भारत को गांव का देश कहा जाता है राष्ट्र की 70% आबादी गांव में बसती है। हमारे देश में लगभग 6 लाख गांव है जिनकी खूबसूरती अपने आप अलग-अलग पैमाने रखती है। कहते हैं कि भारत के गांव में हमारी संस्कृति और पहचान खूब देखने को मिलती है आज हम ऐसे ही कुछ गांव के बारे में देखेंगे जिनकी खूबसूरती अविस्मरणीय है और जहां आपको एक बार जरूर जाना चाहिए।
लद्दाख क्षेत्रों में बसा दीक्षित गांव बहुत ही खूबसूरत है . पहाड़ों के बीच बसा यह गांव दीक्षित मॉनेस्ट्री के लिए भी प्रसिद्ध है जिसका निर्माण 14वी शताब्दी में हुआ था। दीक्षित गांव नुब्रा घाटी के बीच बसा है यहां चिड़ियों की चहचहाहट आने वाले यात्रियों को अपनी खूबसूरती से मंत्रमुग्ध कर देती है।
लान्दौर उत्तराखंड में बसा एक छोटा सा गांव है जहां लेखक रस्किन बॉन्ड का घर भी है । उत्तराखंड की पहाड़ीयों में बसा यह गांव आपको घाटियों की खूबसूरती से बीच मंत्र मुक्त करने के लिए काफी है। इस गांव से होकर लोग ट्रेकिंग के लिए जाते हैं और पहाड़ियों का लुफ्त उठाते हैं इस गांव का संबंध ब्रिटिश काल से भी है ,यहां ब्रिटिश काल के कुछ पुराने गिरजाघर मौजूद हैं जो पर्यटकों के बीच आकर्षण का केंद्र हैं। यहां मौजूद केलोग चर्च , सेंट पॉल चर्च और मेथाडिस्ट चर्च ब्रिटिश काल के मौजूदा प्रमाण देते हैं
मलाना को भारत का एक रहस्यमई गांव कहा जाता है गांव की खूबसूरती का अंदाजा यहां के इर्द-गिर्द बसे पहाड़ियों से आंका जा सकता है। यह गांव भारत के सबसे पुराने लोकतांत्रिक व्यवस्था का एक नमूना है जिसका प्रमाण यहां अभी भी देखने को मिलता है। इस गांव के पास ऐसे अनेकों जगह हैं ,जो यात्रियों को अपनी तरफ आकर्षित करते हैं। विषेषकर चंद्रखनी पास, रहौल पास और जारी फॉल्स को देखने के लिए यहां पर्यटक दूर-दूर से आते हैं।
स्पीति वैली का नाको गांव एक बेहद खूबसूरत जगह है ,यह देखने में चंद्रमा की तरह लगता है। तिब्बत से सटे यह गांव तिब्बती संस्कृति से काफी प्रभावित है यहां बसा Tabo monetary 9 वीं शताब्दी में बना एक पौराणिक संरचना है जो यूनेस्को हेरिटेज साइट में भी अंकित है
मेघालय की घाटी में बसे इस गांव को 2003 में भारत सरकार द्वारा सबसे स्वच्छ गांव की उपाधि प्राप्त है । यह गांव इको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए भी प्रसिद्ध है । इस गांव में प्रवेश के साथ की आपको अद्भुत तरीके की साफ-सफाई देखने को मिलेगी . साथ ही यह गांव पूर्ण रूप से प्लास्टिक फ्री है यहां आते हुए पर्यटकों को खास हिदायत दी जाती है कि वह कचड़ा ना फैलाएं । इस गांव के हर कोने में डस्टबिन रखा गया है जिसको गांव वाले खुद साफ करते हैं।