Sunday, December 10, 2023

राजनीति के भीष्म पितामह कहे जाने वाले अटल बिहारी वाजपेयी अनन्त तक आदर्श रहेंगे: Atal Bihari Vajpayee

भारतीय राजनीति के भीष्म पितामह कहे जाने वाले स्व. अटल बिहारी वाजपेयी जिन्होंने अपने व्यक्तित्व , कृतित्व , कवित्व और प्रतिनिधित्व से लोगों को खूब प्रेरित किया ! अपनी बहुमुखी प्रतिभा से लोगों के दिलों में खास जगह बनाने वाले अटल जी अपने विचार , व्यवहार से हमेशा लोगों के बीच प्रासंगिक रहते हैं ! आज उनकी पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धेय नमन करते हुए जानते हैं उनकी जीवनयात्रा के बारे में…

भारतीय लोकतंत्र के सच्चे सिपाही का जीवन अनेक संघर्षों की दास्तान है ! संघर्षों से जूझकर जिंदगी में सफलता की इबारत लिखने वाले अटल जी हमेशा सबके आदर्श रहेंगे ! उनकी जिंदगी का हर हिस्सा इंसान को कुछ ना कुछ सिखा सकता है ! वे यथार्थ को जीने वाले एक सच्चे राजनेता थे जो ताउम्र पार्टी लाईन से हटकर राजनीति की ! गलत को गलत और सच को सच कहने की माद्दा जितनी उनमें थी वह किसी में नहीं ! अपने इसी उसूल के चलते पक्ष-विपक्ष दोनों के चहेते थे !




1924 ई. में ईसाई धर्म के संस्थापक ईसा मसीह के जन्मोत्सव के दिन अर्थात् 25 दिसम्बर को ग्वालियर में अटल बिहारी वाजपेयी जी का जन्म हुआ ! उनके पिता पंडित कृष्ण बिहारी वाजपेयी और माता कृष्णा वाजपेयी थीं ! अटल जी के पिता ग्वालियर में अध्यापक थे साथ में हिन्दी और बज्र कविता के बेहतरीन कवि थे !

शिक्षा

अटल जी शिक्षा स्थानीय हीं हुई ! 12वीं पास करने के बाद ग्वालियर के विक्टोरिया कॉलेज से ग्रेजुएट की डिग्री ली ! इसके बाद कानपुर के डीएवी कॉलेज से राजनीति शास्त्र की पढाई पूरी की ! एम ए की पढाई के बाद वे एल.एल.बी की पढाई आरंभ किए लेकिन बीच में हीं वे इस पढाई को छोड़ दिया ! वे अपने छात्र जीवन में हीं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ गए थे ! पूरे भारत में अनेक जगहों पर उन्होंने वाद-विवाद प्रतियोगिता में भी भाग लिया ! एलएलबी की पढाई छोड़कर वे संघ के कार्य में जुट गए ! उन्होंने राष्ट्रधर्म , पांचजन्य और वीर अर्जुन आदि पत्रिकाओं का सम्पादन भी किया !

राजनीतिक जीवन

वे भारतीय राजनीति के शिखर पुरुष थे जिन्होंने ताउम्र अपनी राजनीति से सबका दिल जीता इसलिए वे अजातशत्रु भी कहे जाते हैं ! स्वंयसेवक संघ के कार्यों को निष्ठापूर्वक निभाते हुए उन्होंने राजनीति में कदम रखा और सर्वप्रथम 1952 में पहली बार चुनाव लड़ा परन्तु उस चुनाव में उन्हें सफलता नहीं मिली ! वे हिम्मत नहीं हारे और 1957 में बलराम से जनसंघ के प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा और जीतकर भारतीय लोकतंत्र का मंदिर संसद पहुँचे ! उस जीत के बाद अटल जी का कद और बढा ! अपने राजनीतिक कुशलता और ओजस्वी भाषण शैली से ना सिर्फ लोगों में छाप छोड़ी बल्कि तब के बड़े राजनेताओं का ध्यान भी अपनी ओर आकृष्ट किया ! अटल जी 1977 से 1979 तक तत्कालीन भारत सरकार में विदेश मंत्री रहे ! अपने उस कार्यकाल में अटल जी ने भारत और विदेश के देशों के बीच संबंध बेहतर स्थापित किए ! 1980 में जनता पार्टी से अलग होकर अपने दोस्तों संग एक नई पार्टी बनाई “भारतीय जनता पार्टी” ! एक छोटी सी पार्टी को अपने संघर्ष , परिश्रम और कुशलता से 1996 तक देश की प्रमुख पार्टी बना दी ! 1996 में गठबंधन कर पहली बार अटल जी देश के प्रधानमंत्री बने ! जो महज 13 दिनों में हीं गिर गई ! इसके बाद 1998 में वे पुन: प्रधानमंत्री बने लेकिन इस बार भी उनकी सरकार कार्यकाल पूरी नहीं कर पाई और 13 महीनों तक चली ! चुनाव पश्चात्ताप एक बार पुन: 19 अप्रैल 1998 को वे पुऩ: प्रधानमंत्री बने ! 13 दलों की गठबन्धन की सरकार पूरे पाँच वर्ष तक चलाकर अटल जी ने मिसाल पेश की ! 2004 चुनाव के बाद बढती उम्र और गिरते स्वास्थ्य की वजह से उन्होंने राजनीति से सन्यास के लिया ! वे अपने राजनीतिक जीवन में कुल 10 बार लोकसभा और 2 बार राज्यसभा के सदस्य रहे ! 5 दशकों से भी अधिक का उनका राजनीतिक जीवन बेदाग रहा !




ओजस्वी वक्ता और प्रांजल कवि

अटल बिहारी वाजपेयी अपनी कविता और भाषण के लिए भी हमेशा लोगों के बीच प्रासंगिक रहे ! एक वक्ता के तौर पर जब अटल जी बोलते तो ऐसा समाँ बँध जाता कि लोग बिना उनके भाषण पूर्ण हुए हिलते तक नहीं ! लोग उनके भाषण सुनने के लिए दूर-दूर से आते और देर तक इंतजार भी करते ! संसद भवन में भी उन्होंने कई यादगार भाषण दिए जिनपर पक्ष-विपक्ष दोनों ने तालियाँ बजाईं ! 1977 वे विदेश मंत्री के नाते संयुक्त राष्ट्र संघ में हिन्दी में भाषण दिया जो बेहद प्रचलित हुआ और विदेश के प्रतिनिधियों ने उन्हें खूब सराहा ! एक बेहतरीन कवियों में से एक थे जिनकी जादुई कलम ने काल के कपाल पर पुरजोर गीत रचे ! गीत नया गाता हूँ , कदम मिलाकर चलना होगा , हिन्दू तन-मन हिन्दू जीवन , अमर आग है , मेरी इक्यावन कविताएँ आदि रचनाएँ जनमानस को खूब पसन्द आई !

पुरस्कार व सम्मान

अटल बिहारी वाजपेयी जी को यूं तो कई पुरस्कार व सम्मान से नवाजा गया ! 1992 में तत्कालीन भारत सरकार ने पद्मविभूषण सम्मान दिया व 2015 में मोदी सरकार ने उन्हें भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया !

प्रधानमंत्री के रूप में किए गए जनकल्याण कार्य

अपने प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए अटल जी ने राष्ट्र निर्माण और जनकल्याण हेतु कई बेहतर कार्य किए ! 1998 में पोखरण परमाणु परीक्षण से पूरे विश्व में भारत की छवि एक शक्तिशाली देश की बनाई ! उन्होंने स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना , विदेशी कम्पनियों को भारत लाना , विदेश के देशों के साथ मधुर संबंध स्थापित करना सहित कई जनकल्याणकारी कार्य किए ! जब पाकिस्तान ने भारत पर आघात किया तो कारगिल युद्ध जीतकर यह बता दिया कि भारत किसी रूप में भी कमजोर नहीं है !

भारतीय राजनीति के यह जनप्रिय नेता 16 अगस्त 2018 को लम्बी बीमारी के पश्चात् इस असीम संसार को अलविदा कह गए ! अपने कृतित्व से लोगों के दिलों में बसने वाले महान प्रेरणा , एक सच्चे देशभक्त अटल बिहारी वाजपेयी जी को The Logically उनकी पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धेय श्रद्धांजलि अर्पित करता है !