Wednesday, December 13, 2023

बुजुर्गों का एक ऐसा क्लब जो स्वक्षता अभियान, शिक्षा, स्वास्थ्य और कचड़ा प्रबन्धन जैसे अनेकों कार्य करता है: Club-60

उम्र के 60वें पड़ाव के बाद ज्यादातर लोग अपनी निजी जिंदगी में मशगूल हो जाते हैं लेकिन वहीं उत्तर प्रदेश में कुछ ऐसे बुजुर्ग हैं जो खुद को बुजुर्ग नहीं बल्कि युवा मानते हैं और वे लोग खुद को मानवहित के कार्यों में बड़े ही तत्परता से समर्पित किए हुए हैं। आज बात उत्तर प्रदेश के मेरठ स्थित क्लब-60 के 15 सदस्यीय टीम की जिसने अपने नायाब कार्यों से देश भर में पहचान बनाई है। क्लब-60 के सदस्य हरि विश्नोई जी ने The Logically से बात-चीत कर मानवहित के लिए अपने प्रयासों के बारे में बताया।

Club-60 member
हरि विश्नोई व महेश रस्तोगी

क्लब-60 का निर्माण

60 वर्ष के बाद लोग प्रायः नौकरी-पेशा से रिटायर्ड हो जाते हैं जिसके कारण वे खाली बैठे रहते हैं तो ऐसे में खालीपन, ऊब, अकेलेपन, अवसाद, तनाव, चिड़चिड़ेपन आदि के कारण उनका रुग्ण व दुखी हो जाना लाजिमी है। अपनी जिंदगी को स्वस्थ रखने के लिए सकारात्मक सोंच के साथ खुद को रचनात्मक कार्यों में व्यस्त रखना आवश्यक है। इसी उद्देश्य से 15 अगस्त 2015 को क्लब-60 का गठन हुआ। रिटायर्ड बैंक मैनेजर महेश रस्तोगी ने हिंदी फिल्म क्लब 60 देखा तो उनके मन में भी वैसा कुछ करने की प्ररेणा जाग उठी ताकि नेक कार्यों में व्यस्त रह कर खुद के साथ जरूरतमंदों की जिंदगी संवार सकें। इस क्लब में 15 सदस्य हैं जो 60-80 वर्ष के हैं और वे सभी खुद को बुजुर्ग नहीं बल्कि युवा मानते हैं।

उद्देश्य

इस क्लब के सदस्य वेस्टमैनेजमेंट, कम्पोस्टिंग, पुरानी चीजों की रिसाइक्लिंग, जलसंरक्षण, पक्षी आवास लगाने, पेड़ों को बचाने, वंचितों को सरकारी सुविधाएं दिलाने, सूचना केंद्र चलाने व गरीब बच्चों की शिक्षा में मदद, लाफ्टर योगा, जैसे कई जनहित कार्यों को करते हैं। इनका कहना है कि स्वस्थ रहना है तो व्यस्त रहना पड़ेगा। सभी सदस्य अपनी-अपनी दक्षता और कुशलता के हिसाब से अलग-अलग कार्यों का संचालन करते हैं।

Clun 60 members
1100 पक्षियों के लिए घोंसले बनवाये

वेस्ट मैनेजमेंट के जरिए पेश की मिसाल

•गार्डन वेस्ट

The Logically से बात करते हुए हरि बिश्नोई जी ने बताया कि हम लोग अपने क्षेत्र के कूड़े से बहुत परेशान थे। निगम की गाड़ियां कॉलोनी में घर से निकलने वाली कचरों को उठाती थी लेकिन पार्क में पड़े घास-पतवार, पत्तियों को नहीं उठाते जिसके कारण पार्कों में पत्तियों और घास का अंबार लगा रहता था। यह देख कर इनलोगों ने उसे बेस्ट मैनेजमेंट के जरिए खत्म करने का निर्णय किया। इधर-उधर की कुछ जानकारियां प्राप्त करने के बाद में वे लोग जैविक खेती के राष्ट्रीय केंद्र के कुछ रिसर्चरों से मिले और अपनी समस्या के निदान हेतु उपाय पर चर्चा की। उस केंद्र में देशी गाय के गोबर से बनी हुई कंपोजर मिलती है जो लिक्विड होती है। पानी में डालकर इसका गोल तैयार कर लिया जाता है और घास-पतवार पर छिङक दिया जाता है जिसके बाद वह घास और पतवार को सङा देती है। इन लोगों ने उसी लिक्विड को लाकर वैसा हीं किया। इस तरह पार्क को पत्तियों, घास व पतवार के कूड़े से मुक्त कराया। उनके इस कार्य को देखकर वहां के डिविजनल कमिश्नर ने उन्हें बुलाया और उनसे दरख्वास्त किया कि हमारे नगर निगम के 200 पार्क में आप यह काम कर दें उसके बाद इस फॉर्मूले से इन लोगों ने नगर निगम के अन्य पार्कों को कूङे से निजात दिलाई।

Gardening by Club 60
पुरानी बेकार चीज़ों का रीसाइक्लिंग

•किचन वेस्ट

गार्डन वेस्ट को खत्म कर इनका अगला कदम किचन बेस्ट को खत्म करने के लिए अग्रसर हुआ। इनके सरकारी कार्यों को देखकर एक महिला प्रशासनिक अधिकारी ने इन्हें मदद करने के लिए बुलाया जिसके बाद उन्होंने सदस्यों को 200 होम कंपोस्ट यूनिट मुहैया करवाए। होम कंपोस्ट यूनिटों को इन लोगों ने अपनी कॉलोनी के सभी घरों में बांट दिया। यह यूनिट 3 पॉट का डब्बा है, दूध के पदार्थ व पानी को छोड़कर किचन के सारे वेस्ट खाद्य पदार्थ इसमें डाल दिया जाता है। 120 दिन के बाद इस डब्बे में खाद बनकर तैयार हो जाती है। किचन बेस्ट से बनने वाली यह खाद बहुत हीं महत्वपूर्ण होती है। इसे आप अपने घर के गमलों में डाल सकते हैं। इसके डालने से फल, फूल, सब्जी के उत्पादन और आकार दोनों में बढ़ोतरी होती है। गार्डन वेस्ट और किचन बेस्ट के जरिए इन लोगों ने अपनी कॉलोनी को जीरो वेस्ट बना दिया।

यह भी पढ़ें :- खुद से करते हैं कुष्ठरोगियों की सेवा, उन्हें प्रेम से मरहम पट्टी लगाते हैं और भोजन भी कराते हैं: दिल्ली के करमवीर की करुणा भरी सेवा

जल संरक्षण

क्लब-60 के द्वारा किए जा रहे जल संरक्षण के उपायों की देश भर में प्रशंसा होती है। जल संरक्षण के लिए उन्होंने कुल 12 उपाय किए हैं जिसमें से 6 कम्युनिटी आधारित व 6 व्यक्तिगत हैं। इसके जरिए वे लोग अबतक 5 लाख लीटर से भी अधिक जल बचाव कर चुके हैं। अपने घर पर भी जाने वाली खेती में यह लोग ड्रीप इरीगेशन करते हैं। फुहारों से सिंचाई वाली इस विधि से 90% तक जल संरक्षित किया जाता है। इन लोगों ने सरकारी मदद के बिना अपनी कालोनी व टेगौर पार्क में स्प्रिंकलर सिस्टम, ड्रिप इरिगेशन, व 4 रेनवाटर हार्वेस्टिंग यूनिट लगाया है।

Hclub 60 members
हरि विश्नोई व महेश रस्तोगी

शिक्षा-सेतु

•गरीब बच्चों को निशुल्क शिक्षा देने हेतु इन लोगों ने शिक्षा सेतु नाम का एक मिशन बनाया है जिसके जरिए यह नर्सरी से आईएएस तक की तैयारी मुफ्त में करवाते हैं। नर्सरी से कक्षा 8 तक के बच्चों को राइट टू एजुकेशन के जरिए अच्छे से अच्छे विद्यालयों में दाखिला करवाते हैं। इसके साथ छठी से बारहवीं तक के बच्चों के लिए नवोदय विद्यालय की तैयारी करवाते हैं जिसके अंतर्गत वे बच्चों को पढ़ाई के साथ किताबें और गाइड भी मुहैया करवाते हैं। इनका कहना है कि गरीब के बच्चों को अगर शिक्षा दे दी जाए तो वे भिखारी और अपराधी नहीं बनेंगे। शिक्षा सेतु के इस मिशन के जरिए आप तक 200 बच्चों को लाभान्वित कर चुके है। अब तक 70 बच्चों को मुफ्त में किताबें दिलवाकर, कुछ को ड्रेस दिलवाकर व कुछ बच्चों को स्कूल फीस देकर उनकी पढ़ाई को नियमित रूप से गतिमान किए हुए हैं।

•इस मिशन में एक अनोखी बात यह है कि जिन बच्चों को वे निशुल्क शिक्षा दिलवाते हैं उनसे एक फॉर्म भराया जाता है जिसमें बच्चों को चार संकल्प करना होता है पहला, देश को सर्वोपरि मानोगे, दूसरा, पर्यावरण की रक्षा करोगे, तीसरा आजीवन निर्णय सनी रहोगे तथा चौथा, पैसे कमाने पर कम से कम 2 बच्चों को मुफ्त शिक्षा दोगे। उनका कहना है कि कल को हम नहीं रहेंगे लेकिन यह चेन चलता रहेगा। इनके बेहतर प्रयास को देखकर देश भर से कॉलेजों, विद्यालयों, संस्थाओं ने इन्हें मदद करने की पेशकश की है। गरीब बच्चों की पढ़ाई के साथ-साथ वे लोगों के स्वरोजगार हेतु भी प्रयासरत हैं। केनरा बैंक के जरिए लोगों को स्वरोजगार हेतु प्रशिक्षण दिलवाते हैं ताकि वह खुद को हीं रोजगार स्थापित कर अपना भरण पोषण कर सकें।

स्वच्छता स्थापित करके कायम की प्ररेणा

क्लब-60 के सभी सदस्यों ने स्वच्छता हेतु सार्थक प्रयास कर अपने कॉलोनी को पूरे जिले में प्रथम स्थान दिलवाया है। जो लोग घर के कूड़े-कचरे को बाहर फेंक देते थे ऐसे में वे घर-घर जाकर लोगों को समझाया और घर से बाहर फेंकने वाले कूड़े पर लगाम लगाया। संस्था के संबंध में एक बहुत ही महत्वपूर्ण बात बताई कि अक्सर हम बाहर से घर जाते वक्त पैरों के माध्यम से ढेर सारी धूल घर के अंदर ले जाते हैं जब घर में झाड़ू दी जाती है तो उस धूल को बाहर ना फेंककर उसे गमले में डाल दिया जाए जिससे गमले में लगे पौधे का अच्छा विकास होता है। भवन निर्माण में बेस्ट मलबों को वे लोग गाड़ियों के माध्यम से किसी गड्ढे स्थान में डलवा देते हैं।

सूचना केंद्र के जरिए लोगों की मदद

इन्होंने अपने कई सूचना केंद्र खोल रखे हैं जिसके जरिए वे लोगों की मदद करते हैं ताकि सरकार के द्वारा जो-जो योजनाएं चल रही है उन सभी का लाभ लोगों को सुचारू रूप से मिल सके। लोगों को कोई सूचना चाहिए होती है या किसी योजना का लाभ लेना होता है वह इन केंद्रों पर जाकर फॉर्म भर सकते हैं। वे सभी प्रशासनिक दफ्तरों के बाहर सरकार द्वारा दी जाने वाली जनकल्याण योजनाओं की सूची अपने खर्च से लगावाते हैं।

क्लब-60 का संदेश

अपने कार्यों से क्लब-60 के सदस्य दूसरों को भी जनहित कार्यों हेतु जागरूक करते रहते हैं। इनकी धारणा है कि स्वस्थ रहना है तो व्यस्त रहना पड़ेगा। उनका कहना है कि कल को हम नहीं रहेंगे लेकिन हमारा यह चेन चलता रहेगा। फंडिंग के बारे में इनका ख्याल है कि वह दान हीं क्या जो मांग के किया।

Club-60 members
डिविज़नल कमिश्नर द्वारा समान्नित हुए

मिल चुके हैं कई सम्मान व पुरस्कार

30 जून 2019 में प्रधानमंत्री जी ने अपने मन की बात कार्यक्रम में क्लब-60 द्वारा किए गए जल संरक्षण के 7 कार्यों को दिखाया। जलशक्ति मंत्रालय ने अक्टूबर 2019 में इन्हें 10 हजार रु. का पुरस्कार देकर जलनायक घोषित किया। डीएम, कमिश्नर, मंत्री, विधायक व अनेक संस्थाएं इन्हें सम्मानित कर चुकी हैं।

Award of Club 60
मंत्री द्वारा संस्था सम्मानित हुई

क्लब-60 के सदस्य

इस ब्लब में कुल 15 सदस्य हैं जिनके नाम इस प्रकार हैं

श्री महेश रस्तोगी, हरि विश्नोई, एस के सिंह, पी के त्यागी, आर के गुप्ता, हरि मोहन मित्तल, पी डी स्वामी, पी के रस्तोगी, अरुण मलिक, जे के आर्या, वेद प्रकाश शर्मा, सुधीर शर्मा, अशोक अग्रवाल, अनुराग गोयल, भारत भूषण शर्मा।

यहां कर सकते हैं सम्पर्क

मेल और वेबसाइट

बुजुर्ग होते हुए अपनी सोंच, जज्बे, हौसले और कार्यों से जरूरतमंदों की सेवा को समर्पित क्लब-60 एक बृहद प्रेरणा है। The Logically क्लब-60 के सभी सदस्यों को नमन करता है।