Wednesday, December 13, 2023

जज्बा: हर रोज नदी पार कर स्कूल पहुँचती है यह शिक्षिका, पिछले 11 वर्षों से इसी तरह बच्चों को पढ़ाती है

किसी भी सरकारी और गैर सरकारी कर्मचारियों के पास अपने काम को सही तरीके से नहीं करने का हजारों बहाने होते हैं। ऐसे बहुत कम हीं लोग मिलेंगे, जो अपने कर्तव्यों को निर्वहन अच्छे से करते हैंं। आज हम बात करेंगे एक ऐसी शिक्षिका की, जिसने तमाम परेशानियों को झेलने के बाद भी अपने अभी तक के नौकरी के दौरान एक भी छुटियाँ नहीं ली और बच्चों को बेहतर शिक्षा देने की कोशिश कर रही हैं।

कौन है वह महिला?

हम बिनोदिनी सामल (Binodini Samal) की बात कर रहे हैं, जो मूल रुप से ओडिशा (Odisha) के ढेंकनाल जिला की रहने वाली है। 49 वर्षीय बिनोदिनी सामल, पेशे से एक शिक्षिका है। पिछ्ले 11 सालों से यानी कि 2008 से शिक्षा से जुड़ी हुई हैं और बच्चों को पढाने का काम करती है। उनके अंदर बच्चों को शिक्षित करने का नेक इरादा है, जिसके कारण वह अपने पर्सनल काम को छोड़ देती हैं लेकिन स्कूल जाना कभी नहीं छोड़ती है।

नदी पार करके रोजाना जाती है स्कूल

बिनोदिनी सामल (Binodini Samal) पिछ्ले 11 वर्षो से जिस सपुआ नदी को पार करके स्कूल जाती है, उस नदी पर अभी तक पुल नहीं बन पाया है। एक खास बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि वह इस बातचीत के माध्यम से ओडिशा सरकार की ध्यान नदी पर पुल बनवाने के लिए आकर्षित करवाना चाहती है। नदी पर पुल नहीं रहने के वजह से उन्हें बरसात के मौसम में बहुत परेशानी उठानी पड़ती है।

अभी तक नहीं बना नदी में पुल

बिनोदिनी सावल (Binodini Samal) जिस स्कूल में बतौर सहायक शिक्षिका पढाती हैं, उस स्कूल में फिलहाल दो शिक्षक ड्यूटी पर है। उनके स्कूल में काननबाला मिश्रा हेडमास्टर हैं। वह जिस सपुआ नदी को पार करके स्कूल जाती है, उस नदी पर आज तक पुल नहीं बन पाया है। नदी पर पुल नहीं रहने के वजह से उन्हें सभी मौसम तथा विषम परिस्थितियों में भी खुद हीं नदी में पानी पार करके स्कूल जाना और आना पड़ता है।

कई बार बरसात के दिनों में स्टूडेंट्स और हेडमास्टर स्कूल नहीं पहुंच पाते हैं, लेकिन बिनोदिनी सावल कभी भी विद्यालय में अनुपस्थित नहीं रही है। वह बताती है कि, नौकरी लगने के बाद से ही वो नदी पार कर के स्कूल जा रही हैं। कई बार उनके परिवार वाले उन्हें मना भी करते थे, लेकिन उन्हें खुद पर भरोसा था और वह बरसात के दिनों में भी पानी से लबा-लब भरे नदीं को पार करके स्कूल रोजाना जाती थी।

नहीं ली आज तक छुट्टी

आश्चर्य की बात यह है कि 49 वर्षीय बिनोदिनी सावल (Binodini Samal) बच्चों को पढाने अपने घर से 3 किलोमीटर दूर स्थित स्कूल में नदी पार करके जाती है, लेकिन वे पिछ्ले 11 सालों से एक बार भी छूटी नहीं ली है। वे पूरे बारह महीना नदी पार करके हीं स्कूल जाती हैं। सबसे हैरानी वाली बात ये है कि उनके मन में बच्चों को शिक्षा देने का भावना इस कदर है कि वह अब तक एक बार भी क्लास मिस नहीं की हैं।

लोगों के लिए प्रेरणा बनीं है

आज के समय में बिनोदिनी सामल (Binodini Samal) हजारों लोगों के लिए प्रेरणा बनी हुई है। उन्होंने जिस तरह से पिछ्ले 11 सालों में बिना किसी बहाने के हर दिन जी-जान लगा करके अपने स्कूल के बच्चों को शिक्षित बनाने का सकारात्मक प्रयास किया है वह काबिले तारीफ है। उनकी बच्चों के लिए किया गया यह प्रयास आमजनों के साथ हीं साथ पूरे शिक्षक समाज के लिए भी एक अच्छा संदेश है। आज के समय में अच्छे कामों की वजह से ओडिशा के साथ हीं साथ पूरे देश में उनकी चर्चा है।