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बिहार में शुरू हुई दुनिया के सबसे महंगी सब्जी की खेती, एक किलो की कीमत 82,000 रुपए

भारत (India) में हर तरह की खेती होती है। यहां के किसान अपनी अकलमंदी और कड़ी मेहनत से नामुमकिन को मुमकिन कर लेते हैं। आज हम किसानों की ऐसी ही उपलब्धि की बात करेंगे। बिहार (Bihar) के औरंगाबाद जिले में अब दुनिया की सबसे महंगी सब्जियों में से एक ‘हॉप शूट्स’ (Hop shoots) की खेती शुरू हो चुकी है। छह साल पहले अंतरराष्ट्रीय मार्केट में हॉप शूट्स की कीमत एक लाख रुपये के आसपास थी।

वैज्ञानिकों की मदद से पहली बार हुई हॉप शूट्स की खेती

औरंगाबाद के करमडी के रहने वाले अमरेश सिंह (Amresh Singh) किसान हैं। उन्होंने भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान, वाराणसी के कृषि वैज्ञानिक डॉ. लाल (Dr. Lal) की मदद से 5 कट्ठा जमीन पर हॉप शूट्स (Hop shoots) की खेती की है। दो महीने पहले अमरेश ने इसका पौधा लगाया था, जो अब धीरे-धीरे बड़ा हो रहा है। साथ ही अमरेश की उम्मीदें भी बढ़ रही हैं। आमतौर पर हॉप शूट्स (Hop shoots) का इस्तेमाल बीयर और एंटीबायोटिक दवाओं को बनाने के लिए किया जाता है। इसके अलावा यह टीबी के इलाज के लिए भी कारगर है।

Cultivation of Hop shoots in Bihar

हॉप शूट्स आर्डर पर उगाया जाता है

अमरेश सिंह (Amresh Singh) बताते हैं कि हॉप शूट्स के फूलों का इस्तेमाल बीयर बनाने के काम में भी किया जाता है। अनुमान लगाया जा रहा है कि एक किलो हॉप शूटस (Hop shoots) की इंटरनेशनल मार्केट में कीमत 1 हज़ार यूरो यानी 82,000 रुपए के लगभग होगी। यह आम सब्जियों की तरह बाजारों में नहीं मिलता, यह आर्डर पर उगाया जाता है। भारत सरकार के अनुमति से वैज्ञानिक हॉप शूट्स पर रिसर्च कर रहे हैं। अमरेश बताते हैं कि उन्होंने हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) से इस खेती के जानकारी प्राप्त की और अब उसे प्रायोगिक तौर पर आजमा रहे हैं।

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हॉप शूट की खेती से किसानों को मिलेगा लाभ

अमरेश का मानना है कि हॉप शूट्स (Hop shoots) की खेती से किसानों को बहुत लाभ होगा। जब किसानों को इसकी जानकारी मिलेगी तो वह पारम्परिक खेती छोड़कर इस खेती में अपना हाथ अजमाएंगे। अमरेश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) से निवेदन करते हैं कि अगर वह हॉप शूट्स की खेती को प्रोमोट करेंगे, या इस बारे में किसानों को जागरूक करेंगे तो इसके जरिए किसान 10 गुणा अधिक मुनाफा कमा सकते हैं, वह भी बहुत कम समय में।

हॉप शूट के फायदे

हॉप शूट के खेती की शुरुआत 11वीं शताब्दी में हुई थी। इसका प्रयोग खासतौर पर बीयर में स्वाद बढ़ाने वाले एजेंट के रूप में किया जाता है। साथ ही हर्बल दवा तथा सब्जी के रूप में भी धीरे-धीरे इसका इस्तेमाल बढ़ रहा हैं। हॉप शूट (Hop shoots) में कुछ ऐसे एसिड मौजूद होते हैं, जो मानव शरीर में कैंसर कोशिकाओं को मारने में प्रभावी माने जाते है। हॉप शूट से जो दवा बनती है, वह पाचन तंत्र और अनिद्रा को ठीक करती है। अमरेश बताते हैं कि हॉप शूट की खेती यूरोपीय देशों जैसे ब्रिटेन, जर्मनी और अन्य देशों में की जाती है। भारत में पहले हॉप शूट की खेती केवल हिमाचल प्रदेश में किया जाता था परंतु उच्च कीमत के कारण इसकी खेती बंद हो गई थी।

बिहार के ग्रामीण परिवेश से निकलकर शहर की भागदौड़ के साथ तालमेल बनाने के साथ ही प्रियंका सकारात्मक पत्रकारिता में अपनी हाथ आजमा रही हैं। ह्यूमन स्टोरीज़, पर्यावरण, शिक्षा जैसे अनेकों मुद्दों पर लेख के माध्यम से प्रियंका अपने विचार प्रकट करती हैं !

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