‘शंख‘ से हम सभी अच्छी तरह से अवगत हैं। दरअसल शंख के बारे में हमारे धार्मिक ग्रंथों भगवत पुराण, अथर्ववेद तथा यजुर्वेद आदि में वर्णन मिलता है। इसे बजाना शुभ तो माना हीं जाता है साथ हीं इसे बजाने से स्वास्थ्य लाभ भी मिलता है। इसे बजाने से गले की मांसपेशियों को व्यायाम के साथ-साथ गला, फेफड़ा तथा उदर विकार दूर होता है। इसके साथ हीं शंख बजाने से हृदय में जोश और उत्साह उत्पन्न होता है। इतने सारे फायदे होने के बाद भी क्या किसी ने यह सोंचा था कि शंख बजाकर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में अपना नाम दर्ज करवाया जा सकता है।
इस कहानी के माध्यम से हम आपको बिहार के एक ऐसे बेटे के बारे में बताने जा रहे हैं जो एक आर्मी जवान हैं और उन्होंने आज पूरे विश्व मे भारत के नाम का डंका बजाया है। अपने शंख की आवाज से ऐसी गर्जना की कि एक रिकॉर्ड हीं बना डाला और गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करवाया। आईए जानते हैं उन्होंने यह सब कैसे किया?
शंभू कुमार (Shambhu Kumar) बिहार के बेगूसराय (Begusarai) जिले के बछवाड़ा के निवासी हैं तथा वर्तमान में वह भारतीय सेना में कार्यरत हैं। उन्होंने शंख बजाने की कला में भारत की तरफ से गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड (Guinness World Record) कायम किया है। इसकी खासियत यह है कि अभी तक यह रिकॉर्ड किसी अन्य व्यक्ति के नाम पर नहीं था। रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ए. भारत भूषण ADG (M&C) ने शंभू कुमार को गिनीज का सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया।
गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड के मानक पर खङे उतरे
गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड के मानक पर शंभू कुमार द्वारा शंख बजाने की ध्वनि को रिकॉर्ड करने के लिए वर्ष 2020 के जुलाई महीने में गिनीज की टीम ने शंभू कुमार को एक सांस तथा एक आवाज में 70 सेकंड तक शंख बजाने के लिए कहा। टीम ने बताया कि रिकॉर्ड बनाने के लिए शंख की ध्वनी को बिना अप डाउन किए 70 सेकंड तक बजाना है। जिसके बाद शंभू कुमार ने शंख को एक ध्वनि में लगातार 80 सेकंड तक शंख बजाकर गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड अपने नाम किया तथा विश्व में भारत के नाम का डंका फिर से बजाया।
शंभू कुमार (Shambhu Kumar) बताते हैं कि वह लगातार 2 घंटे से भी अधिक शंख बजा चुके हैं। उन्होंने शंख बजाने की कला को लेकर कई अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय पुरस्कार भी अपने नाम दर्ज किया है। शंभू कुमार ने द बेगूसराय से बातचीत करते हुए कहा कि वर्ल्ड रिकॉर्ड अपने नाम करने के बाद वह और भी उत्साहित और सशक्त हो गए हैं और वह अन्य कई वर्ल्ड अवार्ड अपने नाम करने की दिशा में मेहनत जारी रखे हुए हैं।
सांस लेते हुये शंख बजाने की कला
आपको बता दें कि शंभू कुमार ने एक सांस में तथा एक ध्वनि में लगातार 80 सेकंड शंख बजाकर गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज कराया है। वह प्रैक्टिस के दौरान 2.5 घंटे शंख बजाए है। शंभू कुमार का लगातार शंख बजाने का भारत वर्ल्ड रिकॉर्ड में 53 मिनट, इंडिया स्टार बुक में 53 मिनट तथा लिम्का बुक रिकॉर्ड में 33 मिनट का है। यह आश्चर्य की बात है कि शंभू कुमार शंख बजाते समय सांस लेते हैं लेकिन शंख की आवाज में कोई भी कमी या शंख बजना बंद नहीं होता है।
शंख बजाने की प्रेरणा
शंभू कुमार ने बताया कि उनका बचपन बनारस के कमठ जिसका नाम स्वामी शीतल दास ट्रस्ट है, उसमें व्यतीत हुआ। वहां उन्होंने पढ़ाई और पुजारी का काम दोनो एक साथ किया जिसमें वह आरती के वक्त पर शंख बजाते थे। शंभू कुमार के शंख बजाने की जिज्ञासा को देखकर एक दिन मठ के मठाधीश ने उन्हें शंख बजाने के लिए प्रेरित किया। उसी समय से शंभू कुमार ने उस प्रेरणा को एक आशीर्वाद के रूप में लिया जिसका परिणाम आज सभी के सामने है।
शंभू कुमार को शंख बजाने में वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने की लालसा बहुत दिनों से थी। जब गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड वालों ने उन्हें 70 सेकंड तक शंख बजाने के लिए कहा तो यह उन्हें थोड़ा कठिन लगा था। परंतु उन्होंने योग के सहारे 5 मिनट तक सांस रोकने का अभ्यास किया। उसके बाद उन्होंने गिनीज के टीम के सामने शंख बजाने में रिकॉर्ड बनाया।
शंभू कुमार ने कहा कि यदि मनुष्य निश्चय कर ले तो कोई भी काम कठिन नहीं है। शंख बजाने से मनुष्य के जीवन में काफी फायदे होते हैं। समान समय में कोरोना महामारी में भी शंख बजाना प्रेरणादायक सिद्ध होगा।
The Logically शंभू कुमार के इस काबिलियत की प्रशंसा करता है तथा उन्हें उनकी कामयाबी के लिए बहुत-बहुत बधाइयां देता है।