लेकर ब्यूटी क्रीम्स तक किया जाता है। आयुर्वेद में भी हल्दी का प्रयोग होता है। इसे उगाने के लिये जमीन में 2 इंच गड्डा कर उसमें लगाया जाता है। कुछ दिनों बाद जब पत्ते निकल आये, उसके बाद उसे सूखने दें, फिर काट ले। इसे पानी मे जरुर उबाले ताकी यह करक्युमिन को पूरी तरह से उपलब्ध करा दे।

कीटनाशक (Pesticide) बनाने की विधि।

अनु ने उर्वरक बनाने के लिये बताया कि गोबर, नीम का तेल, रीठा, कोकोपीट, सुखी पत्तियों को मिलाकर एक घोल तैयार किया जाता है। तैयार मिश्रण को पौधों के ऊपर छिड़काव करने से पौधो के कीटों का नाश होता है। इस स्प्रे का इस्तेमाल हमेशा किया जा सकता है। पौधों की सफाई करने के लिये भी इस मिश्रण की कपड़े में मिलाकर किया जा सकता है।

पौधे लगाने के लिये अनु अपने घर में पुराने घड़ा, पुराने जुते तथा पुराने बर्तनों का का उपयोग करती है। ज्यादा पानी की मात्रा होने से पौधें के खराब होने का डर होता है। इसलिए पात्रों में छिद्र किया जा सकता है। एक साथ कई पौधों को भी लगाया जा सकता है। उदाहरण के लिये यदि एक गमले में गेन्दा का फूल है तो उसमें टमाटर और बैंगन का पौधा लगाया जा सकता है। इसके साथ ही लहसुन को भी लगाकर एक साथ देखभाल किया जा सकता है।

The Logically अनु को जैविक तरीके से खेती करने और बिना रसायन के पोषण युक्त सब्जियों के उत्पादन के लिये उन्हें नमन करता है।

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