Wednesday, December 13, 2023

इस धरतीपुत्र ने 80 हज़ार किसानों को खेती से फायदे का रहस्य सिखाया है, इन्हें पद्मश्री सम्मान मिल चुका है

कुछ दिनों पहले लोगों को सिर्फ अधिक पैदावार से मतलब थी। वह पैदावार खेतों में कहां से होती है इस बात से उन्हें कोई मतलब नहीं था। लेकिन जब लोग जागरूक हुए और उन्हें पता चला कि अधिक पैदावार के लिए केमिकल युक्त खाद का उपयोग किया जाता है, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक है। इस रासायनिक उर्वरक से उपजी फ़सलों को खाने से कैंसर जैसी बीमारियां होती है। तब लोगों ने जैविक खेती के बारे में जानकारी इकट्ठा कर जैविक खेती करनी शुरू की। इसमें जैविक खाद से फसलों को उगाया जाता है। जैविक खेती के जरिए उपजे हुये फलों सब्जियों का उपभोग करना हमारे लिए लाभदायक है इससे हमें बहुत कम बीमारियां होती है।

आज हम आपको ऐसे कृषक से रूबरू करायेंगे जिन्हें धरतीपुत्र की उपाधि मिली हुई है। इनकी जैविक खेती के लिए इन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया है। 80 हज़ार से भी अधिक किसानों को खाद प्रबंधन के बारे में भी शिक्षित कियें हैं।

हम जिनके बारे में आपको बता रहें हैं वह है पद्मश्री भारत भूषण त्यागी। इन्होंने देश में किसानों के बीच खुद की एक अलग पहचान बनाई है। इन्होंने किसानों की परेशानी दूर करने के लिए मिश्रित खेती शुरू की ताकि 1 वर्ष में 10-12 फसलें तैयार हो और किसान को अधिक मुनाफा मिले। इस खेती से अन्य किसानों को 4 गुणा मुनाफ़ा होता है।

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किसान परिवार में जन्मे भारत भूषण त्यागी

उत्तरप्रदेश (Uttar Pradesh) में जन्मे भारत भूषण त्यागी (Bharat Bhushan Tyagi) किसान परिवार से बिलॉन्ग करते हैं। बहुत कम उम्र से ही इनके मन मे लोगों के प्रति कुछ कर गुजरने की भावना थी। यह हमेशा लोगों की भलाई के लिए सोचते। Delhi University से अपनी B.Sc की पढ़ाई सम्पन्न कर अपने गांव आ गये। इन्होंने गांव में बहुत सारी कठिनाइयों का सामना किया। खेती से जुड़े। किताबों को पढ़कर उससे जानकारी प्राप्त की। किताबों में इन्होंने पढ़ा कि खेती करने के लिए पहले प्रकृति के व्यवस्था को समझना जरूरी है। लेकिन अधिक उपज के चक्कर में किसान रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग कर खेती करते हैं। फिर जैविक खेती के बारे में निश्चय कर खेती शुरू कर दियें।

1 ही खेत मे लगाये अन्य फसल

प्राकृतिक नियमों को समझते हुए इन्होंने प्रोडक्शन मैनेजमेंट का निर्माण किया। इसमें धरतीपुत्र ने यह सब कुछ तैयार किया जो खेती के लिए जरुरी था। जैसे रासायिनक उर्वरक के बिना खेती, कम सिंचाई के साथ खेती, एक बार की जुताई में खेती करना। इन्होंने यह भी लिखा कि कैसे एक ही समय मे अन्य फसलों को लगायें। उनकी दूरी कितनी रखें, कब किस फसल को लगाना सही है। जिससे एक साथ 10-12 फसल लगाकर मुनाफा कमाया जा सके।

एक खेत को 2 भागों में बांटा

प्रोडक्शन मैनजमेंट के नियमों का पालन कर जब खेती करने लगे तो इन्हें कम ही समय मे अधिक फायदा होने लगा। इसके कारण भूमि भी उपजाऊ हुई और वहां खरपतवार के साथ कीड़ो से भी राहत मिली। फिर इन्होंने खेतों के 2 भाग सीज़नल ज़ोन और पेरेनियल ज़ोन में बांटा ताकि इसका सहअस्तित्व काम कर सकें। तब खेतों में अनाज के साथ मसाले और सब्जियों को लगाने लगे। अधिक आय की बढ़ोतरी के लिए यह अपने उत्पादों को सर्टिफिकेशन और प्रोसेसिंग के माध्यम से मार्केट में भेज देते।

किसानों को निःशुल्क सिखाते हैं खेती के तरीके

धरतीपुत्र ने एक वर्कशॉप का निर्माण किया है जहां वह किसानों को निःशुल्क खेती से जुड़ी हर एक बात बताते हैं। कैसे जैविक खाद के माध्यम से खेती करना, कैसे अधिक मनाफ़ा कमाना। इस वर्कशॉप में किसान एक दूसरे की मदद करने के साथ इनकी भी मदद करतें है। इन्होंने लगभग 80 हज़ार से अधिक किसानों को खेती से जुड़ी हर एक बात सीखा दी है।

देश से मिले सम्मान की गरिमा को बनाऊंगा

Bharat Bhushan Tyagi को पद्मश्री से सम्मानित किया गया है। इस सम्मान को पाकर उन्होंने कहा कि मैं दुगनी मेहनत कर इस सम्मान की गरिमा को बनाये रखूंगा। उन्होंने बताया कि यह सम्मान मेरे लिए और भी बहुत सारी जिम्मेदारीयों को बढ़ा दिया है।

अपने देश की लिए किसान को मदद करने और जैविक खेती के साथ 80 हज़ार किसानों को यह विधि सीखाने के लिए The Logically धरतीपुत्र, Bharat Bhushan Tyagi को नमन करता है।

यदि आप भी जैविक खेती से भारत का भविष्य बदलना चाहते हैं तो धरतीपुत्र से 8755449866 पर सम्पर्क कर इस कार्य मे भाग ले सकते हैं।