प्लास्टिक हमारे पर्यावरण और सेहत के लिए बहुत बुरा असर करता है। यह हमारे पर्यावरण को नुकसान पहुंचाता है। पीने के पानी से लेकर खाने की प्लेट तक प्लास्टिक हमारी जिंदगी का अभिन्न हिस्सा बन चुका है। प्लास्टिक सस्ता और आसानी से उपलब्ध होने वाला विकल्प है। इसलिए हमारी रोजमर्रा की चीजें या तो प्लास्टिक से बनी होती हैं या उनके निर्माण में प्लास्टिक की भूमिका होती है। अकेले महाराष्ट्र में रोजाना करीब 1800 टन का प्लास्टिक कचरा पैदा होता है। इस कचरे से हमारे पर्यावरण को नुकसान पहुंचता है। साथ ही प्लास्टिक हमारी सेहत के लिए भी हानिकारक है। प्लास्टिक के कणों से कैंसर होने का खतरा रहता है। साथ ही प्लास्टिक बैग में खाना रखने से हानिकारक तत्व जाने का भी खतरा होता है। आज हम बात करेंगे, एक युवक “अश्वत हेगड़े” (Ashavat Hegade) की, जिन्होने प्लास्टिक बैग बंद होने के बाद प्राकृतिक चीजों से प्लास्टिक के विकल्प के रूप में थैला बनाना शुरू किया और कामयाब भी हुए।
कैसे की शुरुआत ?
अभी से 4 साल पहले मंगलोर नगर पालिका के द्वारा प्लास्टिक के थैलियो पर रोक लगा दी गई थी। इसके बाद अश्वत हेगड़े (Ashavat Hegade) ने प्लास्टिक के विकल्प के रूप में ऐसा थैलिया बनाने का मन बनाया जो सस्ता के साथ ही साथ पर्यावरण के अनुकूल हो। इसके बाद अश्वत ने अपनी दोस्तों के साथ मिलकर प्राक्रतिक प्रदार्थ जैंसे आलू, साबुदान, मक्का और अन्य चीजो के तेल का प्रयोजन करने का काम शुरू किया। इसके बाद उन्होंने अपने टीम के साथ 4 साल मेहनत किया और संघर्ष के कारण उन्होंने एक ऐसी थैंली बनाई जिसमे 1 प्रतिशत भी प्लास्टिक नहीं है| उनके द्वारा निर्मित थैलियो कि खासियत यह है कि उसे गर्म पानी में रखा जाए तो ये 15 सेकंड के अन्दर आसानी से नष्ट हो जाता है। इन्हें कोई पशु भी खाता है तो उसे कोई परेशानी नहीं होगी| इन थैलियों को समान्य उपयोग के बाद फेंकने पर भी 180 दिन के बाद ये अपने आप नष्ट हो जाता है, इसलिए इससे पर्यावरण को बिलकुल भी नुकसान नहीं पहुंचता है।
राज्य प्रदूषण नियंत्रण ने दिया मंजूरी
अश्वत हेगड़े तथा उनके टीम द्वारा निर्मित इस प्रदूषण रहित थैला को राज्य प्रदूषण नियंत्रण ने मंजूरी दिया है। केन्द्र सरकार के लैब में इनके द्वारा निर्मित थैला में 1% भी प्लास्टिक नहीं पाया गया है। उनके और उनके टीम की इच्छा शक्ति के द्वारा निर्मित थैलियो को क़तर के राष्टीय पर्यावरण दिवस पर पेश किया गया और इन्हें वहां भी सराहना मिली है। ऐसे काम को लेकर उनके प्रोडक्ट की तारीफ़ हर जगह है तथा राष्ट्रीय स्तर पर उनकी चर्चा है।
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प्लास्टिक के थैलियों से सस्ता और सुगम
अश्वत हेगड़े के द्वारा बनाया गया यह थैला बिल्कुल प्लास्टिक के थैलियों की तरह ही दिखता है। लेकिन सबसे खास बात यह है कि उनके द्वारा निर्मित उस थैलो में एक परसेंट भी प्लास्टिक नहीं है। इसकी लागत प्लास्टिक के थैलियों से कम है, तथा यह प्लास्टिक के थैलियों के अपेक्षा सुगम भी है। सबसे अहम बात यह है कि यह प्रकॄति के अनुकूल है।
अगला लक्ष्य
अपने सफलता के बाद अश्वत हेगड़े का कहना है कि, उनका अगला लक्ष्य अब 250 किलो से लेकर 1000 किलो तक वजन सहन करने वाला थैला बनाने का है। इस काम के लिए वे बेंगलूर में एक कारखाना बनाने जा रहे हैं। उनके अनुसार हमें एक जिम्मेदार नागरिक होने के नाते पर्यावरण के अनुकूल काम करने का प्रयास करना चाहिए।
English Summary: Indian Youth Ashavat hegade startup named Envigreen is giving solution of plastic waste, it makes ecofriendly bags which desolves automatically in 15 second
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