पहले के समय में हम सभी के पूर्वज मिट्टी के ही मकान बनाते थे। हमलोग को भी आज के समय में गाँवो मे कहीं-कहीं मिट्टी की छोटी सी छोटी और बड़ी भी मकान देखने को मिलते हैं। ऐसी मिट्टी की घर देख कर लगता है कि शायद आज के समय में वैसा घर बना पाना संभव नहीं है। पुराने समय में एक से एक जमींदारो के बड़े बड़े घर मिट्टी के ही होते थे। पहले लोग मिटटी के ही मकान बनाते थे, इसका यह मतलब नहीं है कि कम पैसो के लागत के चलते लोग मिटटी का मकान बनाते थे। मिट्टी सस्ती तो जरूर होती हैं, लेकिन मिट्टी के मकान बनाने के पिछे के कुछ कारण भी है, इसमें हमें शुद्ध हवा मिलती हैं । यहाँ तक की मिट्टी के मकान में अंदर का तापमान सामान्य होता है। मिट्टी के मकान हमें और पर्यावरण दोनों को लाभ पहुंचाते हैं। मिट्टी के घरों को टिकाऊ, कम लागत और सबसे महत्वपूर्ण, बायोडिग्रेडेबल होने के लिए जाना जाता है। भारत में 118 मिलियन घरों में से 65 मिलियन मिट्टी के घर हैं।
मिट्टी हमारे यहाँ पहुंच में आसानी और कम लागत से मिलते हैं। सीमेंट या स्टील के मुकाबले मिट्टी के घरों में कई फायदे हैं। आधुनिक मकानों के अपेक्षा मिटटी के मकान दशकों के बाद भी स्थिर रहते हैं, और जब इन्हें नष्ट किया जाता है तो कार्बन उत्सर्जन उत्पन्न नहीं होता है।
आज हमलोग बात करेंगे, कुछ ऐसे कारणों का जिससे हमलोगों को पता चलेगा की मिट्टी की दीवारें बेहतर क्यों होते हैं।
- मजबूत और आपदा प्रतिरोधी
मिट्टी की ईंट यदि स्थिर हो जाती है, तो दीवारों और फर्शों के लिए एक ठोस और टिकाऊ निर्माण सामग्री साबित हो सकती है। यह भूकंप या बाढ़ के दौरान भी दीवारो में दरारें पड़े बिना जस का तस रहता है।
- थर्मल इन्सुलेशन
हमलोगों ने यह महसूस किया है कि मिट्टी की दीवारों से बने घरों में मौसम की परवाह किए बिना मध्यम तापमान होते है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि मिट्टी की दीवारें प्राकृतिक रूप से इंसुलेटेड होती हैं, जिससे घर के अंदर आराम मिलता है। भीषण गर्मियों के दौरान अंदर का तापमान कम होता है, जबकि सर्दियों में मिट्टी की दीवारें अपनी गर्मी से आपको सुकून देती हैं। इसके अलावे छिद्र से भी ठंडी हवा घर में प्रवेश करती हैं।
- पुन: प्रयोज्य
यहाँ पुनः प्रयोज्य का मतलब यह है कि अगर हमें भविष्य में मिटटी के मकान को तोड़ने की नौबत आती है तो हम उस मकान के ईंट तथा अन्य चीजों का इस्तेमाल फिर से कर सकते हैं। जहां रीसाइक्लिंग आज पर्यावरण संरक्षण के लिए एक मूलमंत्र बन गया है, वहीं मिट्टी के घरो को जब ध्वस्त किया जाता है तो मिट्टी के घर पुन: प्रयोज्य या पुन: उपयोग योग्य होते हैं।
“सामग्री पुन: उपयोग योग्य है, और यदि आप इसे तोड़ते हैं, तो मिट्टी आसानी से प्रकृति में वापस जा सकती है। जैसे कि आने वाली पीढ़ी को अगर घर बनाने की जरूरत है, तो वह पूरी सामग्री का पुन: उपयोग कर सकता है। इस तरह हम प्रकृति से निर्माण के लिए निर्भरता को कम कर सकते हैं।
- बायोडिग्रेडेबल
तेजी से उपभोक्तावाद के लिए हम प्लास्टिक, धातु, कांच और तांबे जैसी सामग्रियों के खरीदार बने हुए हैं, जिन्हें विघटित (नष्ट) होने में वर्षों लग जाते हैं। इसने हमारे ग्रह और जल निकायों पर बहुत बुरा असर पड़ता है। कोई अन्य विकल्प नहीं होने के कारण वे पर्यावरण को प्रदूषित करते रहते हैं। मिट्टी एक वृत्ताकार अर्थव्यवस्था का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। यह आसानी से प्रकृति में वापस चला जाता है।
- लागत प्रभावी
इसकी प्रचुरता के कारण उचित दरों पर मिट्टी या घिरी हुई मिट्टी की खरीद की जा सकती है। इसके अलावा, यह स्थानीय रूप से उपलब्ध सामग्री है जो परिवहन लागत को कम या कम करती है। यह कुल निर्माण लागत को 30 प्रतिशत तक कम करता है। यदि एक पारंपरिक घर में एक वर्ग फुट की लागत 1,000 रुपये है, तो एक पर्यावरण के अनुकूल क्षेत्र में एक ही क्षेत्र की कीमत 600 रुपये होगी।
- संगतता
मिट्टी का घर बनाने के लिए चार बुनियादी निर्माण तकनीकें हैं जो जलवायु परिस्थितियों, स्थान और उसके आकार पर निर्भर करती हैं। इसमें, सिल: मिट्टी, मिट्टी, गोबर, घास, गोमूत्र और चूने के मिश्रण को औजारों, हाथों या पैरों से गूँथकर गांठें बनाई जाती हैं जो अंततः नींव और दीवारों का निर्माण करती हैं।
- कार्बन पदचिह्न
हमलोग जानते हैं कि, सीमेंट उद्योग वैश्विक कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) उत्सर्जन का लगभग आठ प्रतिशत उत्पन्न करता है। लंदन स्थित गैर-सरकारी संगठन चैथम की एक रिपोर्ट में कहा गया है, “यदि सीमेंट उद्योग एक देश होता, तो यह 2.8 बिलियन टन के साथ दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जक होता, जो केवल चीन और अमेरिका से अधिक होता।” 21 वीं सदी में, सीमेंट अधिकांश वास्तुकारों के लिए मिट्टी और गो-टू सामग्री का विकल्प बन गया। इसकी तुलना में, मिट्टी में नगण्य कार्बन फुटप्रिंट होते हैं क्योंकि यह रिसाइकिल करने योग्य होता है और इसे पृथ्वी से निकाला जा सकता है। इसके अलावा, यह स्थानीय रूप से सोर्स किया जाता है, परिवहन को समाप्त कर देता है (खदान से निर्माण स्थलों तक) जो अन्यथा कार्बन उत्सर्जन छोड़ देता।
English Summary: Mud houses were only available in old days, Mud houses had many benefits including heat resistant and low costing in comparison of cement house.