फूलों की खेती करना भी वह हुनर है जो हर व्यक्ति में नही होता है। फूल का उपयोग भवनों, पंडालों और बालों को सजाने के लिए किया जाता है। फूल से इत्र बनता है फूल देवों पर चढ़ाया जाता है। कोई भी पौधें में पहले फूल आता है फिर वह फल में परिवर्तित होता है। आइये पढ़ते हैं एक ऐसे शख्स के बारे में जो 16 वर्ष की उम्र में 1 हज़ार की सैलरी पर फूलों के फॉर्म में नौकरी कियें, 10वीं तक भी पढ़ाई नही किया फिर भी अब फूलों की खेती कर करोड़ों कमा रहें हैं।
कुछ लोगों की जिंदगी फूलों की तरह होती है। वे ख़ुशबू बिखेरने का काम करते हैं। वैसे ही हैं, 40 साल के बोलापल्ली श्रीकांत (Bolapalli Shrikant). बहुत ही कम उम्र में इन्होंने ₹1000 की सैलरी वाली नौकरी की लेकिन अब इनका नाम बहुत मशहूर है। यह फूलों की खेती करने वाले व्यक्तियों की सूची में अपना एक अलग स्थान बना चुकें हैं। इस बात पर विश्वास नहीं होगा लेकिन इनकी वार्षिक कमाई 70 करोड़ है।
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अपनी 10वीं कक्षा की पढ़ाई छोड़ श्रीकांत तेलंगाना की बाहरी क्षेत्र में फूलों के फॉर्म में नौकरी करने लगें। उनका परिवार कर्ज में इस कदर डूबा था कि पैसे की बहुत जरूरत थी। इसीलिए उन्होंने पढ़ाई छोड़ नौकरी करने का निश्चय किया। इनका परिवार खेती से ही अपना रोजी-रोटी चलाता था। लेकिन गरीबी इस कदर बढ़ गई थी कि इन्होंने यह कदम उठाया। फूलों के फॉर्म में श्रीकांत 18-20 घण्टे कार्य करते थे। अपनी इस मेहनत से उन्होंने फूलों से जुड़े सभी जानकारी इक्कट्ठे कियें।
18 वर्ष के उम्र में श्रीकांत 20 हज़ार रुपये से खुद का फूलों के रिटेल व्यपार की शुरुआत किये। इनके पिता को यह कार्य पसन्द नहीं था। वह उन्हें अपने साथ खेती करने के लिए कहते थे। लेकिन श्रीकांत ने फूलों से जुड़े रहकर यहीं कार्य करना जारी रखा और आगे बढ़ें।
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अपने घर विल्सन गार्डन में 200 स्क्वायर फिट की स्थान में फूलों की दुकान खोल अपने कार्य का शुभारंभ कियें। दुकान का नाम श्रीकांत ने “ओम साईं फ्लावर्स” (Om Sai Flowers) रखें। फूलों के क्षेत्र में अधिक जानकारी थी। इसलिए उन्होंने 2 वर्षों में ही अपनी मेहनत से अपने व्यापार में बखूबी सफलता हासिल की। अगर उनके पास कोई आर्डर आता तो वह उस आर्डर को पैक करा कर खुद ही उस ग्राहक के पास जाते जिसने फूल मंगवाया है। इस कारण उनकी जान-पहचान बढ़ती गई और उनका कारोबार भी आसमान छूने लगा। वह शादी, बर्थडे पार्टी, होटलों के साथ बड़ी-बड़ी योजनाओं के लिए फूल ले जाया करते थे।
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2005 में श्रीकांत ने 30 एकड़ जमीन खरीद कुछ ही स्थान में फूलों की खेती करना शुरू कियें। फूलों की खेती के व्यापार का नाम श्रीकांत ने “वेनसाई फ्लोरिटेक” रखा। शुरुआती दौर में उन्होंने सिर्फ 6 एकड़ जमीन में ही खेती शुरू की। इस खेती में यह ग़ुलाब, कारनेश, गयसोफिलिया और जरबेरा के फूल लगायें। जब यह खेती सक्सेस हुआ तो उन्होंने 2009 से 10 तक तक पूरे 30 एकड़ जमीन में फूलों की खेती की शुरुआत कर दी। इस सफलता के बाद उन्होंने तमिलनाडु के कूनूर जिले में 10 एकड़ जमीन बैंक से 15 करोड़ लोन खरीदी और यहां खेती कोर्नेन्स और लिलियम्स के पौधें लगायें।
अपने व्यापार के लिए श्रीकांत फूल कोडाईकनाल और ऊटी से मंगवाते थे। अगर कस्टमर को फूल ज्यादा पसंद आता था तो वह फूल हॉलैंड, न्यूज़ीलैंड, थाईलैंड और ऑस्ट्रेलिया से भी आयात कर मंगाते थे। श्रीकांत ने अपने फॉर्म रेन हार्वेस्टिंग के लिए भी कार्यरत है। श्रीकांत के विल्सन गार्डन फॉर्म में लगभग 300 कर्मचारियों द्वारा कार्य होता है। जिनमे 80 कर्मचारियों के लिए हर व्यवस्था फॉर्म में ही पूरी की जाती है।
ऐसा लड़का जो 1 हज़ार की नौकरी करता था। 10वीं तक पढ़ाई भी नहीं कर पाया। लेकिन अपनी काबिलियत के दम पर करोड़ो की कमाई कर रहा है। The Logically श्रीकांत को सलाम करता है।
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