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आम के पेड़ में अधिक फल लाने के लिए बेहद जरूरी है कंटाई-छंटाई, ऐसे करें पेङों का छंटाई कार्य

Cutting And Purning Method Of Mango Trees

पर्यावरण संरक्षण के लिए पेड़-पौधों को लगाना बहुत जरूरी है। लेकिन आबादी बढ़ने वे सुख-सुविधा पाने के लिए लोग पेड़-पौधों की कटाई कर अपने आवास के लिए घर बना रहे हैं। हालांकि आज के दौर में गार्डेनिंग को लेकर अधिकतर लोगों में जागरूकता दिख रही है इसलिए लोग स्वयं गार्डेनिंग कर रहे हैं। इसमें कुछ लोग सफल होते हैं तो कुछ असफल क्योंकि कुछ लोगों को गार्डेनिंग करने के तौर-तरीकों के बारे में जानकारी नहीं होती।

कुछ लोग फलदार पौधे जैसे आम की कटाई-छटाई नहीं करते क्योंकि उन्हें लगता है कि ऐसा करने से पौधे मर जाएंगे या फिर वह फल नहीं देंगे। लेकिन ऐसा कतई नहीं है कि आम के पेड़ की छटाई करने से पेड़ सुख जाएंगे बल्कि ये पेड़ और विकसित होगा और अधिक फल देगा। आज के हमारे इस लेख में हम आम के पेड़ से जुड़ी यह रोचक जानकारी देने वाले हैं कि आप इसकी किस तरह आम के पौधे की कटाई-छटाई कर अधिक फल पा सकते हैं। साथ ही आप एक वीडियो भी देखेंगे जिससे आपको ये समझना आसान हो जाएगा और आप भी प्रक्रिया को अपने गार्डनिंग में अपनाकर लाभ उठा सकते हैं।

हम सभी ये जानते हैं कि आम एक फलदार वृक्ष है जिसका फल ज्यादातर लोगों का पसंदीदा फल होता है। डॉ विनोद कुमार कृषि विज्ञान केंद्र भागलपुर के कृषि वैज्ञानिक हैं जो कहते हैं कि आम के पेड़ इसलिए सुखते हैं या फिर उनकी तनाएं इसलिए बीच से टूट जाती है क्योंकि यहां सूर्य की रौशनी ना मिलने के कारण किट या फंगस लग जाते हैं। या फिर अगर आपके पौधे एक-दूसरे के अधिक पास में हैं तो ये एक-दूसरे से टकरातें जिससे पौधों की बीच अधिक सघनता बढ़ जाती है।

  • आम के पेड़ की शाखाओं की कटिंग

पौधे का जहां से अभीबिन्यास बना है वहां से इसकी कटिंग करनी आवश्यक होती है। कटिंग के लिए पेड़ की ऊंचाई 4.50-6 फिट से शुरू होती है। इससे पौधों को अधिक धूप मिलेगी जिससे आप अधिक फल उत्पादन कर सकते हैं। वह कहते हैं कि हमारे किसान ये सोंचते हैं कि अगर हम अपने पौधों की शाखाओं को काटें तो ग्रोथ नहीं करेगा और अधिक फल नहीं देगा जिस कारण वह इसे ऐसे ही छोड़ देते हैं।

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  • रखें मुख्य बातों को ध्यान

कटाई के दौरान इस बात का ध्यान रखना है कि इसकी कटाई सीधी नहीं बल्कि तिरछी हो। इस कारण यहां पानी का जमाव नहीं होगा। अगर सीधी कटाई होगी तो यहां पानी जम जाएगा और अधिक फंगस फैलकर पौधों को नष्ट कर देंगे। कटाई के बाद इस पर आपको कॉपर एसिटिक क्लोराइड को पानी में मिलाकर इस पर पुताई करनी होगी। फिर पौधे पर चुने से पुताई कर दें या इसे आप स्प्रे भी कर सकते हैं। आप अपने अनुसार कीड़ें ना लगने के लिए कीटनाशक का चुनाव कर सकते हैं।

  • कब करें इसकी कटिंग

पौधे की कटिंग आपको नवम्बर के लास्ट वीक या फिर दिसम्बर के फस्ट वीक में कर सकते हैं। इससे आपके पौधे का घाव फरवरी तक भर जाता है। कटिंग भी दो प्रकार होती है एक सेंटर कटिंग और दूसरी पूर्ण कटिंग। सेंटर कटिंग के दौरान आपको इसके सेंटर की डाल को काटनी है जहां सूर्य का प्रकाश नहीं जाता हो। ऐसा करने से आपके पौधे के सिर्फ बाहरी शाखाओं में ही नहीं बल्कि अंदर की शाखाओं में भी फल आने लगेंगे। पौधों में जितना अधिक मात्रा में हवा, पानी और धूप मिलेगा फल आपको उतने हीं अधिक प्राप्त होंगे। हालांकि कभी-कभी अधिक मात्रा में पानी से धूप से पौधे नष्ट भी हो जाते हैं।

वीडियो यहाँ देखें:-👇👇

डॉ. अमरेंद्र कुमार जो यहां के वैज्ञानिक हैं पेड़ की कटिंग के बारे में विस्तार से बताते हैं। वह कहते हैं कि हम पौधों की कटिंग प्राइमरी, सकेंडरी तथा ट्रंक भाग में करते हैं। अगर आप पौधों की कटिंग प्राइमरी हिस्से से करते हैं इसमें फल आने में 5 वर्ष लग जायेगा। वहीं अगर सकेंडरी से करते हैं तो 3-4 साल वर्ष का वक्त लग जायेगा। इसलिए आपको अपनी सूझ-बूझ के साथ हीं कटिंग करनी चाहिए। इस कारण अधिकतर किसान सोंचते हैं कि क्यों ना हम कोई नया पौधा ही लगा लें। लेकिन आप इन तरीकों कल अपनाकर अपने पुराने पेड़ को भी नया कर सकते हैं।

  • स्वस्थ शाखाओं को छोड़ बाकी शाखाओं की करें कटाई

अगर हम पूर्ण रूप से कटिंग के विषय में बात करें तो इसमे पौधों को पूरी तरह काट दिया जाता है। यानी आप इसे 4.50 इंच के बाद काट दें और पुताई कर इसे छोड़ दें। इसमें आपको बहुत सी शाखाएं देखने को मिलेंगी। अब आपको इस बात का विशेष ध्यान रखना है कि पौधों में एक-दूसरे की शाखाएं एक दूसरे से टकराएं नहीं। अब आप इसमें जो अधिक शाखाएं निकली हैं उन्हें बाहर निकालना और आगे जो स्वस्थ शाखाएं हैं सिर्फ उन्हें ही रखना है। आप इसमें 8-10 से शाखाओं को छोड़कर बाकी सब को छोड़ दें।

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  • उगाएं इस बगीचे में सब्जियां और फल

जब आपने इन पौधों को काटा है उस दौरान नमी के लिए आपको इसमें सिंचाई करनी होगी। साथ ही यहां आप अन्य खेती भी कर सकते हैं जिससे आपको आय मिलता रहे। आप चाहे तो मूंग या फिर चना आदि की बुआई यहां कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त आप चाहें तो पपीता या फिर अन्य सब्जियों तथा फलों की खेती भी कर सकते हैं जो जल्द ही तैयार होते हों।

आप अपने पौधों को पूर्ण रूप से तब काटें जब ये 25 साल पुराने हो जाएं और इसकी शाखाएं एक दूसरे से टकराने लगे। साथ ही आप जब इसे काटें तब इस बात का ध्यान रखें कि फलों की तुराई हो चुकी हो। इससे आपका पौधा भी नया होगा और आप फल भी प्राप्त कर चुकें होंगे।

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