हम अक्सर पुलिस वालों की बेरुखी और चिड़चिड़ापन से वाकिफ होते हैं लेकिन यह कहानी उनके इस नकारात्मक छवि के बिल्कुल विपरीत उनके सकारात्मक चेहरे को बयां कर रही है। चेन्नई के कुछ पुलिस वालों ने 5 साल की एक बच्ची के ऑपरेशन के लिए लगभग 5 लाख रुपये इकट्ठा किया और उसकी जिंदगी बचा लिए।
चेन्नई के नंदबक्कम पुलिस स्टेशन के हेड कांस्टेबल और वहां के अन्य पुलिसकर्मियों को जब इस बात का पता चला तो उन्होंने इस नन्ही बच्ची की जिंदगी को बचाने के लिए 5 लाख रुपये ईकट्ठा किए और उसका ऑपरेशन कराया गया । नंदबक्कम पुलिस स्टेशन के हेड कांस्टेबल पी सेंथिल कुमार और पुलिस इंस्पेक्टर एम थंगराज ने अपने अथक प्रयास से इन पैसों का व्यवस्था किया और बच्ची का इलाज एक प्राइवेट हॉस्पिटल में कराया गया।
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द न्यू इंडियन एक्सप्रेस समाचार एजेंसी के अनुसार कार्तिक गुड्डुचेरी के निवासी हैं जो अपनी पत्नी और 5 साल की बेटी कविश्का के साथ रहते हैं । कार्तिक एक इलेक्ट्रॉनिक कंपनी में बतौर सेल्समैन नौकरी करते थे लेकिन कोरोनावायरस की महामारी के कारण उनकी नौकरी चली गई और वो बेरोजगार हो गए। कार्तिक बड़ी मुश्किल से अपने दैनिक खर्च को उठा पाते थे , इस हालत में अपनी बच्ची के आपरेशन के लिए 5 लाख रुपये इकठ्ठा करना उनके लिए बड़ी बात थी।
इनकी बेटी कविष्का को जन्म से ही दिल में छेद था , जिसका इलाज बहुत पहले से चल रहा था। लॉकडाउन के ठीक पहले फरवरी महीने में डॉक्टर्स ने कविष्का के ऑपरेशन की सलाह दी थी , लेकिन पैसा ना होने के कारण कार्तिक अपनी बेटी का इलाज नहीं करा पा रहे थे।
कविष्का का स्वास्थ्य दिन प्रतिदिन खराब होते जा रहा था और डॉक्टर ने तुरंत ओपन हार्ट सर्जरी की सलाह दी ,उस समय सब इंस्पेक्टर सेंथिल कुमार और एम थंगराज ने खुद से 45 हज़ार रुपये डोनेट किए और फिर बाद में अन्य लोगों की मदद से बाकी बचे पैसे का इंतेज़ाम किया गया जिससे बच्ची का इलाज शुरू हो सके।
लगभग 1 महीने पहले कविष्का की सर्जरी हुई और लगभग 15 दिनों तक अस्पताल में एडमिट रहने के बाद 11 जुलाई को उसको हॉस्पिटल से डिस्चार्ज दिया । इस तरह एक पुलिस स्टेशन के पुलिस वालों ने इस बच्ची को एक जीवनदान दिया ।
पुलिसवालों का ऐसा प्रयास काबिलेतारीफ है जिसे Logically नमन करता है।